*" व्यवस्थाओं में करना होगा सुधार, मोहल्ला लोक अदालत पहुंची आपके द्वार" -अब्दुल ज़ाहिद कुरैशी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर रा...
*"व्यवस्थाओं में करना होगा सुधार, मोहल्ला लोक अदालत पहुंची आपके द्वार" -अब्दुल ज़ाहिद कुरैशी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर
रायपुर ।
असल बात न्यूज़।।
आपसी सुलह (राजीनामा) के जरिए मामलों का निपटारा करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के तत्वाबधान में आज देशव्यापी नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसी क्रम में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) बिलासपुर द्वारा प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों एवं व्यवहार न्यायालयों में भी लोक अदालत आयोजित किए गए। नेशनल लोक अदालत का यह लगातार तीसरी बार आयोजन है।रायपुर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अब्दुल जाहिद कुरैशी के हाथों दीप प्रज्जवलन के माध्यम से किया गया। उक्त कार्यक्रम में कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री हेमंत सराफ, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री आशीष सोनी, जिला रायपुर के समस्त न्यायाधीशगण, पक्षकारगण, न्यायालयीन कर्मचारीगण, विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण, विभिन्न बीमा एवं फाईनेंस कंपनी के अधिकारीगण एवं पैरालीगल वालेंटियर्स उपस्थित थे।
तीसरी नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ जिला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,रायपुर के अध्यक्ष श्री कुरैशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि नेशनल लोक अदालत का उद्देश्य एक ही छत के तले निःशुल्क न्याय उपलब्ध कराने का है। हमारा संयुक्त प्रयास है कि चेक बाउंस, दांडिक ( राजीनामा), सिविल, एमएसीटी, श्रम, राजस्व, पेंशन, नगर निगम, आबकारी, ट्रेफिक चालान के लंबित मामलों को नेशनल लोक अदालत के माध्यम से शीघ्र निराकरण किया जाये। मोटर दुर्घटना दावाधिकरण के माध्यम से उन पक्षकारों 2/7 को जिन्होंने दुर्घटना के माध्यम से या तो अपनों को खो दिया है या दुर्घटना के कारण उन्हें दिव्यांगता आई है तो बीमा कंपनी के माध्यम से उन्हें मुआवजा प्रदान किया जायेगा ताकि वह अपने जीवनधारा को गति प्रदान करें। इस प्रकार परिवार न्यायालय के वे मामले जो आपसी तालमेल व सामंजस्य से निराकृत हो सकते हैं, उनका भी निराकरण किया जायेगा, यदि कोई पक्षकार जिनका प्रकरण राजीनामा प्रकृत्ति का है और आज नहीं लगा है, वह भी उपस्थित होकर यदि राजीनामा कराना चाहते हैं तो उन्हें तुरंत सहयोग प्रदान किया जायेगा और उनके प्रकरण का निराकरण सुनिश्चित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी कहा कि नेशनल लोक अदालत एक ऐसा माध्यम है, जिसमें निराकृत प्रकरण अंतिम हो जाता है और इसकी कोई अपील नहीं होती है इसलिये आप लोक अदालत का अधिक से अधिक लाभ उठाने की कोशिश करें। इसके साथ ही माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा मोहल्ला लोक अदालत को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जिसमें सभापति स्थायी लोक अदालत ( जनोपयोगी सेवाएं) द्वारा विवादित स्थल पर जाकर पक्षकारों की समस्या सुनकर उनके प्रकरण का निराकरण विवादित स्थल पर ही प्रशासन के माध्यम से सुनिश्चित कराया गया।
*सैकड़ो किलोमीटर से आये पक्षकारों को न्याय के साथ-साथ निःशुल्क भोजन भी प्राप्त हुआ
जिला रायपुर नेशनल लोक अदालत के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर एवं गुरूद्वारा धन-धन बाबा साहिब जी, तेलीबांधा रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में पक्षकारों हेतु निःशुल्क आहार का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने निःशुल्क भोजन ग्रहण किया।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच परीक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, कर्मचारीगण, पक्षकारगण तथा सैंकड़ों संख्या में आमजन का निःशुल्क जांच परीक्षण किया गया।
*वर्ष की तृतीय नेशनल लोक अदालत का हुआ जिला रायपुर में सफल समापन लाखो की संख्या में लोगों को मिला न्याय ।*
3वर्ष की तृतीय नेशनल लोक अदालत का हुआ जिला रायपुर में सफल समापन लाखो की संख्या में लोगों को मिला न्याय ।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2023 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में न्यायमूर्ति श्री रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं श्री न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार दिनांक 09/09/2023 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये गये न्यायालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं संयुक्त संचालक, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में अभूतपूर्व पहल से दिव्यांग जनों के उत्थान हेतु चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत नेशनल लोक अदालत के माध्यम से श्रीमान अब्दुल जाहिद कुरैशी जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा अधिक से अधिक हितग्राहियो को विभिन्न यंत्रो का वितरित किया गया । श्रम विभाग के माध्यम से नोनी योजना के तहत बालिकाओं को करोड़ो रूपये का चेक वितरीत किया गया। समाज कल्याण विभाग के माध्यम से 27 दिव्यांगजन को उपकरणों का वितरण किया गया।
पेंशनधारियों को नेशनल लोक अदालत में मिला ऐतिहासिक लाभ
अब सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी पेशन से संबंधित उत्पन्न होने वाले विवादों में शीघ्र निराकरण करने हेतु नेशनल लोक अदालत में भी पेंशन धारियों के प्रकरणों को चिन्हांकित कर निराकरण किया जा रहा है और इस बार की नेशनल लोक अदालत में सर्वाधिक 07 प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित कर पेंशन धारियों के चेहरों पर खुशियों पहुँचायी गयी।
नेशनल लोक अदालत में नोनी योजना तथा श्रम विभाग के माध्यम से बालिकाओं तथा दिव्यांगों को करोड़ों रूपये तथा ट्रायसाईकिल तथा अन्य यंत्र प्राप्त हुए । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं संयुक्त संचालक, समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वाधान में अभूतपूर्व पहल से दिव्यांग जनों के उत्थान हेतु चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत नेशनल लोक अदालत के माध्यम से माननीय श्रीमान अब्दुल जाहिद कुरैशी जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा सैकड़ों हितग्राहियों को नोनी योजना तथा
समाज कल्याण विभाग रायपुर के माध्यम से विभिन्न यंत्रो को वितरित किया गया
स्वास्थ्य विभाग एवं जे.सी.आई. प्राउड कैपिटल सामाजिक संगठन के द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच परीक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, कर्मचारीगण, पक्षकारगण तथा सैंकड़ों संख्या में आमजन का निःशुल्क जांच परीक्षण किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा दिये गये नये संकल्प मोहल्ला लोक अदालत में पहुँचे न्यायाधीश / सभापति जनोपयोगी लोक अदालत डॉ० श्री मनोज कुमार प्रजापति पर पक्षकारो ने की फूलों की वर्षा ।
मोहल्ला लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी डॉक्टर मनोज प्रजापति सभापति / अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्थायी लोक अदालत द्वारा घटना स्थल पर जाकर ही जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निराकरण किया मोहल्ले वासियों द्वारा उनका फूलों से स्वांगत किये, उनके द्वारा 229 से 5 अधिक प्रकरण घटना स्थल पर जाकर न्यायाधीश द्वारा निराकृत किया गया मोहल्ला लोक अदालत के तहत जोन क्रमांक-2 के वार्ड क्रमांक 36 अब्दुल हमीद वार्ड, जोन क्रमांक 6 के वार्ड क्रमांक 58 शहीद पंकज विक्रम वार्ड क्रमांक 59 मोरेशवर राव गेडरे वार्ड, वार्ड क्रमांक 60 चन्द्रशेखर आजाद वार्ड, वार्ड क्रमांक 61 मुखर्जी वार्ड, वार्ड क्रमांक 61 श्यामाप्रसाद मुखर्जी वार्ड, वार्ड इत्यादी में जाकर लोगों की दैनिक समस्याए जैसे की नल कनेक्शन लगाने स्ट्रीटट लाईट ठीक करवाने, बाजार स्थल व आम जगह की साफ सफाई, नालियों की साफ सफाई, पार्क व उद्यान में लगे झुले व अन्य व्यायाम के उपकरण को ठीक करने उक्त जोन अंतर्गत आने वालों तालाबों की साफ सफाई बाबत कार्य करवाया गया व उक्त संबंध में आदेश पारित किया गया ।
01- कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश हेमंत सराफ द्वारा समझाइश पर बेटे के भविष्य के लिए माता पिता विवाद भूलकर फिर से हुए एक- बेटे ने कहा मै भी अधिकारी बनूंगा।
श्री हेमंत सराफ प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर के खण्डपीठ ने पत्नी पति का प्रेम विवाह दिनांक 12-12-2015 को आर्य समाज रायपुर में हुआ था तथा उनका चार वर्ष का पुत्र भी है। आवेदिका अनावेदक के मध्यम आपसी पारिवारिक कलह को लेकर लगातार झगड़े हुआ करते थे, इस कारण से दोनों सन् 2022 से अलग निवास कर रहे थे। आवेदिका के द्वारा अपने पति से विवाह विच्छेद हेतु न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया था तथा पति के द्वारा भी अपनी पत्नी को साथ रखने हेतु पृथक से एक प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। इसके अतिरिक्त पत्नी भरण पोषण हेतु पृथक से अपने तथा बच्चें के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। उक्त विवाद में उनका चार वर्ष का पुत्र माता पिता के झगड़े के कारण मानसिक रूप से परेशान था तथा अपने पिता के स्नेह से वंचित था। पक्षकारो के द्वारा किसी भी शर्त पर आपसी राजीनामा नहीं किया जा रहा था। न्यायालय के द्वारा सफल मध्यस्थता के फलस्वरूप दोनो पति पत्नी बच्चे के भविष्य को एवं परिवार के महत्व को समझते हुए राजीनामा किया ।
02 - स्थायी लोक अदालत के माध्यम से रूका हुआ अनापत्ति प्रमाण-पत्र दिलाया गया।
आवेदक के द्वारा प्राईवेट फाईनेन्स कम्पनी से ऋण लेकर व्यवसाय हेतु वाहन क्रय किया गया था। कोविड-19 में आर्थिक स्थिति तंगी के कारण आवेदक द्वारा राशि जमा न कर पाने की स्थिति मे कम्पनी द्वारा वाहन जप्त कर लिया गया था, जिसके बाद आवेदक द्वारा शेष राशि भुगतान करने के लिए स्वयं के मकान गिरवी रखकर 4,00,000/- (चार लाख रूपये) कम्पनी को भुगतान किया, जिसके बाद भी कम्पनी द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र नही दिया जा रहा था। उक्त प्रकरण स्थायी लोक अदालत के समक्ष कम्पनी के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया था, जिसके
बाद दोनों पक्षों में राजीनामा उपरान्त अनावेदक कम्पनी द्वारा आवेदक को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिये जाने से प्रकरण राजीनामा के आधार पर निराकृत हुआ । 03.- चेक बाउंस के मामले में 07 वर्ष से लम्बित प्रकरण में दोनो पक्षकारो ने राजीखुशी हुआ राजीनामा :-
उभय पक्ष के मध्य 4,00,000/- रूपये के चेक के लेन देन का 07 वर्षो से प्रकरण लम्बित चला आ रहा था, माननीय न्यायालय श्री पल्लव रघुवंशी के समझाईश पर नेशनल लोक अदालत में उभयपक्ष के मध्य हुआ राजीनामा दोनों राजीखुशी राजीनामा कर अपने घर गये। न्यायाधीश श्रीमान पल्लव रघुवंशी न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में 228 प्रकरण 138 के मामलो का निराकरण किया गया ।
*नेशनल लोक अदालत की बड़ी उपलब्धि- किशोर न्याय बोर्ड से
विधिक से संघर्षरत किशोरो को मूल धारा में लाने के लिए एवं उनमें सुधारात्मक प्रवृत्ति का विकास करने हेतु राजीनामा के माध्यम से बाल सम्प्रेक्षण गृह रायपुर से 28 किशोरों को किया गया रिहा।*
*किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश श्रीमती अपूर्वा दांगी द्वारा विधिक से संघर्षरत किशोरो के उत्थान के लिए नेशनल लोक अदालत में सतत प्रयास करते हुए बाल सम्प्रेक्षण गृह रायपुर से 28 किशोरों को कौशल विकास कार्यक्रम के तहत सुधारात्मक कदम बढ़ाते हुए उनके भविष्य की सुरक्षा हेतु शिक्षा के महत्व को बताते हुए जीवन में अग्रसर होकर सामाजिक भूमिका के लिए रिहा किया गया।
श्रम न्यायालय - 31 प्रकरण निराकृत अवार्ड राशि 13,86,625
राजस्व न्यायालय - 89519 के निराकृत प्रकरण समझौता राशि 1,01,22,980 प्री-लिटिगेशन एवं नगर निगम से मामले 36,764 प्रकरण का निराकरण राशि 39,21,64,320
जनोउपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरण 22460 प्रकरण निराकृत राशि 25.70,892 न्यायालयो में लम्बित प्रकरणों में से 10,162 प्रकरण का निराकरण हुआ एवं समझौता राशि 46,55,47,323 /- रूपये ।
*विशेष*
रायपुर जिला न्यायालय के इतिहास में नेशनल लोक अदालत में पहली बार 1,58,646 प्रकरणों का निराकरण हुआ सभी प्रकार के राजीनामा योग्य रखे गये प्रकरणों की संख्या 1,68,897 थी ।