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स्वरूपानंद महाविद्यालय में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रम

  भिलाई। असल बात न्यूज़।।      स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको ,भिलाई में कला विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्ग...

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भिलाई।

असल बात न्यूज़।।   

 स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको ,भिलाई में कला विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए डॉक्टर सावित्री शर्मा प्रोफेसर, शिक्षा विभाग ने बताया कि आत्महत्या को रोकने के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से प्रतिवर्ष विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है । इस वर्ष की थीम है-- क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन । यह विषय आत्महत्या रोकने और सभी के लिए अधिक आशापूर्णा दुनिया बनाने के लिए कार्रवाई करने के महत्व पर प्रकाश डालता है। सकारात्मक विचारों से हमें खुशी और आनंद की अनुभूति होती है। 

इस अवसर पर महाविद्यालय में विचारों की अभिव्यक्ति ,पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । महाविद्यालय के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा एवं डॉ मोनिशा शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन महाविद्यालय के सामाजिक योगदान को बताते हैं। वर्तमान संदर्भ में आत्महत्या की बढ़ती दर चिंता का विषय है। हमें समाज को जागरूक करना होगा की आत्महत्या जीवन की समस्याओं का समाधान नहीं है । यह एक बहुत ही गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य का मुद्दा है। एक शिक्षक के रूप में हमें अपनी भागीदारी निभानी होगी । 

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसl शुक्ला ने कहा कि पलक झपकते ही जीवन में हर कुछ हासिल कर पाने की लालसा लोगों की जान ले रही है। वर्तमान में आत्महत्या के मामले दर्शाते हैं कि आखिर किस कदर नकारात्मकता लोगों के ऊपर हावी हो रही है । आज का युवा सपनों में जी रहा है ,जरा सी नाकामी युवाओं को अखरने लगी है। हमें जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया अपनाने की आवश्यकता है । 

विचारों की अभिव्यक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र लिटिल साहू ने कहा कि सकारात्मक सोच से मेटाबॉलिज्म संतुलित होता है ,और मनोविकार उत्पन्न नहीं होते । सकारात्मक सोच तनाव को ऊर्जा में रूपांतरित करके व्यक्ति की ताकत को बढ़ा देता है। प्रतीक ने बताया कि जीवन में कभी भी हताश निराश हो या अच्छा ना लगे तो हमें अपने करीबी दोस्त परिवार के  सदस्यों के साथ अपनी चिंता को साझा करना चाहिए और आवश्यकता होने पर मनोचिकित्सक की सलाह भी लेनी चाहिए । ईशा गुप्ता ने कहा कि आत्महत्या निवारण हेतु भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली नीतियों का पालन करना चाहिए और राज्य स्तर पर काम करके हम आत्महत्या दर में कमी ला सकते हैं। 


पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता की निर्णायक डॉ शमा बैग, विभागअध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी ने परिणाम से अवगत कराते हुए कहां की विद्यार्थियों ने इस वर्ष की थीम के अनुसार ही अपनी अभिव्यक्ति को प्रस्तुत किया हैl पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रिया परमार ,द्वितीय स्थान पर पारस कुमार ने एवम एमकॉम प्रथम वर्ष की छात्र डेजी मैथ्यू रहे। स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पारस कुमार ने प्राप्त किया l आत्महत्या के कानूनी पहलुओं पर विचार व्यक्त करते हुए क्रीड़ा अधिकारी श्री मुरली मनोहर तिवारी ने  आत्महत्या के उकसाने के लिए धारा 306 और धारा 309 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी lउन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में आरोग्य सेवा काउंसिल केंद्र की मदद से हम आत्महत्या निवारण की दिशा में पहला कर सकते हैं जिसका नंबर है 104l


 कार्यक्रम को सफल बनाने में कला विभाग के सहायक प्राध्यापक श्रीमती ज्योति मिश्रा एवं सहायक प्राध्यापक श्री गोल्डी राजपूत की विशेष भूमिका रहीl इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापिकाएं एवं विद्यार्थी गण उपस्थित थेl