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एक शहर ऐसा भी है, जहां भगवान को जिंदा बिच्छू की माला बनाकर चढ़ाई जाती है

आंध्र प्रदेश. दुनिया के हर हिस्से में लोग भगवान की अलग-अलग तरीके से अराधना करते हैं. भारत में एक शहर ऐसा भी ...

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आंध्र प्रदेश. दुनिया के हर हिस्से में लोग भगवान की अलग-अलग तरीके से अराधना करते हैं. भारत में एक शहर ऐसा भी है, जहां भगवान को जिंदा बिच्छू की माला बनाकर चढ़ाई जाती है? दरअसल ये शहर आंध्र प्रदेश में स्थित है. कुरनूल जिले के कोडुमुर टाउन में भक्त ‘नैवेद्यम’ यानी प्रसाद के रूप में बिच्छू की माला भगवान को चढ़ाते हैं. कुरनूल जिले के कोडुमुर शहर में स्कॉर्पियन फेस्टिवल मनाया जा रहा है बिच्छू महोत्सव. भारत में दशकों पुराने एक अनुष्ठान में बच्चों सहित भक्तों के चेहरे पर बिच्छू रेंगते हुए देखे जाते हैं.


 

प्रसाद के तौर पर यह बिच्छू चढ़ाते

आपको यह जानकर हैरानी होगी भगवान को जिंदा बिच्छू चढ़ाए जाते हैं, जो डंक भी मार सकते हैं. कोडुमुरु और आसपास के गांवों में रहने वाले लोग ‘टेला पांडुगा’ नामक एक त्योहार मनाते हैं, जिसे बिच्छू त्योहार या स्कॉर्पियन फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है. भक्त भगवान श्री कोंडाला रायुडू को प्रसाद के तौर पर यह बिच्छू चढ़ाते हैं. उनका मानना है कि भगवान कोंडाला को बिच्छू चढ़ाने से मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं.

बिच्छू चढ़ाकर मांगते हैं मनोकामना

कोडुमुर शहर में लोग पिछले 50 सालों से बिच्छू चढ़ाकर भगवान की उपासना करते आ रहे हैं. दूर-दराज के इलाके के लोग हर साल बड़ी संख्या में पहाड़ की चोटी पर स्थित भगवान कोंडाला रायुडू के आस्था स्थल पर आते हैं. टेला पांडुगा के इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं. इस त्योहार से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें भक्तों को बिच्छू को नंगे हाथों से पकड़े देखा जा सकता है. भक्त बिच्छू को हाथ में पकड़कर उसको एक धागे में पिरो रहे हैं.

भक्तों में बिच्छू का नहीं डर

भक्तों को इस बात का बिल्कुल डर नहीं है कि ये बिच्छू उन्हें काट भी सकता है. वह बिना किसी खौफ के उसे हाथ में पकड़े हुए हैं. यहां एक चौंकाने वाली बात यह भी है कि इस त्योहार के दौरान यह बिच्छू किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है. सैकड़ों लोग हर साल अपनी मनोकामना लेकर भगवान कोंडाला रायुडू के इस पवित्र स्थल पर आते हैं.

प्रसाद के तौर पर यह बिच्छू चढ़ाते

आपको यह जानकर हैरानी होगी भगवान को जिंदा बिच्छू चढ़ाए जाते हैं, जो डंक भी मार सकते हैं. कोडुमुरु और आसपास के गांवों में रहने वाले लोग ‘टेला पांडुगा’ नामक एक त्योहार मनाते हैं, जिसे बिच्छू त्योहार या स्कॉर्पियन फेस्टिवल के नाम से भी जाना जाता है. भक्त भगवान श्री कोंडाला रायुडू को प्रसाद के तौर पर यह बिच्छू चढ़ाते हैं. उनका मानना है कि भगवान कोंडाला को बिच्छू चढ़ाने से मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं. 

बिच्छू चढ़ाकर मांगते हैं मनोकामना

कोडुमुर शहर में लोग पिछले 50 सालों से बिच्छू चढ़ाकर भगवान की उपासना करते आ रहे हैं. दूर-दराज के इलाके के लोग हर साल बड़ी संख्या में पहाड़ की चोटी पर स्थित भगवान कोंडाला रायुडू के आस्था स्थल पर आते हैं. टेला पांडुगा के इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं. इस त्योहार से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें भक्तों को बिच्छू को नंगे हाथों से पकड़े देखा जा सकता है. भक्त बिच्छू को हाथ में पकड़कर उसको एक धागे में पिरो रहे हैं. 

भक्तों में बिच्छू का नहीं डर

भक्तों को इस बात का बिल्कुल डर नहीं है कि ये बिच्छू उन्हें काट भी सकता है. वह बिना किसी खौफ के उसे हाथ में पकड़े हुए हैं. यहां एक चौंकाने वाली बात यह भी है कि इस त्योहार के दौरान यह बिच्छू किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है. सैकड़ों लोग हर साल अपनी मनोकामना लेकर भगवान कोंडाला रायुडू के इस पवित्र स्थल पर आते हैं.