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स्वरूपानंद महाविद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा “मिलेट्स-ए-मिरेकल” विषय पर अंतर्महाविद्यालयीन प्रतियोगिता का आयोजन

  भिलाई । असल बात न्यूज़।।   स्वरूपानंद महाविद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा “मिलेट्स-ए-मिरेकल” विषय पर अंतर्महाविद्यालयीन प्रतियोगिता का आयो...

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 भिलाई ।

असल बात न्यूज़।।  

स्वरूपानंद महाविद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा “मिलेट्स-ए-मिरेकल” विषय पर अंतर्महाविद्यालयीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसके अंर्तगत रंगोली प्रतियोगिता, मिलेट्स से बना मीठा-नमकीन व्यंजन एवं मिलेट्स की उपयोगिता एवं महत्व पर आधारित विचार-अभिव्यक्ति का आयोजन किया गया जिसमें दुर्ग, भिलाई के महाविद्यालयों के विद्यार्थियो ने बड़ी संख्या में सहभागिता दी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं निर्णायक डॉ. मीनाक्षी अग्रवाल, स.प्रा., गृह विज्ञान फूड एंड न्यूट्रीशन, शासकीय डॉ. वामन वासुदेव पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग थी। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माला अर्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। सरस्वती वंदना बीएड विद्यार्थियों मनमीत, झरना साहू द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम संयोजिका डॉ. शैलजा पवार, प्राध्यापक शिक्षा, ने कहा कि मोटे अनाज या मिलेट्स में विशेष पेाषक गुण समृद्ध मात्रा में पाये जाते है जिनके गुणों से विद्यार्थियो को अवगत कराना भारत की मिलेट्स क्रांति को एवं मोटे अनाजों के स्वास्थ्य संबंधी और पर्यावरणीय लाभों के बारे मे बढ़ती जागरूकता के साथ-साथ पांरपरिक कृषि अभ्यासों को पुनर्जीवित करने के लिए युवाओं को जागरूक करना है।

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने इस कार्यक्रम के लिए शिक्षा विभाग को बधाई देते हुए कहा मिलेट्स का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। मिलेट्स में पोषण की मात्रा ज्यादा होती है। और प्रोटीन, विटामिन्स, खनिज और फाइबर से भरपूर होता है। शंकराचार्य कालेज ऑफ नर्सिग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मोनिषा शर्मा ने कहा लंबे समय से मिलेट्स को “गरीबों का खाना” कहा जाता रहा है परंतु आज मिलेट्स को ही अन्य अनाजों की तुलना में बेहतर माना जा रहा है।

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा मिलेट्स को “मिरेकल ग्रेन्स” यानी चमत्कारी अनाज माना जाता है इसमें कंगनी, सांवा, सनवा, कोदो और कुटकी आते है इसलिए उन्हें सिरी धान या श्री अन्न मिलेट्स कहते है। इस प्रकार के कार्यक्रम से विद्यार्थियों को मिलेट्स के गुणो के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। उपप्राचार्य डॉ. अजरा हुसैन ने कहा मिलेट्स को अपने आहार में शामिल करने से पाचन तंत्र से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती है। ये अनाज आसानी से पच जाते है और पेट में गैस एसीडिटी की समस्या को दूर करते है व मौजूद फाइबर पेट को साफ रखता है। मिलेट्स-ए-मिरेकल” विचारो की अभिव्यक्ति प्रतियोगिता में महिला महाविद्यालय की छात्रा पायल रजक, बीएड तृतीय ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा जिन फसलों या अनाजों को हमनें निम्न स्तर का बना दिया था वह हर थाली में अपना स्थान बना रहा है। मिलेट्स पोषक तत्वो से भरपूर होता है। भिलाई नायर समाजम सेक्टर-8, भिलाई के विद्यार्थी सुधीर वर्मा बीएड तृतीय ने अपने भाषण में कहा यह रागी हुई अभागी क्यो? चावल की किस्मत जागी क्यों? जौ ज्वार अभी जन मानस में, गेहूँ के डर से भागी क्यों? सन्यासी हुआ बाजरा, अब गुम हुई कंगनी कुटकी क्यों? जो भोजन हम ले वह आसानी से बन जाता है मिलेट्स बनने में समय लगता है इस कारण भी मिलेट्स हमारी थाली में गायब होने लगे।

दिनेश साहू छ.ग. वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय, सेक्टर-6, ने कहा ये पर्यावरण के अनुकूल है इसमें किसी उर्वरक का प्रयोग नहीं किया जाता कम पानी सूखें की स्थिति में भी अच्छी पैदावार होती है। 

जगदगुरू शंकराचार्य के विद्यार्थी योगेश कुमार ने बताया छत्तीसगढ़ मिलेट्स उत्पादन के क्षेत्र में पहला व निर्यात में पाँचवां स्थान है। छत्तीसगढ़ आदिवासियों द्वारा मिलेट्स का उपयोग प्राचीनकाल से किया जा रहा है। शैलेन्द्र साहू आर्यवर्त शिक्षा महाविद्यालय रूआबाँधा, स्वरूपानंद महाविद्यालय की एमएड तृतीय की छात्रा प्रतिभा प्रजापति, मैत्री महाविद्यालय के छात्र मयंक बीएड तृतीय के विचारो की सराहना की गयी। मीठा एवं नमकीन मिलेट्स व्यंजन प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने मिलेट्स के अप्पे, चीला, खुरमी, मोठ, मोदक, हलवा, खीर, पुलाव, लिट्टी, ढोकला, खाखरा, उत्तपम बनाकर यह साबित किया की मिलेट्स पोषण से परिपूर्ण होने के साथ स्वादिष्ट भी है।  

कार्यक्रम के परिणाम इस प्रकार रहा- व्यंजन मीठा में प्रथम- कविता ठाकुर, सेठ बद्रीलाल खण्डेलवाल महाविद्यालय दुर्ग, बीएड तृतीय, द्वितीय- दिव्या साहू बीएड तृतीय, भिलाई महिला महाविद्यालय, तृतीय- पूजा सरकार बीएड तृतीय, जगदगुरू शंकराचार्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन, सांत्वना- अंकिता राय, बीएड तृतीय, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, भिलाई।

नमकीन में प्रथम जयोति चौबे, बीएड तृतीय, छ.ग. वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय, सेक्टर-6, द्वितीय- अंकिता रॉय, बीएड तृतीय, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, भिलाई, तृतीय-रीतु आर्यवर्त, बीएड तृतीय, शिक्षा महाविद्यालय, रूआंबांधा।

रंगोली में प्रथम-नेहा चेला, बीएड तृतीय, भिलाई महिला महाविद्यालय, द्वितीय- रीतु ठाकुर, बीएड तृतीय, भिलाई नायर समाजम, तृतीय- भूमिका यादव, बीएड तृतीय, आर्यवृत शिक्षा महाविद्यालय, सांत्वना- अदिति, एमएड तृतीय, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, भिलाई।

विचार अभिव्यक्ति में प्रथम मयंक साहू, बीएड तृतीय, मैत्री कॉलेज, द्वितीय- योगेश कुमार, बीएड तृतीय, जगदगुरू शंकराचार्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन, तृतीय- पायल रजक, बीएड तृतीय, महिला महाविद्यालय, सांत्वना प्रतिमा प्रजापति, एमएड तृतीय, स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, भिलाई।

कार्यक्रम में मंच संचालन स.प्रा. डॉ. पूनम शुक्ला ने किया। आभार प्रदर्शन स.प्रा. डॉ. शैलजा पवार ने किया। इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालय के विद्यार्थी एवं प्राध्यापकगण उपस्थित थे।