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अनुसूचित जाति क्षेत्रों के पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से मिलकर कहा-नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भाजपा के नेताओं, जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हो रही है

  रायपुर। असल बात न्यूज़।।     राज्य के आदिवासी बाहुल्य इलाकों के कई पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से आज मुलाकात की है और कई गंभीर शिकायतें की ...

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रायपुर।

असल बात न्यूज़।।    

राज्य के आदिवासी बाहुल्य इलाकों के कई पूर्व विधायकों ने राज्यपाल से आज मुलाकात की है और कई गंभीर शिकायतें की है। ये सभी विधायक भाजपा के हैं। इन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन देकर आरोप लगाया है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भाजपा के नेताओं, जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हो रही है। पूर्व विधायकों ने यह आरोप भी लगाया है कि प्रदेश में उनकी सुरक्षा को कम करने का षड्यंत्र किया जा रहा है।

 जिन विधायकों ने महामहिम राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से सौजन्य भेंट की है उनमें शिष्टमंडल में डॉ. सुभाऊ कश्यप, भोजराज नाग, लच्छू कश्यप, बैदू कश्यप, पिंकी शिवराज शाह और श्रवण मरकाम शामिल थे।भाजपा के इन पूर्व विधायकों ने राज्यपाल श्री हरिचंदन को  एक ज्ञापन भी सौंपा है जिसमें उक्त शिकायतों का उल्लेख किया गया है।राज्यपाल से मिलकर भाजपा पूर्व विधायकों ने कहा कि भया दोहन कर कांग्रेस सरकार फिर से सत्ता हासिल  करना चाहती है। इसी कड़ी में पूर्व विधायको की सुरक्षा व्यवस्था को काम कर उसे प्रभावित करने की कोशिश की गई है।

भाजपा के पूर्व विधायकों के शिष्टमंडल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कई जिले एवं विधानसभा क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्रों में आते हैं। प्रदेश का एक हिस्सा वामपंथ उग्रवाद से भी प्रभावित है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में आगामी महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे समय में प्रदेश की कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के उन पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कमी करने का निर्णय लिया है, जो संवेदनशील क्षेत्र में या तो निवास करते हैं या इन क्षेत्रों में इनका प्रवास होता है। राज्यपाल श्री हरिचंदन को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने दिनांक 16 जून, 2023 को एक पत्र जारी करते हुए पूर्व विधायकों की सुरक्षा कम करने का निर्देश दिया है। सरकार ने इस निर्देश को लेकर 22 मई, 2023 को प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की बैठक के बाद की गई अनुशंसा को आधार बनाया है। पूर्व विधायकों ने यह आरोप लगाया है कि प्रदेश के संवेदनशील क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा से प्रदेश की कांग्रेस सरकार खिलवाड़ कर रही है। पूर्व विधायकों का कहना है कि जिस प्रकार से संवेदनशील क्षेत्रों में राजनीतिक रूप से सक्रिय विपक्षी भाजपा नेताओं की सुरक्षा को कम किया गया है, वह भी किसी राजनीतिक कुनीति और षड्यंत्र की ओर संकेत देता है।

इस संबंध में आँकड़े पेश करते हुए पूर्व विधायकों ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 4 वर्षों में नक्सली माओवादी समूह के द्वारा की गई जनप्रतिनिधियों की हत्याएँ भी इसकी गवाही देती है। पूर्व विधायकों के द्वारा रखे गए आँकड़ों के अनुसार अप्रैल 2019 से लेकर मार्च 2023 तक छत्तीसगढ़ में माओवादियों के द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों में कुल 33 जनप्रतिनिधियों तथा राजनीतिक रूप से सक्रिय लोगों की हत्या की गई है। पिछले 6 माह में ही भाजपा के चार कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हुई है। ऐसे में पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कमी करना मानवीयता की दृष्टि से भी अनुचित है।

पूर्व विधायकों के शिष्टमंडल ने राज्यपाल से संवेदनशील क्षेत्रों में पूर्व विधायकों को पूर्व की भाँति बहाल सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने का आग्रह किया है।