Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


स्वरूपानंद महाविद्यालय में मुंशी प्रेमचंद जयंती का आयोजन

  भिलाई । असल बात न्यूज़।।    स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर कहानी पठन एवं मुंशी...

Also Read

 भिलाई ।

असल बात न्यूज़।।   

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको भिलाई में मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर कहानी पठन एवं मुंशी प्रेमचंद के साहित्य पर आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों की दर्ज उपस्थिति, उनका कहानी पठन एवं वाचन साथ ही प्रश्नों को उत्तर देने की शैली दर्शाता है अभी भी मुंशी प्रेमचंद का साहित्य युवाओं द्वारा प्रमुखता से पढ़ी जाती है व वे उसकी लेखन क्षमता एवं जीवन मूल्यों से प्रभावित है।

कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए विभागाध्यक्ष हिंदीं डॉ. सुनीता वर्मा ने बताया हिंदी और उर्दू पर समान अधिकर रखने वाले प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में ग्रामीण जीवन के जीवन मूल्यों की स्थापना की उनकी रचनायें यथार्थ की पृष्ठ भूमि पर लिखी गई है।  जहां समाज धर्म, संस्कृति गाँव व शहर का व्यापक चित्रण हुआ है भारतीय ग्रामीण जीवन की बारीकियों का चित्रण जितना प्रेमचंद के साहित्य में हुआ है, उतना किसी में नहीं।

महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया सभी मुंशी प्रेमचंद को कहानीकार व उपन्यासकार के रूप में जानते है पर आजादी के समय उन्होंने हंस व जागरण पत्रिका निकाली। उन्होने इसके माध्यम से अंग्रेजी शासन के विरूद्ध लोगों में अलख जगाई।

स्वरूपानंद महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व शंकराचार्य नर्सिंग महाविद्यालय की मुख्य कार्यकारिणी अधिकारी डॉ. मोनिषा शर्मा ने मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर कार्यक्रम आयोजन के लिये हिन्दी विभाग को बधाई दी व आशा व्यक्त की इससे विद्यार्थी मुंशी प्रेमचंद के साहित्य से परिचित हो उनमें निहित जीवन मूल्यों को आत्मसात कर सकेंगे। यही मुंशी प्रेमचंद की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

 इस अवसर पर मुंशी प्रेमचंद के साहित्य व पाठ्यक्रम में संकलित व बड़े भाई साहाब कहानी विद्यार्थियों को डॉ. सुनीता वर्मा ने सुनाया व उससे संबंधित प्रश्न जैसे प्रेमचंद ने  साहित्य से नाता किस से जोड़ा? प्रेमचंद के बचपन का क्या नाम था? उर्दू  में किस नाम से लिखते थे? उनके किस उपन्यास को महाकाव्यात्मक व कालजयी उपन्यास माना जाता है? बड़े भाई साहाब किस शैली में लिखी गई है? बड़े भाई वर्तमान शिक्षा प्रणाली के विरूद्ध क्यों है? प्रेमचंद ने अपने साहित्य में किस को अपने कथा का आधार बनाया?  लेखक अपने बनाये टाइम टेबल पर अमल क्यों नहीं कर पाते थें? आदि प्रश्न पूछे गये। जिसका उत्तर देने में विद्यार्थियों की होड़ मची हुई थी। सही उत्तर देने वाले विद्यार्थियों नितिन कुमार साहू ,पारस कुमार देवांगन, ऋषभ दिव्या श्याम बीए प्रथम वर्ष, विनोद कुमार, गीतेश साहू बीएससी प्रथम वर्ष कुमारी यामनी, स्नेहा जैन, गोपिका वर्मा बीसीए प्रथम वर्ष, सरिता गुप्ता, अंश उइके बीकॉम प्रथम वर्ष को पुरूस्कृत किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिंदी ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. मीना मिश्रा विभागाध्यक्ष गणित, स.प्रा. संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी, स.प्रा. कामिनी वर्मा, गणित स.प्रा. जमुना प्रसाद कम्प्यूटर सांइस ने विशेष योगदान दिया।