रायपुर। असल बात न्यूज़। 00 विधि संवाददाता रायपुर जिले में पोस्को एक्ट के जिस मामले में न्यायालय का आज निर्णय आया है वह प्रकर...
रायपुर।
असल बात न्यूज़।
00 विधि संवाददाता
रायपुर जिले में पोस्को एक्ट के जिस मामले में न्यायालय का आज निर्णय आया है वह प्रकरण 18 सितंबर 2018 का है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय पोस्को फास्ट ट्रैक राकेश कुमार सोम के न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुनाया है। अभियुक्त की उम्र लगभग 22 साल है। अभियुक्त का यह प्रथम अपराध था परंतु उसने जिस तरह से दुसाहस से पीड़िता के घर में प्रवेश किया, न्यायालय ने उसे परिविक्षा का लाभ देना उचित नहीं माना।
न्यायालय के समक्ष अभियुक्त के विरुद्ध अपराध को सिद्ध करने के लिए अभियोजन की ओर से आठ गवाहों का परीक्षण कराया गया। अभियुक्त के बचाव में किसी भी साक्षी का परीक्षण नहीं कराया गया। न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 451, 354 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 8 का दोषी पाया। अभियुक्त को धारा 451 के अपराध में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹500 अर्थदंड, धारा 354 के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹500 अर्थ दंड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 8 के अपराध के लिए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹500 अर्थदंड से दंडित किया गया है। अभियुक्त की सभी सजा साथ-साथ चलेगी।
न्यायालय ने प्रकरण में पीड़िता के परिवार की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति तथा अपराध की स्थिति और प्रकृति के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पीड़िता को उक्त घटना से पहुंचे मानसिक तथा शारीरिक आघात हानि के लिए पीड़िता के पुनर्वास के लिए दो लाख रु की क्षतिपूर्ति दिलाए जाने के अनुशंसा की है।