सरकार की प्राथमिकता कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करना विभाग की जिम्मेदारी: मंत्री मोहन मरकाम रायपुर. आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत...
सरकार की प्राथमिकता कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करना विभाग की जिम्मेदारी: मंत्री मोहन मरकाम
रायपुर.
आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री मोहन मरकाम ने कहा है कि सरकार
की प्राथमिकता के कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करना विभाग के अधिकारियों
और कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और
रोजगार पर विशेष ध्यान दे। शासन की योजनाओं का लाभ इन वर्गों को मिले यह
सुनिश्चित करें। आश्रम-छात्रावासों में कमियों को दुरुस्त कर ले। मंत्री
मरकाम आज आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान नवा रायपुर, अटल नगर के
सभा कक्ष में रायपुर एवं दुर्ग संभाग में विभाग द्वारा संचालित योजना के
काम-काज की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति
विकास डी.डी. सिंह, आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी सहित विभाग के वरिष्ठ
अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री मरकाम ने निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए
प्रगति की जानकारी ली और संभाग के अधिकारियों को विभाग के निर्माण में
तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा संचालित आश्रम और
छात्रावास निर्माण और मरम्मत के लिए पर्याप्त राशि स्वीकृत की गई है। बरसात
के मौसम में रंगाई-पोताई कार्य को छोड़कर अन्य कार्यों को 10 अगस्त तक
पूर्ण कर लिया जाए। छात्रावास एवं आश्रम संचालन के दिशा-निर्देशों का पालन
और समय-समय पर आकस्मिक निरीक्षण भी करें। आश्रम-छात्रावासों में साफ-सफाई
पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में बच्चों को ताजा
भोजन, मानसून में बच्चों को पानी उबालकर पीने के लिए दिया जाए। बीमार होने
पर बच्चों का तत्काल इलाज कराएं। छात्रावास-आश्रम संचालन के संबंध में
अधीक्षकों की बैठक लेकर उन्हें सभी जरूरी हिदायतें दे तथा आश्रम-छात्रावास
अधीक्षक मुख्यालय में रहना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी
आश्रम-छात्रावासों में मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। आकस्मिक निरीक्षण के
समय कमी पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री
मरकाम ने वन अधिकार पत्र के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा
कि सभी वन अधिकार पत्रधारियों को वन अधिकार ऋण पुस्तिका वितरित की जाए,
जिससे वे शासन की सभी योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि जिनको वन
अधिकार पत्र प्रदान किया गया है, उन्हें अन्य विभागों की योजना से अभिसरण
कर लाभान्वित किया जाए। जिन गांवों में अन्य विभागों से कार्य कर लाभान्वित
करने की योजना तैयार कर ली गई हो, उन गांवों को आदर्श गांव घोषित करने की
कार्रवाई की जाए। बैठक में बताया गया कि रायपुर संभाग में 53 हजार 554 और
दुर्ग संभाग में 32 हजार 855 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किए जा चुके
हैं। रायपुर संभाग में 3 हजार 109 और दुर्ग संभाग में 3 हजार 726 सामुदायिक
वन अधिकार का वितरण हो चुका है। इसी प्रकार रायपुर संभाग में 369 और दुर्ग
संभाग में 138 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र का वितरण किया जा चुका है।
विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के वन अधिकारों की प्रगति की जानकारी देते
हुए अधिकारियों ने बताया कि रायपुर संभाग में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र 3
हजार 803, सामुदायिक वन अधिकार 477 और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र 45
वितरित किए जा चुके हैं। दुर्ग संभाग में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र 2 हजार
718, सामुदायिक वन अधिकार 240 और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र 19
वितरित किए जा चुके हैं। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्रों में वन अधिकार पत्रों
का वितरण किया गया है। बैठक में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में मेस
संचालन की जानकारी ली गई। अधिकारियों ने बताया कि आश्रम-छात्रावासों के
विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति एक हजार रूपए से बढ़ाकर 1500 रूपए कर दी गई
है। छात्रवृत्ति के लिए आधार सीडिंग हुई है। मंत्री मरकाम ने कहा कि जिन
विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं हुई है, वहां आधार सीडिंग कराने
अभियान चलाकर कार्रवाई की जाए। प्रयास आवासीय विद्यालयों से विभिन्न
प्रतियोगी परीक्षाआंें में चयनित एवं प्रवेशित विद्यार्थियों की जानकारी
देते हुए बताया कि वर्ष 2017 से 2022 तक आईआईटी में 66, एनआईटी व समकक्ष
में 171, इंजीनियरिंग कॉलेज में 303 और एमबीबीएस में 20 विद्यार्थी चयनित
हुए हैं। इसके साथ ही विगत वर्षों में सीए, सीएस, सीएमए से 30 तथा क्लैट से
03 विद्यार्थी सफल हुए हैं। रायपुर और दुर्ग संभाग में 05 नवीन प्रयास
आवासीय विद्यालय शुरू किए जाएंगे, इनमें अनुसूचित जाति वर्ग बालकों के लिए
पाटन, कन्या के लिए रायपुर, अन्य पिछड़ा वर्ग के बालकों के लिए रायपुर और
बालोद में बालक एवं कन्या वर्ग के लिए प्रारंभ किया जाना शामिल है। मंत्री
मरकाम ने देवगुड़ी निर्माण की समीक्षा करते हुए कहा कि आदिवासी पुरातन
संस्कृति को संरक्षण करने तथा श्रद्धा स्थलों देवगुड़ी ग्राम देवता स्थलों
का परीक्षण एवं विकास करने के उद्देश्य से योजना संचालित की जा रही है।
देवगुड़ी ग्रामीणों की आस्था का केंद्र है। देवगुड़ी विकास के कार्य
प्राथमिकता के साथ पूर्ण किया जाए। शासन द्वारा प्रति देवगुड़ी निर्माण के
लिए 1 लाख रूपए की राशि दी जाती है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा
जिलों के भ्रमण एवं प्रवास के दौरान देवगुड़ी निर्माण कार्य की घोषणा के
परिप्रेक्ष्य में आकस्मिकता निधि से 2550 लाख रूपए की अग्रिम राशि स्वीकृत
की है। योजना के तहत रायपुर एवं दुर्ग संभाग में वर्ष 2022-23 में 103
देवगुड़ी निर्माण के लिए 151.50 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की है, इनमें
से 29 कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा 74 कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार वर्ष
2023-24 में 49 देवगुड़ी निर्माण के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। बैठक में
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की प्रगति की समीक्षा के साथ ही आदर्श
ग्राम घोषित करने के संबंध में जानकारी ली गई। अत्याचार निवारण अधिनियम के
तहत पीसीआर एवं पीओए-एक्ट के क्रियान्वयन के संबंध में जिला स्तरीय समिति
की नियमित बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए। बैठक में विशेष रूप से
कमजोर जनजाति अभिकरण, प्रकोष्ठ को केंद्रीय क्षेत्र अंतर्गत आबंटित एवं
स्वीकृत कार्यों, संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद अंतर्गत स्वीकृत कार्यों
की प्रगति की भी समीक्षा की गई।