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कांग्रेस सरकार में हुए शिक्षा तबादला घोटाले की न्यायिक जांच हो - ओपी चौधरी

  *कांग्रेस बताएं शिक्षा तबादला घोटाले का सरगना कौन है? -  रायपुर। असल बात न्यूज़।।      भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने राज्य में शि...

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*कांग्रेस बताएं शिक्षा तबादला घोटाले का सरगना कौन है?

रायपुर।

असल बात न्यूज़।।   

 भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने राज्य में शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग तथा उसके बाद उसमें संशोधन में भारी भ्रष्टाचार होने, बड़ी राशि लिए जाने का आरोप लगाते हुए इन पूरे मामले की न्यायिक जांच करने की मांग उठाई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पदोन्नति होने के बाद पद स्थापना के लिए काउंसलिंग का आयोजन ही नहीं किया। यह जो एनीमेशन भ्रष्टाचार हुआ है और प्रदेश सरकार के संगठन के बिना नहीं किया जा सकता और इसमें कांग्रेसी नेताओं का भी सीधा हाथ है।

श्री चौधरी ने पत्रकार वार्ता लेकर उक्त आरोप लगाए हैं । उन्होंने कहा कि यह मामला बेहद संवेदनशील इसीलिए भी है क्योंकि यह प्रदेश की पूरी शिक्षा प्रणाली को दूषित कर रहा है।  छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को मुख्यमंत्री जी ठीक तो नहीं कर सके, लेकिन शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में लेन-देन का खेल जरूर कर दिया। इसे शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे जी ने भी स्वीकारा है। प्रदेश में सेटिंग एवं एटीएम की सरकार हो गई है। 

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री चौधरी ने कहा कि पहले सहायक शिक्षक से प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर की पदोन्नति की व्यवस्था थी जिसमें 15000 पदों के लिए पदोन्नति की गई जो सहायक शिक्षक से प्राइमरी स्कूल के हेड मास्टर बने। पदोन्नति होने के बाद पद स्थापना के लिए काउंसलिंग का आयोजन ही नहीं किया। जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब सभी पद काउंसलिंग के आधार पर दिया जाता था एक पारदर्शी व्यवस्था के तहत किया जाता रहा लेकिन दुर्भाग्य की बात रही 15000 पदों में प्रमोशन देने के बाद पद स्थापना के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कोई काउंसलिंग की व्यवस्था नहीं किया। सहायक शिक्षक से शिक्षक एवं शिक्षक से मिडिल स्कूल के शिक्षकों के 12000 पदों के लिए काउंसलिंग तो की गई लेकिन पद स्थापना भारी मात्रा में पैसा लेकर किया गया। 

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री चौधरी ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं के समर्थन से चल रहे शिक्षक तबादला घोटाले में जिस प्रकार की खबरे जनता के बीच आयी हैं, वह कांग्रेस की भ्रष्टाचारी मानसिकता का पुख्ता प्रमाण है। जॉइंट डायरेक्टर द्वारा 778 शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश संशोधित किए गए थे, जिसमें लाखों रुपए का लेनदेन हर शिक्षक से किया गया था। कांग्रेस जवाब दे इस घोटाले के पीछे किसका हाथ है? पैसों का लेन-देन कर बिलासपुर के शिक्षकों को रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और मरवाही जिले के स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया गया था और दूसरे जिलों के शिक्षकों को बिलासपुर ट्रांसफर कर दिया गया था। पैसे लेकर शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया में हो रही अनियमितता की शिकायत तो खुद कई कांग्रेस के नेताओं ने भी की है। 

उपर्युक्त आरोप लगाते हुए भाजपा महामंत्री श्री चौधरी ने मुख्यमंत्री से भी कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा है कि आखिर माननीय हाईकोर्ट को शिक्षकों का तबादला आदेश निरस्त क्यों करना पड़ा?15 हजार शिक्षकों की प्राइमरी स्कूल हेड मास्टर में प्रमोशन के बाद पदस्थापना में काउंसलिंग क्यों नहीं की गई? 12 हजार शिक्षकों के प्रमोशन के बाद पदस्थापना में भारी पैसा लेकर संशोधन क्यों किया गया? आखिर इस भ्रष्टाचार के पीछे के मूल सरगना कांग्रेसियों पर कार्यवाही कब की जायेगी?तथा अधिकारियों पर कार्यवाही करके मोहरों को कब तक प्रताड़ित करेंगे? मुख्यमंत्री जी असली चेहरों को सामने लाने के लिए क्या न्यायिक जांच आयोग के गठन का साहस कब जुटा पायेंगे?

इस दौरान पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी मौजूद रहे।