नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच पांच दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है. विशेष सत्र के पीछे कोई का...
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच पांच दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है. विशेष सत्र के पीछे कोई कारण नहीं बताए जाने की वजह से राजनैतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है. अब तक ‘एक देश-एक चुनाव’ की बात चल रही थी, लेकिन राष्ट्रपति के एक निमंत्रण पत्र ने चर्चा का रूख मोड़ दिया है. कयास लगाए जा रहे हैं संविधान में नाम बदलकर ‘इंडिया’ की बजाए ‘भारत’ करने का प्रस्ताव लाया जाएगा.कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने संविधान से INDIA नाम हटा दिया है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जी-20 डिनर के लिए आमंत्रण में मेजबान के तौर पर प्रेसिडेंड ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेेंट ऑफ भारत लिखा है. उन्होंने कहा कि यह संविधान के खिलाफ है. बता दें कि संसद के विशेष सत्र की तारीख जैसे-जैसे करीब आती जा रही है, वैसे-वैसे विपक्ष के दिन की धड़कन तेजी होती जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी क्या सगूफा छोड़ने वाले हैं, इसको लेकर केवल कयास ही लगाए जा रहे हैं. एक तरफ वन नेशन-वन इलेक्शन की बात हो रही है, तो वही दूसरी ओर ऐसी उम्मीद भी है कि सरकार महिला आरक्षण बिल भी सदन में पेश कर सकती है.
भाजपा सांसद कर चुके हैं नाम हटाने की मांग
इन दोनों विषयों के अतिरिक्त अब एक नया विषय जुड़ गया है. इसमें विपक्ष आरोप लगा रहा है कि सरकार संविधान में बड़े बदलाव कर सकती है. कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार संविधान से INDIA शब्द को हटाना चाहती है. इसके पहले बीजेपी सांसद हरनाथ यादव ने संविधान से इंडिया नाम हटाने की मांग की थी.