रायपुर। असल बात न्यूज़।। 00 work of humanity छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,बिलासपुर के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राध...
रायपुर।
असल बात न्यूज़।।
00 work of humanity
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,बिलासपुर के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,रायपुर के द्वारा चलाए जा रहे बचपन बचाओ आंदोलन और प्रयास अभियान के तहत यहां बाल श्रम कर रहे दो बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है।ये दोनों बच्चे एक ही परिवार के सदस्य हैं और कोरोना काल में परिवार का कामकाज ठप हो जाने की वजह से मजबूरी में यहां बाल श्रम कर रहे थे। प्राधिकरण के पैरालीगल वॉलिंटियर्स टोपेंद्र कुमार वर्मा ने इन बच्चों को एक होटल में बाल श्रम करते पाया।अध्यक्ष/जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी के संज्ञान में इसके बारे में जानकारी लाई गई।जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री कुरैशी ने कहा है कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित नही रहने दिया जाएगा और ऐसे पीड़ित बच्चों को हर संभव निःशुल्क विधिक सहायता पहुचाई जाएगी।प्राधिकरण, महिला एवम बाल विकास तथा पुलिस प्रशासन के संयुक्त प्रयासो से ऐसे मामलों में अभी तक 350 से ज्यादा बच्चो का पुनर्वास किया जा चुका है।
वे बच्चे पिछले 20 जुलाई को को खमतराई थाना क्षेत्र के आगे उरकुरा स्टेशन मार्ग पर स्थित होटल में बाल श्रम करते मिले थे। जिनकी उम्र 14 वर्ष और उम्र 10 वर्ष को बाल श्रम करते हुए पाया गया। बच्चों ने पूछताछ में बताया था कि वे पढ़ाई करने विद्यालय नहीं जा पाते हैं इसलिए वह अपने घर में रहने के बजाय माता-पिता के साथ मदद करने के लिए होटल में काम करते हैं। बच्चे स्कूल क्यों नहीं जा पाते इसके बारे में उनके माता-पिता से बातचीत की गई। उनके माता-पिता ने बताया कि वे साँरगढ के निवासी हैं। कोरोना काल में उनका दुकान बंद होने से उनका व्यापार ठप्प हो गया जिसके कारण अब आजीविका के लिए वह रायपुर में आकर होटल चला रहे हैं। वह अपने बच्चों को विद्यालय भेजना चाहते हैं लेकिन सारंगढ़ स्थित एक विद्यालय के द्वारा बच्चों को टीसी नहीं दिया जा रहा था। जिसकी वजह से वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे थे।
पैरालीगल वालेंटियर श्री टोपेंद्र, श्री सचिन पांडेय के द्वारा उन्हें बालश्रम के बारे में और बालश्रम कराना अपराध है, बताया गया। नालसा की बच्चों की बाल सुलभ विधिक सहायता और उनका संरक्षण 2015 की निःशुल्क योजना के बारे में भी अवगत कराया गया। साथ ही साथ दोनों बच्चों की स्थानांतरण प्रमाण पत्र सारंगढ़ से लाने में पूर्ण सहयोग करने की बात भी कही गई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने बच्चों के इस तरह के पीड़ित होने की जानकारी सामने आने पर कहा कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित नही रहने दिया जाएगा और हर संभव निःशुल्क विधिक सहायता पहुचाई जाएगी।
बच्चों की समस्या के हल के लिए पैरा लीगल वालंटियर श्री टोपेंद्र वर्मा एवं श्री सचिन पांडे ने सारंगढ़ स्थित विद्यालय प्रबंधन से लगातार संपर्क और सामंजस्य स्थापित करके स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त कराया एवं शासकीय प्राथमिक शाला,भनपुरी एवं काशीराम शर्मा शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला,भनपुरी में प्रवेश दिलाया गया। दोनों बच्चों की पढ़ाई में 2 साल का गैप हो गया था अतः पैरा लीगल वालंटियर्स द्वारा 2 साल का गैप सर्टिफिकेट भी बनवा कर दिया गया और बच्चों के शिक्षा और उज्जवल भविष्य के लिए दिनांक 11/08/2023 को निशुल्क प्रवेश कराया गया एवं उनके माता पिता को समझाइश दी गई की वह बच्चों की शिक्षा पर भी गंभीर रूप से ध्यान दें व बच्चों से बाल श्रम ना कराएं।उनके माता-पिता द्वारा वादा किया गया कि हम भविष्य में कभी भी अपने बच्चों से बाल श्रम नहीं कराएंगे।
प्रवेश हो जाने के बाद बच्चों के माता-पिता द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,बिलासपुर के *प्रयास* अभियान, जिला न्यायाधीश ,और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायपुर के प्रति आभार व्यक्त भी किया गया।छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,बिलासपुर के मार्गदर्शन में जिला रायपुर में बचपन बचाओ आंदोलन बच्चों से जुड़े अपराधों में निःशुल्क विधिक सहायता और प्रयास अभियान के तहत बच्चों,महिलाओं और वृद्धजनों को भिक्षावृत्ति से हटाकर पुनर्वास कराया जा रहा है।इन दोनों योजनाओं में न्यायपालिका और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वालेंटियर्स सक्रिय रूप से भूमिका निभा रहे हैं।