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सबसे पहली सूची में 'पाटन' से उम्मीदवार घोषित कर भाजपा ने छत्तीसगढ़ में क्या 'कांग्रेस' को घेरने की नई रणनीति पर काम किया है ?

  रायपुर। असल बात न्यूज़।।    भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ की 21  विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को अचानक तय कर राजनीतिक गलियारे ...

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 रायपुर।

असल बात न्यूज़।।   

भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ की 21  विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को अचानक तय कर राजनीतिक गलियारे में आज नई हलचल पैदा कर दी है। इसमें सबसे अधिक सुर्खियों में पाटन विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार का नाम तय किया जाना है। भाजपा ने अपने उम्मीदवारों को तय करने की सूची में सबसे पहले 'पाटन' विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार का नाम तय किया है। हालांकि उसके साथ 20 और विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का नाम तय किया गया है लेकिन पाटन विधानसभा क्षेत्र इसमें अपने आप में अभी खास महत्व रखता है। छत्तीसगढ़ की राजनीति को जो समझते हैं उन्हें अभी के पाटन विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक महत्व मालूम है। अभी यह सीट मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है और बिना कुछ कहे बोला जा सकता है कि मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र होने की वजह से इस सीट का राजनीतिक महत्व स्वमेव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आने वाले चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का चेहरा है और कांग्रेस पार्टी ने उन पर पूरा भरोसा दिखाया है। भारतीय जनता पार्टी भी कहा जा सकता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बहुत ही टोंक बजाकर कदम उठा,बढ़ा रही है। संभवत, इसीलिए अपनी पहली सूची में उसने पाटन विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार का नाम तय कर दिया है।भाजपा ने यहां से सांसद विजय बघेल को टिकट देना तय किया है। श्री विजय बघेल इस विधानसभा क्षेत्र से पहले विधायक रह चुके हैं। कहा जा सकता है कि अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में ही पाटन विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार तय कर भाजपा ने एक तरह से मुख्यमंत्री को घेरने की भी कोशिश की है। आगे ऊंट किस करवट बैठेगा यह वक्त आने पर पता चलेगा। यह तो तय माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पाटन विधानसभा क्षेत्र में जमकर घमासान दिखेगा और छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश की नजर इस विधानसभा सीट की ओर रहेगी।

पिछली बार के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ में करारी पराजय का सामना करना पड़ा था। लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रहने वाली भाजपा को यहां के मतदाताओ ने पिछली बार सत्ता से बेदखल कर दिया। कहा जाता है कि उस बार पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी थी और उन लोगों ने भी पार्टी के लिए काम नहीं किया अथवा विरोध में काम किया। यही सब वजह पार्टी के पराजय का कारण रही। यहां के पार्टीगत हालात को देखते हुए बताया जा रहा है इस बार भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ की कमान संभाल ली है और आने वाले विधानसभा चुनाव में सबकुछ राष्ट्रीय नेतृत्व के द्वारा ही किया जा रहा है। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति किआज बैठक हुई तो उसमें छत्तीसगढ़ की 21 सीटों के लिए उम्मीदवारों का नाम तय कर दिया गया। बताया जा रहा है कि पार्टी की एक बड़ी टीम पिछले कई दिनों से छत्तीसगढ़ की विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक हालातों का सर्वे कर रही थी और उसकी रिपोर्ट के बाद कई नाम को तय किया गया है।

भाजपा की आज जो सूची जारी की गई है उसमें कई नामों का नहीं होना भी आश्चर्यजनक माना जा रहा है। रायपुर शहर के अंतर्गत आने वाली चार विधानसभा सीटों में से अभी किसी एक पर भी नाम नहीं तय किया गया है। इसके लेकर भी राजनीतिक गलियारे में भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। रायपुर शहर की इस सीटों पर पूर्व मंत्री विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पूर्व मंत्री राजेश मूरत के जैसे नाम भी हैं जो कि निश्चित रूप से अपने विधानसभा क्षेत्र से टिकट के दावेदार हैं लेकिन उनके नाम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। उससे तमाम तरह के अटकलबाजियों के बीच यह चर्चा भी चल रही है कि क्या इस बार कई पुराने चेहरों की टिकट कर सकती है और क्या यहां कई सारे नए चेहरे चुनाव मैदान में देखने को मिलेंगे। दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की आज जो पहली सूची जारी की है उसमें एक- दो को छोड़कर सभी नए चेहरे नए नाम दिख रहे हैं। राजनीतिक गलियारे में इस सूची को देखकर एक संदेश यह भी जा रहा है कि भाजपा इस बार छत्तीसगढ़ में कई पुराने चेहरों की टिकट काटने के मूड में है। पार्टी को संभवत यह समझ में आ रहा है कि कई पुराने चेहरों से मतदाता बोर हो चुके हैं और अब उनके सहारे पार्टी की नैया पर नहीं लगने वाली है। इसीलिए पार्टी,अब नए चेहरों की और आगे बढ़ रही है। जो सूची जारी की गई है उसमें पूर्व मंत्री रामविचार नेताम पुराने चेहरे के रूप में देखने को मिल रहे हैं। सांसद विजय बघेल भी पूर्व में संसदीय सचिव रह चुके हैं लेकिन वर्तमान में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।

राजनीति में कई बार ऐसा होता है कि एक क्षेत्र को बांध देने से विरोधियों को दूसरे क्षेत्र में आक्रामक होने में दिक्कत होने लगती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सांसद विजय बघेल के बीच पूर्व में भी मुकाबला हो चुका है जिसमें एक बार विजय बघेल को भी एक बार जीत मिली थी तब वे छत्तीसगढ़ सरकार में ससदीय सचिव बनाए गए थे। पिछले विधानसभा चुनाव में विजय बघेल को टिकट नहीं दी गई थी।

 कहा जा सकता है कि पाटन जो इस समय राजनीति का बड़ा केंद्र बन गया है से जो राजनीतिक संदेश निकलेगा उसका असर पूरे प्रदेश में दिखेगा। भारतीय जनता पार्टी भी संभवत इसे समझ रही है और छत्तीसगढ़ की राजनीति में अपने कदम मजबूत करने के लिए वह मुख्यमंत्री को जरूर घेरना चाहेगी। पाटन विधानसभा क्षेत्र के लिए पहले ही सूची में उम्मीदवार की घोषणा किए जाने को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है।

प्रत्याशी तय होने के बाद सांसद विजय बघेल ने मीडिया के लोगों से बातचीत की है। उन्होंने कहा है कि पार्टी ने उन पर भरोसा किया है तो वे पार्टी नेतृत्व को विश्वास दिलाते हैं कि पाटन की जनता के बदौलत और छत्तीसगढ़ में  कांग्रेस को पटखनी  देंगे। 

                       00  political reporter.