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स्वरूपानंद महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग द्वारा विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर विश्व सांस्कृतिक धरोहर के लिए किया विद्यार्थियों को जागरूक

भिलाई । असल बात न्यूज़।।    स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर अन्तर्विभागीय पावर पाईंट प्रेंजेन्टे...

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भिलाई ।

असल बात न्यूज़।।   

स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर अन्तर्विभागीय पावर पाईंट प्रेंजेन्टेशन, भारत की परंपरागत परिधान व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिये अत्यंत प्रसिद्ध है। यहां पैंतीस से अधिक जनजातियां है, जिसकी अपनी-अपनी सांस्कृतिक विशेषता व वेशभूषा है, अनेक दर्शनीय व पर्यटन स्थल है जो दर्शको  को आकर्षित करते है। विद्यार्थियों को छत्तीसगढ़ के दर्शनीय स्थल व यहां के जनजाति संस्कृति से परिचित कराने के उद्देश्य से प्रतियोगिता का आयोजन किया।

कार्यक्रम के उदेश्यों पर प्रकाश डालते हुए प्रभारी डॉ. शर्मिला सामल, विभागाध्यक्ष वाणिज्य, ने बताया छ.ग में अनेक पर्यटन स्थल है जिसका एतिहासिक व धार्मिक महत्व है। बस्तर स्थित चित्रकूट जलप्रपात को छ.ग. का नियाग्रा कहा जाता है। दन्तेवाड़ा में स्थित दंतेश्वरी मंदिर बावन शक्ति पीठों में से एक है। छत्तीसगढ़ की इस अतुल विरासत की जानकारी देना कार्यक्रम का प्रमुख उदेश्य है।

श्री शंकराचार्य एजुकेशन कैंपस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं डॉ. मोनिषा शर्मा ने विश्व पर्यटन दिवस की बधाई देते हुए कार्यक्रम आयोजन के लिये वाणिज्य विभाग को बधाई दी।

प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया छत्तीसगढ़ आदिवासी संस्कृति के लिये प्रसिद्ध है यह पर्यावरण के साथ संतुलन स्थापित करने वाली जनजाति है अगर हम आदिवासी संस्कृति, परंपराओं व पर्यटन स्थल का प्रचार व प्रसार करते है तो छत्तीसगढ़ में पर्यटन, उद्योग का रूप ले सकती है।

भारत की पारंपरिक वेशभूषा में तैयार विद्यार्थियों ने भारत की संस्कृति मनाये जाने वाले त्यौहार लोकगीत, पहनावे व वस्त्रों के बारे में जानकारी दी। किसी ने बंगाली साड़ी पहनकर बंगाल की छटा बिखेरी, किसी ने छत्तीसगढ़ी की वेशभूषा पहनकर छतीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया तो कुछ विद्यार्थी कुर्ते-पजामें में नजर आए।

निर्णायक स.प्रा. हितेश सोनवानी ने छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक सुगम व पर्यटन स्थल पहुँचने के रास्तों के बारे में जानकारी दी। निर्णायक डॉ. सुनीता वर्मा, विभागाध्यक्ष, हिंदी ने छत्तीसगढ़ के वेशभूषा व पहनने वाले आभूषणों के बारे में जानकारी दी। निर्णायक डॉ. मीना मिश्रा, विभागाध्यक्ष गणित ने विजयी प्रतिभागियों को बधाई दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में स.प्रा. खुशबू पाठक विभागाध्यक्ष प्रबंधन ने विशेष योगदान दिया।

पावर पाईट प्रेजेंटेशन में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल विषय दिया गया जिसमें विद्यार्थियों ने कुटुम्बसर गुफा व कैलाश गुफा, दंतेश्वरी मंदिर, चित्रकुट जलप्रपात, - जगदलपुर, देवरानी-जेठानी मंदिर-तालागांव (बिलासपुर), शिवरीनारायण मंदिर-जाँजगीर, बस्तर का दशहरा, लक्ष्मण मंदिर, सीताबेंगरा गुफा, छतीसगढ़ का शिमला-मैनपाट, छतीसगढ़ का कश्मीर-चैतुरगढ़, छतीसगढ़ का खजुराहो-भोरमदेव, महासमुद के सरायपाली जिले में शिशुपाल पर्वत, घोड़ाधार जलप्रपात के बारे में जानकारी दी व उसके एतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व के बारें में बताया, प्रश्न मंच में विश्व की धरोहर व पर्यटन स्थल से संबंधित प्रश्न पूछे गये।

विजयी प्रतिभागियों के नाम इस प्रकार है- परंपरागत परिधान में नंदनी कर व विजया मुंशी, बीकॉम प्रथम वर्ष, सौभाग्य, बीसीए प्रथम वर्ष।

पावर पाईंट प्रेजेंटेशन में सेजल और यशी चन्द्राकर, बीकॉम द्वितीय वर्ष, नल्सी जैन, बीबीए तृतीय सेमेस्टर, साक्षी जैन, बीबीए तृतीय सेमेस्टर।

कार्यक्रम में मंच संचालन नेहा रॉय व पल्लवी वर्मा, बीकॉम अंतिम वर्ष ने किया व धन्यवाद ज्ञापन स.प्रा. दीपाली किंगरानी ने दिया। कार्यक्रम में वाणिज्य, बीबीए के सभी छात्र व प्राध्यापक शामिल हुए।