भिलाई। असल बात न्यूज़।। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में कला विभाग के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत इंटरनेशनल...
भिलाई।
असल बात न्यूज़।।
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में कला विभाग के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत इंटरनेशनल साइन लैंग्वेज डे का आयोजन किया गया lइस अवसर पर प्रयास दिव्यांग संस्थान का भ्रमण एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए संयोजक डॉ सावित्री शर्मा एवं सहसंयोजक श्रीमती ज्योति तिवारी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाता है l जिसका मुख्य उद्देश्य सांकेतिक भाषाओं के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है lजिस संकल्प ने इस दिन की स्थापना की वह भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के एक हिस्से के रूप में सांकेतिक भाषाओं के संरक्षण के महत्व को पहचानता हैl
सांकेतिक भाषा हमें सदैव एकजुट करती है lइस वर्ष साइन लैंग्वेज डे की थीम है --- "एक ऐसी दुनिया जहां सुनने में असमर्थ लोग संकेत की मदद से किसी से भी और कहीं भी अपनी बात कह सकते हैं " l इस अवसर पर अनूठी पहल करते हुए कला विभाग के विद्यार्थियों एवं प्राध्यापको द्वारा प्रयास दिव्यांग संस्थान का भ्रमण किया गयाl संस्था के डायरेक्टर श्री विपिन बंसल एवं प्राचार्य श्री राजेश पांडे ने बताया कि संस्थान में नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के कक्षाएं संचालित है जिसमें दिव्यांग विद्यार्थी अध्यनरत है lसंस्थान की प्राध्यापक तलत शेख द्वारा दिव्यांग एवं विशिष्ट बालकों के संबंध में जानकारी प्रदान की गई एवं श्रीमती अनीता शर्मा, श्रीमती लतिका सोनी के कुशल नेतृत्व में संस्थान भ्रमण कराया गया l
महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने संकेत के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों से परिचय प्राप्त किया और उपहार स्वरूप उन्हें चॉकलेट एवं पेन वितरित किएl विद्यालय परिसर में ट्रेनिंग सेंटर एवं दिव्यांगों के लिए मुख्य उपकरणों को विद्यार्थियों ने कौतूहल पूर्वक देखा एवं उनके द्वारा बनाए गए ड्राइंग पेंटिंग की प्रशंसा की विद्यार्थियों ने काफी समय दिव्यांग जनों के बीच व्यतीत किया और उनके प्रशिक्षण की बारीकियां को समझा l
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा एवं डॉ मोनिशा शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि साइन लैंग्वेज मुंक बधिर दिव्यांगों के लिए संप्रेषण का एक तरीका है ,जो उन्हें दुनिया की मुख्य धारा से जोड़ता हैl दिव्यांगों के अधिकारों पर कन्वेंशन द्वारा सांकेतिक भाषाओं के उपयोग को मान्यता दी गई है l
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि सर्वप्रथम स्पेनिश व्यक्ति पेड्रोपॉन्ड्स लियोन ने बाधित लोगों के लिए औपचारिक तौर पर सांकेतिक भाषा क्रिएट की थी lजिसके इस्तेमाल से संप्रेषण में दिव्यांगों को आसानी महसूस होने लगी l2018 में पहली साइन लैंग्वेज डिक्शनरी लॉन्च की गईl
डॉ सावित्री शर्मा ने बताया कि संस्था द्वारा दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण उनके सम्मान व उन्हें समाज के मुख्य धारा में शामिल करने के लिए जो लगातार प्रयास किया जा रहे हैं, वह बेहद प्रशंसनीय है lइससे महाविद्यालय के विद्यार्थी भी लाभान्वित होंगे l विद्यार्थियों ने दिव्यांग बच्चों को शिक्षा देने में प्रयोग की जाने वाले उपकरणों एवं उनके गुणवत्ता की भी जानकारी प्राप्त की lकार्यक्रम पश्चात आभार प्रदर्शन सहायक प्राध्यापक श्री गोल्डी राजपूत ने कियाl