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उसके नीचे झुंड बनाकर नशा करने वाले, धन्यवाद दे सकते हैं कि 'टंकियां' तड़के गिरी, जल आपूर्ति व्यवस्था को सामान्य बनाने की युद्ध स्तर पर कोशिश, मड़ौदा टैंक से सीधे कनेक्ट कर की जा सकती है पानी आपूर्ति

  भिलाई।  असल बात न्यूज़।।       00 विशेष संवाददाता    भिलाई टाउनशिप का बड़ा हिस्सा बदसूरत,जर्जर,उखड़े-बिखडे दीवारों और बीमों पर खड़ा नजर आत...

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भिलाई।

 असल बात न्यूज़।।  

    00 विशेष संवाददाता  

भिलाई टाउनशिप का बड़ा हिस्सा बदसूरत,जर्जर,उखड़े-बिखडे दीवारों और बीमों पर खड़ा नजर आता है। कई सारे ऐसे क्वार्टरों की हालत किसी से छुपी नहीं है। मृतप्राय व्यवस्थाओं से जुझ रहे भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को भी इसकी वास्तविकता का पता है। जो दोनों पानी टंकियां,आज तड़के ढह गई उन टंकियां के बीमों से भीग भीग कर जर्जर होकर,कमजोर हो जाने के कारण उभर आये लोहे के सरिया अपनी व्यथा,अपने दर्द को  काफी पहले से लोगों को बता रहे थे।बीमों से बाहर झांककर वे बताते रहते थे कि वे सब इतना भार संभालने में अब असमर्थ होने लगे हैं। लेकिन आखिर उनकी सुनता कौन ? शाम को वहां झुंड बनाकर नशा करने बैठ जाने वाले लोगों को तो अपने फिक्रों को धुएं में उड़ाते जाना था और टंकियां के साथ कुछ शरारत कर देते थे तो वह अलग। अपनी कमजोर अवस्था से जूझती उन टंकियों ने आज साथ छोड़ दिया। यहां नीचे बैठकरअपने फिक्रों को धुएं में उड़ाते,और शरारत करते जाने वाली टोलियों को धन्यवाद देना चाहिए कि दुर्घटना तड़के हुई। अभी इस पूरे क्षेत्र में जल आपूर्ति की व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। जल आपूर्ति व्यवस्था को दो-तीन दिनों में समान हो जाएगी लेकिन यह घटना कई सवाल खड़े कर गई है। सबसे बड़ा सवाल यह भी है की यहां लगभग इन्हीं पानी टंकियां के साथ दूसरे सेक्टर्स में बनी पानी टंकियां भी तो कहीं जर्जर तो नहीं हो गई है और वह भी तो कहीं ऐसी दुर्घटना का शिकार नहीं हो सकती है। 

आजकल ज्यादातर एटीएम सेंटर में उसकी सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड नहीं रखे जाते हैं। इसके पीछे या धारणा बन गई है कि सुरक्षा गार्ड रखने में साल भर में जितना पैसा खर्च हो जाएगा एटीएम में चोरी होने पर उससे कम पैसा जाएगा। ऐसी मानसिकता दूसरे कामों में भी दिखने लगी है। इस तरह से बचत करने की कोशिश की जा रही है। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने भी सामुदायिक सेवा के कार्यों में कटौती कर अपने बचत में बढ़ोतरी करने की शुरुआत की है। लेकिन इस कटौती का दुष्प्रभाव यही है कि लोगों को मिलने वाली कई सेवाएं बंद हो गई हैं या ना के बराबर मिल रही हैं। टाउनशिप बदशक्ल होने लगा है। लेकिन संयंत्र प्रबंधन को इसकी अधिक चिंता नहीं होने वाली। बदहाल जर्जर क्वार्टर्स अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाते खड़े हैं। यह पानी टंकी भी तो जर्जर हो गई थी और बोझ नहीं उठा सकी तो ढह गई। जब ऐसी कटौतियां और बचत कर अमीर बनने की कोशिश में लगा जाता है तो आमतौर पर ऐसी दुर्घटनाये होने लगती हैं। 

वह प्रतिबंधित इलाका है लेकिन सबको मालूम है कि वहां झुंड का झुंड बैठा रहता था। शाम के समय तो यह भीड़ और बढ़ जाती थी और देर रात तक लगी रहती थी। इस भीड़ के लोग वहां क्या करने बैठते थे यह भी सबको मालूम है। सेक्टर 2, सेक्टर 4 के सार्वजनिक स्थलों उद्यानो में यही हो रहा है। उन पानी टंकी से किस तरह की रॉड निकले हैं, कितना भारी-भारी बीम गिरा है कितना वजनदार मलबा दूर-दूर तक गिरा है। यह सब दिख रहा है। कोई इनकी चपेट में नहीं आया, इसकी सबको खुशी है।वे पानी टंकियां कुछ ही मिनट में भरभराकर जमीदोंज  हो गई। पानी टंकी गिरने से इतना भयावह शोर हुआ कि कई किलोमीटर दूर तक सुना गया। 

भिलाई टाउनशिप इलाके में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने कई सुधारात्मक कदम उठाने होंगे। लेकिन इस बारे में निर्णय ले पाना आसान नहीं है। फिलहाल इस सेक्टर में पानी की कमी की समस्या पैदा हो गई है। उसी पानी टंकी से यहां सभी घरों में पानी आता था जो कि ढह गई है। सुबह घरों में पानी आना शुरू हुआ था और कुछ स्थानीय निवासियों ने पानी भरा भी, और उसके बाद यह पूरी टंकी भरभरा कर ढह गई तो पानी आपूर्ति की पूरी व्यवस्था चौपट हो गई है। घटना के बाद यहां तमाम समाजसेवी और राजनीतिक संगठन सक्रिय हुए हैं। खबर के अनुसार लोगों के घरों में पानी का जार पहुंचाया गया है। टैंकर के माध्यम से भी पानी की सप्लाई की जा रही है।





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