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केशकाल घाटी के ग्यारहवें मोड से भारी सामानों से लदी ट्रक गिरते गिरते बची, आए दिन हो रही हैं जानलेवा दुर्घटनाएं,

  छत्तीसगढ़ ।  असल बात न्यूज़।।     00 अशोक त्रिपाठी,बस्तर में    रायपुर-जगदलपुर व्यस्ततम मार्ग पर स्थित केशकाल घाटी मार्ग की हालत अत्यंत जर...

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छत्तीसगढ़ ।

 असल बात न्यूज़।।  

  00 अशोक त्रिपाठी,बस्तर में   

रायपुर-जगदलपुर व्यस्ततम मार्ग पर स्थित केशकाल घाटी मार्ग की हालत अत्यंत जर्जर हो गई है। मार्ग के अत्यंत जर्जर हो जाने के चलते घाटी पर आए दिन जानलेवा दुर्घटनाए हो रही है। आज भी एक जानलेवा बड़ी दुर्घटना होते होते बची, जब,घाटी के ग्यारह नंबर मोड़ से भारी सामानों से लदी एक ट्रक गिरते गिरते बच गई। स्थानीय प्रशासन के द्वारा फिलहाल यहां आवागमन को व्यवस्थित कर लिया गया है। वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चल रहा है।

पूरे बस्तर अंचल में बारिश के सीजन में इस समय मदरे के लाल हरे फूलों  की महक बिखरी हुई है और हरियाली अपना सीना तान रही है।इसी बारिश ने हीं यहां की सड़कों का खुर्बा निकाल दिया है। लगभग हर सड़क जर्जर हो गई है। केशकाल घाटी में गाड़ियां थोड़ा सा भी असंतुलित हुई तो उनके एक मोड़ से नीचे दूसरे मोड पर गिरने का खतरा बना रहता है। अभी फिसलन भरी सड़क ऐसे ही खतरे पैदा कर रही है। केशकाल घाटी मार्ग अभी कोई बहुत अधिक चौड़ा नहीं है लेकिन इतना चौड़ा जरूर है कि बाय और दाएं दोनों तरफ के वाहन एक साथ जरूर आ जा सकते हैं और आते जाते हैं। इस सीजन की बारिश शुरू होने के बाद लगभग 3 महीने पहले से केशकाल घाटी मार्ग की सड़क पूरी तरह से उखड़ गई है। सड़क की गिट्टियां निकल कर इधर-उधर फैल गई है। गिट्टियों के निकल कर इधर उधर फैल जाने से वाहनों के अनियंत्रित होकर फिसलने का खतरा और बढ़ गया है और इसी की वजह से यहां आए दिन दुर्घटनाए हो रही है। अभी हम जो दृश्य आपको दिखा रहे हैं उसमें आप देख सकते हैं कि भारी सामानों से लगी ट्रक कैसे बड़ी ऊंचाई से खाई से बाल बाल नीचे गिरते गिरते  बची है। वास्तव में वह वहां घाट के किनारे उगी  झाड़ियां में फंस गई और रुक गई नहीं तो नीचे जरूर गिर जाती । आज शाम को जब यह दुर्घटना हुई है उसे समय उसे मार्ग पर आवागमन जारी था। नीचे के मोड़ पर भी गाड़ियां चल रही थी

केशकाल घाटी, प्रतिदिन हजारों वाहनों का बोझ होती है। यह रायपुर से विशाखापट्टनम जाने वाला अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग है। बस्तर अंचल में अकूत खनिज संसाधन है और इसी घाटी के रास्ते से इन खनिज संसाधनों को दूर-दूर तक परिवहन होता है। खनिज संसाधनों से भरे भारी वाहन  प्रत्येक दिन 10 मिनट में यहां इस मार्ग से पार होते दिख जाते हैं। सबसे खतरनाक बात है कि घाटी पर सड़क के किनारे बने बाउंड्री वॉल भी जर्जर होकर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कहीं जगह तो बाउंड्री वॉल बिल्कुल नहीं रह गई है। इससे अंदाजा लगता है जा सकता है कि उस स्थान पर  कोई दुर्घटना हुई तो कितनी भयावह हो सकती है। एक खाई की काफी ऊंचाई से गिरने के बाद किस तरह का नुकसान हो सकता है इसकी कल्पना की जा सकती है।

केशकाल घाटी लगभग 180 मीटर की ऊंचाई तक है। इस मार्ग पर मरम्मत कार्य किया जाना भी आसान नहीं है। यहां सड़क के निर्माण और मरम्मत कार्य करने के लिए विशेष इंतजाम करने होते हैं।संभवत शासन प्रशासन के द्वारा अभी इसका इंतजाम नहीं किया जा सका है जिसकी वजह से मार्ग को सुधारने के लिए फिलहाल कोई प्रयास शुरू नहीं हुए हैं।