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ई डी की ताजा कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ में protection money, 65 करोड़ नगद राशि के साथ तमाम आपत्तिजनक दस्तावेजो की बरामदगी की,अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत जैसे आरोपों से मच रही है खलबली, गिरफ्तार लोगों के द्वारा अपनी भूमिका स्वीकार कर लेने के जैसी बातें भी चर्चा में

ऐसे ऐसे लगे हैं मुख्य रूप से आरोप, जो मचा सकते हैं बड़ी हलचल 0 एएसआई चंद्रभूषण वर्मा के कब्जे से लगभग 65 करोड़ नकद राशि मिली और आरोप है उन्ह...

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ऐसे ऐसे लगे हैं मुख्य रूप से आरोप, जो मचा सकते हैं बड़ी हलचल
0 एएसआई चंद्रभूषण वर्मा के कब्जे से लगभग 65 करोड़ नकद राशि मिली और आरोप है उन्होंने इस राशि में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत दी 
0 कई स्थानों पर तलाशी ली गई और भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए 
0 यह भी आरोप है कि पुलिस ने महादेव ऑनलाइन एप के सट्टा खाई वालों के खिलाफ कार्रवाई की लेकिन उसके बाद मई 2022 में पुलिस द्वारा की गई कुछ कार्रवाई के बाद रिश्वत भुगतान बढ़ाया गया 
0 ई डी की तरफ से दावा किया गया है कि गिरफ्तार आरोपियों ने अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है और रिश्वत का विवरण और इन रिश्वत के लाभार्थियों की सूची दी है 
0 राजनीतिक रूप से बड़े कार्यालय से जुड़े नेताओं को 'संरक्षण राशि' के रूप में वितरित करने का है आरोप 
0 खबर है कि गिरफ्तार आरोपियों ने विशेष रूप से बड़े कार्यालय से जुड़े उच्च पदस्थ अधिकारियों का नाम लिया है, जिन्होंने मासिक/नियमित आधार पर भारी रिश्वत प्राप्त की 
0 आरोपी महादेव एप सट्टा से जोड़ने के लिए वेबसाइटों पर संपर्क नंबर का विज्ञापन करते थे और लोगों को मुनाफा कमाने के लिए खेलने का लालच देते थे। यह आवाज भी सामने है कि ऐसे नंबरों पर केवल व्हाट्सएप पर ही संपर्क किया जा सकता था।

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।

असल बात न्यूज़।। 

प्रवर्तन निदेशालय की टीम के द्वारा यहां छापा मारकर गिरफ्तार किए गए हवाला ऑपरेटर दम्मानी बंधुओ और एएसआई चंद्रभूषण वर्मा सहित कुल चार आरोपियों को 6 दिन की कस्टडी बीतने के बाद न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय की टीम के द्वारा छत्तीसगढ़ में कई मामलों में जांच की जा रही है और इस कड़ी में उसके द्वारा जब छापे मारे जाते हैं तो पूरे छत्तीसगढ़ में हलचल मच जाती है और लोगों के द्वारा सभी मामलों को एक दूसरे से जोड़कर देखा जाने लगता है। लेकिन यह मामला अपने आप में अलग है। इस मामले का कोल परिवहन अवैध वसूली से कोई लेना देना नहीं है। यह उससे पूरी तरह से अलग मामला है। परंतु इस मामले के भी कई सारे तथ्य हैं जो पिछले मामलों की तरह ही हैं। इसमें भी अधिकारियों का नाम आ रहा है और इसमें भी प्रोटेक्शन मनी के तौर पर बड़ी राशि वसुलने  का आरोप है। एक एएसआई जो की पद में बहुत बड़ा अधिकारी नहीं है के पास से लगभग 65 करोड रुपए की नगरी राशि पाई गई है। कई स्थानों पर मारे गए छापे में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि गिरफ्तार आरोपियों ने अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है और इन रिश्वत में हिस्सा प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की सूची उसे दी है। 

सबसे पहले तो हम आप सभी को बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा महादेव ऑनलाइन एप के अपराध के विभिन्न मामलों में जांच की जा रही है और कार्रवाई की गई है प्रवर्तन निदेशालय ने इन्हीं मामलों में दर्ज अपराधों के आधार पर अपनी कार्रवाई शुरू की है। महादेव ऑनलाइन सट्टा के मामलों में दूसरे राज्यों में दर्ज अपराधों से जो रिकॉर्ड मिले हैं खास तौर पर विशाखापट्टनम से उसे भी ई डी ने अपनी जांच में शामिल किया है।छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा महादेव ऑनलाइन सट्टा के अपराध के मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है तथा बड़ी संख्या में  इससे जुड़े आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। लिखने के छत्तीसगढ़ राज्य में 2 महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और उसके पहले ऐसे बड़े चैन से पूरे राज्य भर में हलचल और खलबली मची हुई है और तरह-तरह के अटकलो का दौर भी चल रहा है। कांग्रेस ऐसे मामले में एड़ी पर लगातार आरोप लगा रही है तथा यह भी लगाया जा रहा है कि चुनाव को प्रभावित करने और एक विशेष पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह के छापे मारे जा रहे हैं। दूसरी तरफ यह भी उल्लेखनीय है कि ई डी को अपने छापों में ढेर सारे आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं जिसके आधार पर वह आगे भी रेड कार्रवाई कर सकती है।

इधर एक महत्वपूर्ण सवाल यह उछल रहा है कि महादेव ऑनलाइन बुक  मामले में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत सतीश चंद्राकर, हवाला ऑपरेटर अनिल और सुनील दम्मानी के साथ छत्तीसगढ़ पुलिस के एएसआई चंद्रभूषण वर्मा को गिरफ्तारी और उनको 6 दिन की कस्टडी के बाद ईडी आगे की और पूछताछ के लिए क्या उन्हे फिर अपनी कस्टडी में लेने का प्रयास करेगी। अभी, आरोपियों को पीएमएलए विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि  ईडी ने 21.8.2023 और 23.8.2023 को कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं और महादेव बुक एपीपी मामले में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) चंद्रभूषण वर्मा, छत्तीसगढ़ पुलिस, सतीश चंद्राकर, हवाला ऑपरेटर अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी को गिरफ्तार किया है।ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। इसके बाद, विशाखापत्तनम पुलिस और अन्य राज्यों द्वारा दर्ज की गई अन्य एफआईआर को भी रिकॉर्ड पर लिया गया है।

 Directorate of Enforcement (ED) has arrested Assistant Sub Insp (ASI) Chandrabhushan Verma, Chhattisgarh Police, Satish Chandrakar,Hawala operators Anil Dammani and Sunil Dammani under the provisions of PMLA 2002 in the ongoing money laundering investigation into the Mahadev Book APP case.ED had initiated money laundering investigation based on the FIRs registered by Chhattisgarh Police. Subsequently, other FIRs registered by Vishakhapatnam Police & other States have also been taken on record.

जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से तथाकथित रूप से सट्टा कारोबार से जुड़े कारोबारियों पर सट्टेबाजी जैसे विभिन्न लाइव गेम में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करने का आरोप है, और आरोप है कि वे सब तीन पत्ती, पोकर जैसे कई कार्ड गेम खेलने की सुविधा भी प्रदान करते थे। ड्रैगन टाइगर, कार्ड आदि का उपयोग करके वर्चुअल क्रिकेट गेम, यहां तक ​​कि ऐप भी भारत में विभिन्न चुनावों पर दांव लगाने की अनुमति देते हैं। ई महादेव ऑनलाइन बुक मामले में ई डी के छापों की कार्रवाई के पास से ऐसे तथ्य उजागर होने का पता चला हैं कि -
ए. महादेव ऑनलाइन बुक पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल आदि पर सट्टेबाजी जैसे विभिन्न लाइव गेम में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, और तीन पत्ती, पोकर जैसे कई कार्ड गेम खेलने की सुविधा भी प्रदान करता है। ड्रैगन टाइगर, कार्ड आदि का उपयोग करके वर्चुअल क्रिकेट गेम, यहां तक ​​कि इन ऐप के माध्यम से  भारत में विभिन्न चुनावों पर दांव लगाने के गेम को ऑनलाइन खिलाया जा रहा था।

ED investigation in the Mahadev Online Book case has revealed that:-a. Mahadev Online Book provides online platforms for illegal betting in different live games like Poker, Card games, Chance games, betting on cricket, badminton, tennis, football etc, and also provide facility for playing a number of card games like TEEN PATTI, Poker, Dragon Tiger, Virtual Cricket games using cards etc., to even APPs allowing placing bets on different elections in India. 

बी। ई डी की जांच में यह भी उजागर हुआ है कि भिलाई, छत्तीसगढ़ के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक के मुख्य प्रवर्तक हैं और दुबई से अपना संचालन चला रहे हैं।

सी। मेसर्स महादेव बुक विभिन्न वेबसाइटों का रखरखाव करता है और चैट ऐप्स पर कई बंद समूह संचालित करता है। वे वेबसाइटों पर संपर्क नंबर का विज्ञापन करते हैं और लोगों को मुनाफा कमाने के लिए खेलने का लालच देते हैं। ऐसे नंबरों पर केवल व्हाट्सएप पर ही संपर्क किया जा सकता है।
एक बार जब कोई उपयोगकर्ता इस नंबर पर संपर्क करेगा, तो उसे दो अलग-अलग संपर्क नंबर प्रदान किए जाएंगे। दांव लगाने के लिए उपयोग की जाने वाली यूजर आईडी में पैसे जमा करने और अंक एकत्र करने के लिए एक संपर्क नंबर पर संपर्क करना होगा। दूसरा नंबर निर्दिष्ट आईडी में संचित अंकों को भुनाने के लिए वेबसाइट से संपर्क करने के लिए है।

b. Sourabh Chandrakar and Ravi Uppal who hail from Bhilai, Chhattisgarh, are the main promoters of Mahadev Online Book and are running their operations from Dubai. 

c. M/s Mahadev Book maintains various websites and operates a number of Closed Groups on Chat APPs. They advertise contact number over websites and lure people to play to earn profits. Such numbers can only be contacted over WhatsApp. 

Once a user contacts this number, he will be provided two separate contact numbers. One contact number is to be contacted for depositing money and collecting points in User IDs used to make bets. The second number is for contacting the website to encash the accumulated points in the designated IDs. 

ई डी की जांच में यह बात भी सामने आई हैं कि यहां महादेव ऑनलाइन सट्टा एप में आईडी आम तौर पर "बेटर्स" की आवश्यकता और पसंद के आधार पर कई वेबसाइटों जैसे "laser247.com,laserbook247.com, www.betbai.com, betbook247.com, Tigerexch247.com, www.cricketbet9.com आदि पर बनाई जाते थे।इसमें धन संग्रह, उपयोगकर्ता आईडी का निर्माण, ग्राहक को उपयोगकर्ता आईडी क्रेडेंशियल का वितरण, और धन का वितरण आदि का ये संचालन पैनल/शाखा मालिकों द्वारा किया जाता था। इसके अलावा, सभी खेलों में इस तरह से हेराफेरी की गई है कि कुल मिलाकर पैनल मालिकों को पैसे की हानि नहीं होगी और उपयोगकर्ता को शुरुआती लाभ होने के बावजूद, अंततः,उन्हें पैसे खोने की आशंका रहती थी।

The IDs are generally created on multiple websites like “laser247.com, laserbook247.com, www.betbhai.com, betbook247.com, tigerexch247.com, www.cricketbet9.com etc. depending on the need and preference of the “betters”. 

These operations of collection of money, creation of User ID, distribution of User ID Credentials to the customer, and distribution of the money etc are done by Panel/Branch owners. Also, all the games are rigged in a manner that overall the Panel owners will not lose money and despite initial profits to the user, ultimately, they are likely to lose money.

एड़ी को जांच में यह भी पता चला है कि सट्टेबाजी ऐप विभिन्न "पैनल/शाखाओं" द्वारा संचालित होता है, जो एक छोटी फ्रेंचाइजी की तरह सौरभचंद्राकर और रवि उप्पल द्वारा बेचे जाते रहे थे। लेकिन वे पैनल संचालन के लाभ का लगभग 80% अपने पास रखते हैं। एक पैनल में एक मालिक और कर्मचारी होते हैं जिनकी संख्या आमतौर पर चार होती है। एक व्यक्ति अनेक पैनलों का स्वामी हो सकता था. यह बात भी सामने आई है कि दुबई में सौरभ चंद्राकर और श्री रवि उप्पल द्वारा संचालित किए जा रहे मुख्य कार्यालय को पैनल मालिकों द्वारा आमतौर पर "एचओ" या "हेड ऑफिस" कहा जाता है। प्रधान कार्यालय पैनल मालिक के लिए 'प्रोफ़ाइल' बनाता है जो आगे खिलाड़ियों/पंटरों की उपयोगकर्ता प्रोफ़ाइल बना सकता है।

 ई डी की जांच में ऐसी बातें भी सामने आई है कि उन सट्टा खिलाने वाले खिलाड़ियों को ऑनलाइन साझा किए गए बेनामी खातों में पैसा जमा करना होता है और फिर एचओ द्वारा उन्हें पैनल सौंपा जाता है। बेनामी बैंक खातों का उपयोग करके भी भुगतान किया जाता है। ये बैंक खाते या तो धोखाधड़ी से खोले गए हैं या कमीशन के लिए ऋण दिए गए हैं। प्रधान कार्यालय द्वारा साप्ताहिक शीट पैनल मालिकों के साथ साझा की जाती है जिसमें सभी दांवों, कुल लाभ या कुल हानि के आंकड़े शामिल होते हैं। दांव का अंतिम परिणाम जो भी हो, 20 प्रतिशत हिस्सा पैनल संचालक का होता है और यह रकम या तो बैंकिंग चैनल के जरिए या हवाला के जरिए पैनल मालिकों तक पहुंचाई जाती है।

d.The betting app is operated by various “Panel/Branches”, which are sold by SourabhChandrakar and Ravi Uppal like a small franchise. But they keep nearly 80 % of the profit of the panel operations. A panel has an owner and workers who are usually four in number.

 One person can own multiple panels. The main office being operated by Sourabh Chandrakar and Mr Ravi Uppal in Dubai is commonly referred to as “HO” or “Head Office” by the panel owners. Head Office creates 'profile' for the panel owner who can further create user profile of players/punters.

 Players have to deposit money in benami accounts shared online and then are assigned Panels by HO. Payouts are also done using benami Bank Accounts. These bank accounts are either opened fraudulently or are loaned for commission. Weekly sheets are shared with the panel owners by Head Office which contains statistics of all bets, total profit or total loss. Whatever be the final result of bets, 20 percent is the share of the panel operator and this amount is delivered to the panel owners either through banking channels or through hawala. 

शेष लाभ प्रधान कार्यालय द्वारा विनियोजित किया जाता है। बैंक खाते और व्हाट्सएप नंबर बार-बार बदले जाते हैं। अगर एफआईआर दर्ज भी होती है तो आम तौर पर केवल छोटे स्तर के सट्टेबाजों या पैनल ऑपरेटरों को ही गिरफ्तार किया जाता है। विदेश में बैठे मुख्य आरोपी भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की पहुंच से बाहर हैं.

 Rest of the profits are appropriated by the Head Office. Bank accounts and WhatsApp numbers are changed frequently. Even if FIRs are registered, normally only the small level punters or Panel Operators are arrested. The main accused sitting abroad are out of the reach of the Indian law enforcement agencies. 

इ। संचालन के हिस्से के रूप में, प्रमोटरों और पैनल ऑपरेटरों द्वारा संदिग्ध लोगों के नाम पर बड़ी संख्या में बैंक खाते खोले गए। कि सबसे ज्यादा बैंक खाते छत्तीसगढ़ में ही खुले. खिलाड़ियों और पैनल ऑपरेटरों की सहायता के लिए 'एचओ' द्वारा विदेशों से कई कॉल सेंटर चलाए जा रहे हैं।

युवाओं और अर्थव्यवस्था पर अवैध सट्टेबाजी के विनाशकारी प्रभाव को देखने के बावजूद पुलिस और राजनेताओं ने इन सभी कार्रवाइयों पर अपनी आँखें बंद कर लीं। भिलाई के युवा बड़ी संख्या में दुबई पहुंचे और बैक-एंड ऑपरेशन चलाने का अनुभव प्राप्त करने के बाद भारत वापस आकर अपने स्वयं के पैनल खोलेंगे।

e. That as part of the operations, huge number of bank accounts in the name of unsuspecting people were opened by the promoters and Panel operators. That most of the bank accounts were opened in Chhattisgarh only. Multiple Call Centers are being run from abroad by the 'HO' to assist the players and Panel operators. 

That police and politicians despite observing the disastrous effect of illegal betting on youth and economy closed their eye to all these operations. The youth of Bhilai thronged to Dubai in huge numbers and after gaining experience in running back end operations would come back to India and open their own Panels. 

एफ।एसआई चंद्र भूषण वर्मा छत्तीसगढ़ में ग्राउंड पर मुख्य लाइजनर के रूप में काम कर रहे थे. वह सतीश चंद्राकर के साथ दुबई स्थित महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों से हवाला के माध्यम से मोटी मासिक धनराशि प्राप्त कर रहा था और इसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े नेताओं को 'संरक्षण राशि' के रूप में वितरित कर रहा था।

f. ED investigation has revealed that ASI Chandra Bhushan Verma was acting as the main liasioner on ground in Chhattisgarh. He along with Satish Chandrakar was receiving hefty monthly money via Hawala from Dubai based promoters of Mahadev Online Book and were distributing the same to Senior Police Officers and leaders politically connected to Chief Minister's Office as 'protection money'.

जी। ईडी की अब तक की जांच से पता चला है कि एएसआई चंद्रभूषण वर्मा को लगभग 65 करोड़ नकद राशि मिली थी और उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत दी थी। ईडी की जांच से पता चला है कि हालांकि एएसआई चंद्र भूषण वर्मा पुलिस पदानुक्रम में बहुत वरिष्ठ अधिकारी नहीं हैं, लेकिन विनोद वर्मा (सीएम के पोल सलाहकार) के साथ अपने संबंधों और रवि उप्पल द्वारा भेजे गए रिश्वत से प्राप्त धन शक्ति की मदद से दुबई, वह वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित करने में कामयाब रहा है.. एएसआई वर्मा ने ईडी के सामने स्वीकार किया है कि वह कई शक्तिशाली लोगों को बड़ी मासिक रिश्वत ले रहा था और भुगतान कर रहा था।

g. ED investigation conducted so far has revealed that around 65 Crorecash amount was received by ASI Chandrabhushan Verma and he has kept his cut and distributed bribes to Senior Police Officers and Politicians. ED investigation has revealed that although ASI Chandra Bushan Verma, is not a very senior officer in the Police hierarchy, but through his relationship with Vinod Verma (Pol Advisor to CM) and with the help of money power received from kickbacks sent by Ravi Uppal in Dubai, he has managed to influence senior officers.. ASI Verma has admitted before ED that he was receiving and paying large monthly bribes to many power people. 

एएसआई वर्मा ने स्वीकार किया है कि मई 2022 में पुलिस द्वारा की गई कुछ कार्रवाई के बाद रिश्वत भुगतान बढ़ाया गया था। मामलों को कम करने, गैर-जमानती अपराधों को शामिल करने और अभियोजन को स्थानीय सट्टेबाजों तक सीमित करने और भविष्य को रोकने के लिए रिश्वत भुगतान बढ़ाया गया था। उनके संचालन पर कार्रवाई. इसके अलावा, गिरफ्तार आरोपियों ने विशेष रूप से सीएमओ से जुड़े उच्च पदस्थ अधिकारियों का नाम लिया है, जिन्होंने मासिक/नियमित आधार पर भारी रिश्वत प्राप्त की है।

ईडी द्वारा 21.8.2023 और 23.8.2023 को कई स्थानों पर तलाशी ली गई और भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। गिरफ्तार आरोपियों ने अपनी भूमिका स्वीकार कर ली है और रिश्वत का विवरण और इन रिश्वत के लाभार्थियों की सूची दी है। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और  पीएमएलए विशेष न्यायालय रायपुर के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने सभी 4 आरोपियों को 6 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है।अभी आगे की जांच जारी है.

ASI Verma has admitted that the bribe payments were enhanced after some action was done by Police in May 2022. The bribes were enhanced to water down the cases, to include non-bailable offences, and to restrict prosecution up to local punters and to prevent future action on their operations. Further, arrested accused have specifically named high ranking Officials connected to CMO who have received hefty kickbacks on monthly/regular basis.

Searches were conducted at multiple locations by ED on 21.8.2023 & 23.8.2023 and huge amount of incriminating documents have been seized. The arrested accused persons have admitted to their role and have given trail of the bribes and list of the beneficiaries of these bribes. The accused were arrested and produced before the Hon’ble PMLA Special Court Raipur who has remanded all the 4 accused persons to ED Custody for 6 days.

Further investigation is under progress.



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