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चंद्रयान-3 ने की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस सफलता पर इसरो के वैज्ञानिकों सहित देशवासियों को दी बधाई और शुभकामनाएं

  नई दिल्ली, बेंगलुरु। असल बात  एक्सक्लूसिव।।     00  Live मिशन चंद्रयान 3    भारत देश का नाम अंतरिक्ष रिसर्च के क्षेत्र में दुनिया में बड़ा...

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 नई दिल्ली, बेंगलुरु।

असल बात एक्सक्लूसिव।। 

   00  Live मिशन चंद्रयान 3   

भारत देश का नाम अंतरिक्ष रिसर्च के क्षेत्र में दुनिया में बड़ा नाम हो गया है। देश के स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान तीन ने चंद्रमा की सतह पर दक्षिणी पोल पर सफलतापूर्वक उतरने में सफलता प्राप्त कर ली है। चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला अंतरिक्ष यान दुनिया में भारत का पहला अंतरिक्ष आना। चंद्रयान-3 लगभग 6:02 पर चंद्रमा की सतह पर उतर गया।

भारत देश के लिए आज बुधवार का दिन काफी सुकून भरा रहा है। भारत देश ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया में आज एक बड़ा कीर्तिमान रच दिया है। जिसकी पूरी दुनिया कई वर्षों से प्रतीक्षा कर रही है भारत ने आज वह कर दिखाया है। पूरी दुनिया के बड़े-बड़े विकसित देश चंद्रयान के साउथ पोल पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने का ख्वाब देख रहे हैं भारत ने यह स्वप्न पूरा करके दिखाया है।इस बहु प्रतीक्षित सफलता के मिलने के बाद भारत में कितनी खुशियां  मनाई जा रही है, इसकी कल्पना की जा सकती है। भारत का अंतरिक्ष यान, चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया है। इसके पहले यह भी बता दें कि भारत के साथ रसिया ने भी अपने चंद्रयान को चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने के मिशन पर काम शुरू किया था लेकिन उसका चंद्रयान लूना कुछ दिन पहले ही चंद्रमा पर पहुंचने के पहले ही क्रैश हो गया था। ऐसे में भारत के लिए यह सफलता और महत्वपूर्ण हो गई है।

चंद्रयान 3 से वैज्ञानिकों की टीम का लगातार संपर्क बना रहा। इसकी स्पीड को नियंत्रित करने के लगातार प्रयास किए जाते रहे और अंतिम समय में  स्पीड इतनी कम थी कि यान चंद्रमा के सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया।इस सफलता के मिलने के बाद हर जगह "भारत माता की जय" के नारे सुनाई दे रहे हैं। 

विक्रम लैंडर की चंद्रमा पर लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने के बाद भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने इसरो और चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े सभी लोगों को अपना बधाई संदेश दिया।

राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है, ''ऐसे दिन भी आते हैं जब इतिहास बनता है। आज, चंद्रयान-3 मिशन की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के साथ, हमारे वैज्ञानिकों ने न केवल इतिहास रचा है, बल्कि भूगोल के विचार को भी नया रूप दिया है! यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण अवसर है, ऐसी घटना जो जीवनकाल में एक बार होती है, जिससे सभी भारतीयों को गर्व होता है। मैं इसरो और इस मिशन में शामिल सभी लोगों को बधाई देता हूं, और उन्हें आगे और बड़ी उपलब्धियों की कामना करता हूं।

उन्होंने कहा कि उनका  मानना ​​है कि चंद्रयान की सफलता भी संपूर्ण मानव जाति के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह दर्शाता है कि भारत ने मानवता की सेवा में आधुनिक विज्ञान के साथ-साथ अपने समृद्ध पारंपरिक ज्ञान का उपयोग कैसे किया है।

प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने टिप्पणी की है कि चंद्रयान -3 की विजय 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और क्षमताओं को दर्शाती है। 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा:

“चंद्रयान-3 की विजय 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं और क्षमताओं को दर्शाती है। 

नये क्षितिज और उससे आगे तक! 

🇮🇳 के लिए गर्व का क्षण।” 

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री नारायण राणे ने ट्वीट के जरिए चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर देशवासियों और पूरी इसरो टीम को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 के सपने को साकार करने में देश के वैज्ञानिकों के साथ-साथ एमएसएमई मंत्रालय का भी अहम योगदान है.

श्री राणे ने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय के तहत भुवनेश्वर टूल रूम ने मिशन के लिए 437 प्रकार के लगभग 54,000 एयरो-स्पेस घटकों का निर्माण किया। इसके अलावा, मंत्रालय के तहत एक अन्य संस्थान आईडीईएमआई मुंबई ने भी चंद्रयान-3 के लिए भागों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मिशन की सफलता भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद साबित होगी. ऐसे समय में जब देश आजादी का अमृतकाल मना रहा है, इस मिशन की सफलता निश्चित रूप से देश के अंतरिक्ष, विज्ञान और नवाचार क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगी।

श्री राणे ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। चरखे से लेकर चंद्रयान तक आज हर जगह एमएसएमई सेक्टर मौजूद है, जो देश की उत्पादन क्षमता बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का इतिहास असाधारण रहा है. उन्होंने कहा कि भविष्य में भी लॉन्च होने वाले अंतरिक्ष मिशनों में एमएसएमई क्षेत्र निश्चित रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


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