मतांतरण के विरोध में ग्राम सभा के निर्णय लागू करवाने की मांग लेकर कलेक्टरोट कार्यालय पहुंचे तारागांव ग्रामीण जगदलपुर. छत्तीसगढ़ में अगले ...
जगदलपुर.
छत्तीसगढ़ में अगले कुछ माह में होने वाले चुनाव के पहले बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा के तारागांव में ग्राम सभा ने मतांतरितों के मतदान अधिकार को प्रतिबंधित कर दिया है। ग्राम सभा ने मतांतरितों को जाति से भी वंचित करने का निर्णय लिया है। मतांतरण के विरोध में ग्राम सभा ने मतांतरितों को जल, जंगल, जमीन से वंचित करने सहित 19 बिंदुओं पर निर्णय लिया है। इन निर्णयों को लागू करवाने के लिए गांव के करीब एक हजार ग्रामीण ने कलेक्टोरेट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर विजय दयानंद के. को ज्ञापन दिया है।
ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर मतांतरितों को जल, जंगल, जमीन के अधिकार भी छीने
बस्तर में तेजी से बढ़ते अवैध मतांतरण से आदिवासी संस्कृति के नष्ट होने के संभावित खतरे की स्थिति को भांपते हुए दर्जनों पंचायत में ग्राम सभा की ओर से इसी तरह के निर्णय पारित किए जा रहे हैं। तारागांव पंचायत में ग्राम सभा के निर्णय के अनुसार मतांतरित अब गांव के जलस्त्रोत का उपयोग मतांतरित नहीं कर सकेंगे। मतांतरितों को सिर्फ सरकारी हैंडपंप व नल-जल योजना के पानी का उपयोग करने की अनुमति रहेगी। ग्राम सभा का मानना है कि गांव के जलस्त्रोतों का उपयोग ग्राम देवी-देवताओं के पूजा व विधान के लिए किया जाता है। मतांतरितों के इस पानी का उपयोग करने से गांव के पारंपरिक नियम का उल्लंघन होगा, जिससे गांव पर आपदा आ सकती है। मतांतरितों को जल-जंगल, जमीन से भी वंचित करने का निर्णय लिया गया है। ग्राम सभा का मानना है कि क्योंकि मतांतरण के बाद वे अपना मत बदल चुके हैं, इसलिए पूर्व जाति से भी वंचित होंगे। मतांतरित राशन कार्ड में अपने मत का उल्लेख करें, तभी राशन दिया जाए। मतांतरितों के गांव के अंदर अन्य धर्म के दुकानों से सामान खरीदने पर भी प्रतिबंध रहेगा। यहां तक की मतांतरितों के शव भी गांव की सीमा के अंदर दफनाए नहीं जाएंगे।अपर कलेक्टर बस्तर हरेश मंडावी ने कहा, मौलिक अधिकार पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। यदि ग्राम सभा में इस तरह का निर्णय लिया गया है तो न्यायोचित कार्रवाई करेंगे। संभागीय अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज प्रकाश ठाकुर ने कहा, मतदान के अधिकार पर प्रतिबंध लगाना अनुचित है। लोकुर समिति की रिपोर्ट के अनुसार मतांतरित को जातिगत लाभ नहीं मिलेगा। इसे छत्तीसगढ़ में भी लागू किए जाने की आवश्यकता है।
मतांतरण के विरुद्ध में ग्राम सभा में पारित निर्णय
.तारागांव की सीमा के अंदर किसी भी धार्मिक, शासकीय कार्यक्रम, भूमि-खरीदी बिक्री से पहले ग्राम सभा की अनुमति लेनी होगी।
.गांव में तीज-तिहार, शादी-विवाह के लिए ग्राम सभा की अनुमति लेनी होगी।
.तारागांव की सीमा के अंदर मतांतरितों के शव दफनाने पर प्रतिबंध रहेगा।
.गांव की सीमा के अंदर बाहरी धार्मिक त्योहारों के मनाने पर प्रतिबंध रहेगा।
.मतांतरितों के घर व खेत में गांव के लोग काम करने नहीं जाएंगे। ऐसा करते पाए जाने पर पांच हजार पांच सौ एक्यावन रुपये का दंडशुल्क देना होगा।
.मतांतरितों के किसी भी दस्तावेज पर गांव के सरपंच, उपसरपंच, पंच हस्ताक्षर नहीं करेंगे।
.मतांतरितों को गांव में किसी भी तरह के मतदान से वंचित किया जाएगा।