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'दो सावन' लगने से चखना सेंटर्स और मुर्ग मुसल्लम की दुकानों का धंधा चौपट

'दो सावन' लगने से चखना सेंटर्स और मुर्ग मुसल्लम की दुकानों का धंधा चौपट  रायपुर,दुर्ग,भिलाई।  असल बात न्यूज़।।      00 असल बात एक्स ...

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'दो सावन' लगने से चखना सेंटर्स और मुर्ग मुसल्लम की दुकानों का धंधा चौपट

 रायपुर,दुर्ग,भिलाई।

 असल बात न्यूज़।।   

 00 असल बात एक्सक्लूसिव

पिछले वर्षों में लोगों में धार्मिक प्रवृति काफी बढ़ी हुई दिख रही है और शाकाहार का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। पवित्र महीने सावन के महीने तो बड़े-बड़े खाने वाले लोग भी मांसाहार का परहेज करने लग गए हैं। यह प्रचलन कई लोगों को नुकसान भी पहुंचा रहा है। शाकाहार का खानपान बढ़ने से इसके धंधे से जुड़े लोगों को नुकसान पहुंच रहा है। अभी चखना सेंटर्स चलाने वाले और मुर्ग मुसल्लम का धंधा करने वाले रो रहे हैं।पवित्र सावन, इस साल दो महीने का है और मांसाहार के धंधे से जुड़े लोगों का कारोबार सावन मास के शुरू होते ही पूरा बैठ गया है।  

संत, महात्माओं, कथाकारो के प्रवचन, सोशल मीडिया के इस्तेमाल तथा राजनीतिक और धार्मिक जागरूकता के चलते हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार बढ़ता जा रहा है और इसके साथ हिंदू धर्म की मान्यताओं, परंपराओं, विचारों के प्रति आस्था भी बढ़ती जा रही है। संत, महात्माओ कथाकारों ने शाकाहार पर जोर दिया है। लोगों ने इसे स्वीकार किया है और अब सावन के पवित्र महीने में तो हर कोई शाकाहार अपनाता दिख रहा है। लाखों लोगों ने मांसाहार छोड़ दिया है। 

आज से दस बारह साल पहले तक फुटपाथ पर सिर्फ गुपचुप,चाट,दाबेली पोहा, जलेबी की दुकानें ही लगी दिखती ही थी। धीरे-धीरे सिनेरियो बदला। अब आजकल तो फुटपाथ पर मुर्ग मुसल्लम की दुकानों की बाढ़ आ गई है। स्ट्रीट वेंडर्स अभी यही धंधा कर रहे हैं क्योंकि इसमें उन्हें हर दिन बड़ी कमाई होती है,और इसमें बहुत अधिक लागत भी नहीं आती। जहां जहां शराब दुकानें चल रही हैं वहां आप बड़ी संख्या में चखना सेंटर से देख सकते हैं। और इन हर चखना सेंटर में बड़ी भीड़ दिख सकती है। काम की तलाश में बाहर से आने वाले ज्यादातर लोग यही धंधा शुरू कर रहे हैं। इन स्ट्रीट वेंडर्स को मालूम है कि कितनी भी घटिया मिर्ची खिला दो,कैसी भी हल्दी खिला दो,कोई भी तेल खिला दो, मैदा खिला दो, थोड़ा सा स्वाद मिले तो कोई उफ नहीं करने वाला। उनकी दुकान में भीड लग जाने वाली है। खासतौर पर युवाओं की भीड़, जिनमें नवयुवतियों भी बड़ी संख्या में शामिल हैं जो कि हमेशा जल्दी में रहते हैं। 

अभी सावन के पवित्र महीने में पता नहीं कैसे ?नई उम्र के लोग भी मुर्ग मुसल्लम की दुकानों में नहीं जा रहे हैं और मांसाहार नहीं खा रहे हैं।इसका असर प्रतिदिन मोटी कमाई करने वाले इन स्ट्रीट वेंडर्स के धंधे पर पड़ा है। एक स्ट्रीट वेंडर्स ने हमसे बातचीत करते हुए कहा कि यह जो हो रहा है हमारी दुकानों पर तो ताला लग जाने वाला है। लग रहा है कि हम लोगों को वापस लौटना पड़ेगा अपने घर।

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