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शिक्षा विभाग में बड़ा खेल : एक ही स्कूल में दो-दो प्रधान पाठकों की पदस्थापना, दोनों 11 महीने से धड़ल्ले से निकाल रहे तनखा

महासमुंद। महासमुंद जिले के शिक्षा विभाग में प्रधान पाठकों की पदस्थापना में बड़ा खेल खेला जा रहा है. खेल भी ऐसा कि नियम विरुद्ध एक स्कूल ...

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महासमुंद। महासमुंद जिले के शिक्षा विभाग में प्रधान पाठकों की पदस्थापना में बड़ा खेल खेला जा रहा है. खेल भी ऐसा कि नियम विरुद्ध एक स्कूल में दो- दो प्रधान पाठक की पदस्थापना आदेश जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक ही तिथि में जारी कर दिया गया है, और दोनों प्रधान पाठक बीते 11 महीनों से धडल्ले से अपनी सेलरी निकाल रहे हैं. मीडिया में बात आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने नियम विरुद्ध पदस्थापना होना बताते हुए उच्च अधिकारी से मार्गदर्शन लेने की बात कह रही हैं. नियम कहता है कि एक ही स्कूल में दो प्रधानपाठकों की नियुक्ति नहीं की जा सकती है, लेकिन महासमुंद जिले के शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक (एलबी) का प्रमोशन प्रधान पाठक के पद पर किया गया. 14 अक्टूबर 2022 को तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से दो आदेश जारी किए गए.एक आदेश में सुनीता महानंद को सहायक शिक्षक से प्रमोट करते हुए बागबाहरा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला पेण्ड्रा में प्रधान पाठक नियुक्त किया गया. दूसरा आदेश भी 14 अक्टूबर 2022 को जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी हुआ, जिसमें शिव कुमार सिन्हा को सहायक शिक्षक पद से प्रमोट करते हुए शासकीय प्राथमिक शाला पेण्ड्रा में प्रधान पाठक के पद पर पदस्थ किया गया. शिव कुमार सिन्हा ने 18 अक्टूबर 2022 को तो सुनीता महानंद ने 21 अक्टूबर को स्कूल में प्रधान पाठक के पद पर ज्वाइन किया. जब दोनों प्रधान पाठक का आपस में तालमेल नहीं बैठा तो जिला शिक्षा अधिकारी से शिकायत के बाद 19 अक्टूबर 2022 को एक संशोधित आदेश जारी करते हुए शिव कुमार सिन्हा की पदस्थापना शासकीय प्राथमिक शाला बोडराबांधा में कर दी गई, लेकिन विडम्बना देखिये कि शिव कुमार ने बोडराबांधा स्कूल में आज तक ज्वाइन नहीं किया. आलम यह है कि 11 महीने से दोनों प्रधान पाठक एक ही स्कूल में जमे हुए हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं. उन्होंने गलती को सुधारने की बजाए दोनों प्रधान पाठकों को यथावत रखा हुआ है. दोनों प्रधान पाठक भी इसे गलत बताते हुए एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगा रहे हैं.गौरतलब है कि शासकीय प्राथमिक शाला मे कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक मात्र 20 बच्चे अध्ययनरत है, और संकुल केन्द्र से जिला शिक्षा अधिकारी को सूचित भी किया गया है कि यहां दो- दो प्रधान पाठक है. उसके बावजूद आज तक हटाया नहीं गया है. नियमानुसार इस स्कूल में एक प्रधान पाठक व एक सहायक शिक्षक की पदस्थापना की जा सकती है. 


 

उच्चाधिकारियों से लिया जाएगा मार्गदर्शन

इस पूरे मामले में वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी मीता मुखर्जी कहती हैं कि एक स्कूल में दो प्रधान पाठक की पदस्थापना नियमानुसार नहीं की जा सकती है. इसके साथ उच्च अधिकारी से मार्गदर्शन लेने की बात कह रही हैं.