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हत्या और कृकृत्य के मामले में मुख्य अभियुक्त को अंतिम सांस लेने तक के आजीवन कारावास की सजा, वहीं अपराध के साक्षय के विलोपन के आरोपी को 5 साल के सश्रम कारावास की सजा, दोनों अभियुक्त हैं पिता-पुत्र

हत्या और कृकृत्य के मामले में मुख्य अभियुक्त को अंतिम सांस लेने तक के आजीवन कारावास की सजा, वहीं अपराध के साक्षय के विलोपन के आरोपी को 5 साल...

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हत्या और कृकृत्य के मामले में मुख्य अभियुक्त को अंतिम सांस लेने तक के आजीवन कारावास की सजा, वहीं अपराध के साक्षय के विलोपन के आरोपी को 5 साल के सश्रम कारावास की सजा, दोनों अभियुक्त हैं पिता-पुत्र 

दुर्ग।

 असल बात न्यूज़।।   

         00  विधि संवाददाता    

यहां पाटन के खोरपा नाले में मिली लाश के प्रकरण में न्यायालय का फैसला आ गया है। न्यायालय ने मामले में मुख्य अभियुक्त को अनुसूचित जाति की महिला की हत्या के आरोप में अंतिम सांस लेने तक के आजीवन कारावास  और एक हजार रु के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं इसमें सहआरोपी को मृत व्यक्ति की संपत्ति का बेईमानी पूर्ण तरीके से दुरुपयोग करने और अपराध के साक्ष्य का विलोपन करने के आरोप में 5 वर्ष का सश्रम कारावास और एक हजार रु अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम शैलेश कुमार तिवारी के न्यायालय ने सजा सुनाई है। प्रकरण में उक्त दोनों आरोपी पिता-पुत्र हैं। मुख्य आरोपी पिता है। 

यह प्रकरण 26 जून 2020 का है। खोरपा नाले के पास एक बोरी में एक महिला की लाश मिली थी। इस मामले में उतई निवासी मुख्य अभियुक्त ओभान साहू 63 वर्ष को पकड़ा गया। वही उसके पुत्र उमेश साहू को प्रकरण में साक्षय छिपाने में सहयोग करने के आरोप में पकड़ा गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार मामले के तथ्य इस प्रकार हैं कि मुख्य आरोपी ने पैसे का लालच देकर उसके साथ बार-बार बलात्कार किया और 26 जून 2020 को 12:00 बजे गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी तथा स्वयं को वैध दंड से  प्रतिच्छादित करने के आशय से लाश को एक बोरी में सील कर अपने बेटे के साथ मिलकर कार से ले जाकर खोरपा नाले के पास फेंक दिया। वहीं मृतका के मोबाइल सिम को भी तोड़कर खोरपा नाले के पास फेंक दिया था।

मृतिका थाना उतई स्थित आवास पारा सोमनी में निवास करती थी।मृतिका की उसके परिवार वालों ने ही पहचान की। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी के द्वारा मृतिका को गला घोट कर हत्या कर दी गई।और उसमें  उनका पुत्र शव बोरी में भरकर सहयोग किया था।मृतिका की फोटो एवं जप्तशुदा सामानों को देखकर उस की शिनाख्त की गई थी।

मेमोरेंडम साक्षी दिलीप देश लहरे और संजू देश लहरे के समक्ष आरोपी ओमान साहू से पूछताछ होने पर उन्होंने घटना का अंजाम देना स्वीकार किया। इसी साक्षी के समक्ष आरोपी उमेश ने भी विवरण बयान में अपने पिताजी के कहने पर मृतका  कंचन बाई के शव को बोरे में भरकर खोरपा नाले में ले जाकर  जाकर फेंकना स्वीकार किया। न्यायालय ने माना कि अभियोजन का पूरा मामला प्रत्यक्षदर्शी साक्षया पर आधारित ना होकर परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है।

न्यायालय ने प्रकरण में दोष सिद्ध होने पर मुख्य अभियुक्त ओभान साहू निवासी उतई उम्र 63 वर्ष को धारा 302 के अपराध में अंतिम सांस लेने तक के आजीवन कारावास एवं ₹एक हजार रुपए के अर्थदंड और धारा 376 (2)6 का अपराध में आजीवन कारावास तथा एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं सहअभियुक्त उमेश साहू को धारा 404 के अपराध में तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा धारा 201 के आरोपी 5 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹1000 अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।


प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजकुमार देवांगन ने पक्ष रखा।

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