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भारतीय सांस्कृतिक निधि दुर्ग-भिलाई अध्याय द्वारा क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन

भिलाई। असल बात न्यूज़।।    भारतीय सांस्कृतिक निधि दुर्ग-भिलाई अध्याय द्वारा शालेय विद्यार्थियों को  भारत के समृध, संस्कृति और इतिहास से अवगत...

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भिलाई।

असल बात न्यूज़।।   

भारतीय सांस्कृतिक निधि दुर्ग-भिलाई अध्याय द्वारा शालेय विद्यार्थियों को  भारत के समृध, संस्कृति और इतिहास से अवगत कराने के लिए क्विज  प्रतियोगिता का आयोजन श्री शंकराचार्य विद्यालय, हुडको, भिलाई में किया गया। इस प्रतियोगिता में दुर्ग-भिलाई के शासकीय एवं निजी आठ विद्यालय से कक्षा सातवीं से दसवीं के 76 विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस आयोजन के उद्द्याटन सत्र की मुख्य अतिथि के रुप में श्री नीलमजी सांखला रजिस्ट्रार जनरल छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय, बिलासपुर थे तथा समापन सत्र कि मुख्य अतिथि डॉ. मोनिषा शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकरी श्री शंकचार्य कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग हुडको थी।  

विशिष्ट अतिथि के रुप में श्री अमिताभ दास प्राचार्य, श्री शंकराचार्य विद्यालय, हुडको, भिलाई, एवं इंटैक दुर्ग-भिलाई अध्याय कि संयोजक तथा प्राचार्य स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय हुडको, भिलाई डॉ. हंसा शुक्ला उपस्थित हुये।

 भारतीय सांस्कृतिक निधि इन्टैक देश की एक बगैर लाभ कमाने वाली वृहद संस्था है। यह संस्था प्राकृतिक, सांस्कृतिक, जीवित, मूर्त एवं अमूर्त विरासत के रखरखाव व संरक्षण के लिए कार्य करती है। प्रश्नोत्तरी क्विज प्रतियोगिता भारतीय इतिहास, विरासत एवं संस्कृति पर आधारित था तथा इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में अपने देश के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरुकता लाना है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में इन्टैक दुर्ग-भिलाई अध्याय के सदस्य श्री विश्वास तिवारी ने अतिथियों के स्वागत पौधे देकर किया। इन्टैक दुर्ग-भिलाई अध्याय कि संयोजक डॉ. हंसा शुक्ला ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि इन्टैक की स्थापना 1984 में हुई इसका मुख्य उद्देश्य  प्राकृतिक विरासत, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत अपनी संस्कृति धरोहरों का संरक्षण करना एवं उनका रखरखाव करना है। छत्तीसगढ़ कि सभी इंटैक इकाईया यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर, इतिहास एवं विरासत को बचाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम हर क्षेत्र में खोज कर रहे है तो विद्यार्थियों को जागृत रहना होगा न केवल राष्ट्रीय धरोहर बल्कि अपने छत्तीसगढ़ की संस्कृति बचाने में भी अपना योगदान देना होगा। 

मुख्य अतिथि श्री नीलमजी सांखला ने अपने उद्बोधन में कहा हमारा आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत बहुमूल्य है। यहाँ कि खान-पान और वेशभूषा भी विविध भिन्नता लिये हुये है। आज भी भारत के विभिन्न क्षे़त्रों की गुफायें जो हजारो वर्ष पहले बनी है वह ठंड, बारिश और तेज धूप सहन करते हुये खड़े है। हमारे विमान हाथ के इशारे से चलते थे। भारतीय संस्कृति में त्याग, तपस्या और बलिदान का महत्पूर्ण स्थान है। हमें अपने बड़ों का सम्मान करना होगा और वृद्धाआश्रम की परंपरा को समाप्त करना होगा। भारत कि पावन भूमि में सभी धर्म और जाति के लोग पेड़ पत्थर और पानी की पूजा करते है जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय संस्कृति प्रकृति से जुड़ा हुआ है। 

विशेष अतिथि श्री शंकराचार्य विद्यालय के प्राचार्य श्री अमिताभ दास ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यार्थी इस प्रकार के कार्यक्रमों के द्वारा अपने हेरिटेज को समहालेंगे एवं उसके संरक्षण में अपना योगदान देंगे। इस प्रकार के कार्यक्रमों के द्वारा विद्यार्थियों में खोज करने की प्रवृत्ति का विकास होगा।

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के प्रथम राउंड में आठ विद्यालय से 76 विद्यार्थियों ने भाग लिया  प्रतियोगिता में बीस बहुवैकल्पिक प्रश्न दिये गये थे जिसमें बारह प्रश्न राष्ट्रीय स्तर के, तीन प्रश्न इन्टैक एवं तीन प्रश्न राज्य स्तर का था। सहीं उत्तर पर एक अंक एवं गलत उत्तर पर शून्य अंक प्रदान किया गया । 

इस राउड के  प्रश्न इस प्रकार है -इन्टैक की फांउडर मेम्बर कौन थी? छत्तीसगढ़ में कौन से नशीले फल से शराब बनाई जाती है? छत्तीसगढ का वह नाच जिसमें पुरुष महिला की भूमिका में नाचते है? किस घटना के बाद श्री रविन्द्रनाथ टैगोर ने अपना नोबल पुरस्कार वापस किया था? भारत का कौन सा किला है जिसकी चार दीवारों कि तुलना चीन की दीवार से कि जाती है? बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय कि कौन सी किताब में बंदेमातरम् गीत शामिल है ? इंटैक ने शिल्प वस्त्र के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिय किस व्यक्ति के सज्मान और स्मृति में अवार्ड स्थापित किया है? मानवरूपी तांबे का वह आकार जो इंटैक के लोगो का आधार है उसे उत्तरप्रदेश के किस शहर से लिया गया है? मनेन्द्रगढ़ में कैलंडर कि आखिरी तारीख को कौन सा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होता है? प्रथम राउंड में अधिकतम अंक प्राप्त विद्याथिर्यो का समूह दुसरे राउंड में पंहुचा यह राउंड ओरल क्विज का था इस में  डीपीएस रिसाली भिलाई,  डीएव्ही पब्लिक स्कूल भिलाई, श्री शंकराचार्य विद्यालय भिलाई  पहुंचे। इस राउड में सफल होने के बाद प्रश्नोत्तरी का परिणाम निम्न प्रकार रहा -प्रथम स्थान अक्षत गुप्ता अभिनव सिंग कक्षा नवमीं डीपीएस भिलाई, द्वितीय स्थान पर दो टीमें रही। पहली टीम में आराध्य तिवारी एवं सुकृति प्रकाश कक्षा नवमीं डीपीएस भिलाई तथा दूसरी टीम में अपूर्व सिन्हा एवं अभिमन्यू कक्षा नवमीं डीएव्ही हुडको, भिलाई रहे। तृतीय स्थान अदिती तिवारी कक्षा आठवी एवं आकृति ताम्रकार कक्षा दसवीं, श्री शंकराचार्य विद्यालय भिलाई को मिला। 

मंच संचालन एवं आभार प्रदर्शन  डॉ. हंसा शुक्ला इन्टैक दुर्ग-भिलाई अध्याय की संयोजक ने किया।इस अवसर पर डीपीएस भिलाई, श्री शंकराचार्य विद्यालय, डीएवी विद्यालय, हुडको, भिलाई, आमदी नगर विद्यानिकेतन  हुडको, डी.पी.एस. दुर्ग,  शारदा विद्यालय रिसाली , इंदू आईटी, तुलाराम आर्य कन्या विद्यालय दुर्ग  के विद्यार्थी एवं प्राध्यापक उपस्थित थे। क्विज प्रतियोगिता को सफल बनाने में इन्टैक दुर्ग-भिलाई इकाई के सदस्य श्री विश्वास तिवारी विशेष सहयोग ने 








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