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परिवार का एक बेटा बस्तर बटालियन में भर्ती हो गया ये बात नक्सलियों को रास नहीं आई, कर दिया गांव छोड़ने का फरमान जारी

 पीड़ित परिवार ने दंतेवाड़ा के एक गांव में लिए हुए है शरण दंतेवाड़ा।    छ्त्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कुटरु के दरभा गांव से नक्सलियों ने एक पर...

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 पीड़ित परिवार ने दंतेवाड़ा के एक गांव में लिए हुए है शरण

दंतेवाड़ा। 

 छ्त्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कुटरु के दरभा गांव से नक्सलियों ने एक परिवार को गांव से निकाल दिया है। दरअसल, परिवार का एक बेटा बस्तर बटालियन में भर्ती हो गया ये बात नक्सलियों को रास नहीं आई और पूरे परिवार को गांव छोड़ने का फरमान जारी कर दिया। इसके बाद अपने समान, मवेशी सब लेकर परिवार दंतेवाड़ा के एक गांव में शरण लिया हुआ है। बता दें कि सुरक्षा गत कारणों से गांव के नाम का उल्लेख नहीं किया जा रहा है। बस्तर बटालियन में भर्ती हुए रमेश कुहरामी के पिता कुम्मा ने बताया नक्सली बेटे को वापस बुलाने की मांग कर रहे थे। बुजुर्ग ने बताया उसे गांव से आंखों में पट्टी बांध कर नक्सली जंगलों में ले गए थे। वहीं पर नक्सलियों ने फरमान सुनाया कि बेटे को वापस बुलवाओ या फिर गांव छोड़ कर चले जाओ। नहीं तो पूरे परिवार को घर के अंदर बंद कर जला देंगे। खेती-बाड़ी छोड़ कर कुम्मा अपनी पत्नी भीमे, छोटा बेटा संनकु, रिंकू, लक्खो, बहु सोमडी, नाती सुखराम, नातिन मीना को लेकर दंतेवाड़ा के एक गांव में रुके हुए हैं।

धान के लगे खेत छोड़ कर आए

कुटरू के दरभा गांव से नक्सली पीड़ित परिवार धान के लगे अपने खेतों को छोड़ कर जान बचाने के लिए सब कुछ छोड़ कर चले आए हैं। ग्रामीणों ने बताया 40 साल से अधिक समय से दरभा गांव में रह रहे थे। रमेश के भाई ने बताया ओ आश्रम में चपरासी का काम करता था। सब कुछ छोड़ कर आ गया है। नाती की पढ़ाई भी छुट गई है। बुजुर्ग कुम्मा ने बताया उसका नाती दरभा के बालक आश्रम में चौथी क्लास में पढ़ाई करता था। उसकी पढ़ाई भी अब छूट जाएगी।

मुर्गी सेड में रह रहा परिवार

कुटरू से नक्सलियों द्वारा भगाया गया परिवार दंतेवाड़ा के जिस घर मे रुके हुए है, उस परिवार का भी कच्चा माकन हैं। रिश्तेदारों को शासन के द्वारा बनाए गए मुर्गी सेड में जगह दी गई है। कुटरू से पहुंचे परिवार ने बताया राशन, पानी की दिक्कत हो रही है। बीजापुर जिले का राशन कार्ड उनके पास है। अभी रिश्तेदारों के द्वारा मदद की जा रही है।