Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण तथा कल्याण की जानकारी देने कार्यशाला

  दुर्ग ।  असल बात न्यूज़।।   छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के तत्वावधान में माता-पित...

Also Read

 


दुर्ग ।

 असल बात न्यूज़।।  

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के तत्वावधान में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 के संबंध में जानकारी देने कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में समाज और घर में माता-पिता व वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार तथा उनकी देख देख के बारे में जानकारी दी गई। पुलिस और चिकित्सा विभाग से इसमें कैसे मदद लिया जा सकता है इसके बारे में भी बताया गया। 

कार्यशाला में प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग संजीव कुमार टामक, नवम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 दुर्ग विवेक नेताम, षष्ठदस व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 दुर्ग कुमारी पायल टोप्नो, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के सचिव आशीष डहरिया प्रमुख रूप से उपस्थित थे। वही प्रतिभागियों के रूप में संयुक्त कलेक्टर दुर्ग अनुविभागीय अधिकारी धमधा  विनय कुमार सोनी, संयुक्त कलेक्टर दुर्ग अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पाटन विपुल कुमार गुप्ता, तहसीलदार धमधा सी एस कनवर, अतिरिक्त तहसीलदार दुर्ग प्रफुल्ल गुप्ता के अलावा लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम दुर्ग के समस्त काउंसिलगण, पैनल अधिवक्ता गण एवं विधिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के समस्त पैरालीगल वॉलिंटियर्स बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। 

कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग श्री टामक ने एक्ट की स्थापना माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकार दिलाने के लिए की गई है। उन्होंने बताया कि समाज के बदलते स्वरूप में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक किस तरह से अपने अधिकारों से वंचित हैं और इसके लिए समाज और घर किस तरह से जिम्मेदार हैं तथा उन्होंने इसमें समाज और घर की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित ट्रिब्यूनल के प्रतिभागियों अधिकारियों को ट्रिब्यूनल में संपादित होने वाले कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए एक्ट के तहत पुलिस विभाग, चिकित्सा विभाग तथा अन्य विभाग से किस तरह से मदद ले जा सकते हैं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पैरालेगल वॉलिंटियर्स को वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकार दिलाने के लिए विधिवत हर संभव मदद करने के लिए प्रेरित करते हुए कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों के सवालों का विधि अनुरूप समुचित उत्तर देते हुए संख्यओं का समाधान भी किया। 

रिसोर्स पर्सन नवम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 दुर्ग विवेक नेताम  ने अपने उद्बोधन में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए उक्त अधिनियम की धारा 4,7,10 धारा 11 एवं धारा 11(2) धारा 12, 15, 16, 23, 19, 20 24, 27 एवं धारा 34 की विस्तार से व्याख्या की। 

षष्ठदश व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 दुर्ग कुमारी पायल टोपनो ने अपने उद्बोधन में प्रतिभागियों को अधिनियम की धारा 32 के बारे में बताते हुए अधिनियम के प्रयोजन को कार्यान्वित  करने के नियमों में बताते हुए कहा कि मामला ट्रिब्यूनल में प्रस्तुत किया जा सकता है तथा उन्होंने ट्रिब्यूनल में मामला प्रस्तुत होने के उपरांत उसके निराकरण की प्रक्रिया के बारे में भी  जानकारी दी।