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अवैध अतिक्रमण करने वाले ग्रामीणों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया

 कवर्धा   कवर्धा, कवर्धा वनमंडल अंतर्गत भोरमदेव अभ्यारण्य चिल्फी परिक्षेत्र के ग्राम कुमान और नंदिनी से लगे वन भूमि कक्ष क्रमांक पी.एफ. 1...

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 कवर्धा




  कवर्धा, कवर्धा वनमंडल अंतर्गत भोरमदेव अभ्यारण्य चिल्फी परिक्षेत्र के ग्राम कुमान और नंदिनी से लगे वन भूमि कक्ष क्रमांक पी.एफ. 170 में ग्राम कुमान एवं नंदिनी के ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण के उद्देश्य से अवैध रूप से साफ-सफाई, कटाई करने पर 07 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।  

 कवर्धा वनमंडल वनमंडलाधिकारी श्री चूड़ामणि सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार भोरमदेव अभ्यारण्य चिल्फी परिक्षेत्र के ग्राम कुमान और नंदिनी से लगे वन भूमि कक्ष क्रमांक पी.एफ. 170 में स्थानीय ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण के उद्देश्य से अवैध रूप से वन भूमि की साफ-सफाई, कटाई किया जा रहा था। परिसर रक्षक एवं परिक्षेत्र सहायक द्वारा समझाईश दिया गया और मना किया गया। लेकिन ग्रामीण नही माने और विवाद करते हुए कटाई सफाई जारी रखे। कर्मचारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में सूचित किया गया। अधीक्षक भोरमदेव अभ्यारण्य, परिक्षेत्र अधिकारी चिल्फी, वन कर्मियों एवं पुलिस बल लेकर मौका स्थल गए और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया। लेकिन समझाइए देने के उनके द्वारा यह कार्य नहीं रोका गया और उग्र होकर विवाद करने लगे तथा पुनः कटाई सफाई करने लगे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुख्य वन संरक्षक दुर्ग, वन मंडलाधिकारी कवर्धा भी मौका स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश दिया गया लेकिन इसके बाद भी सहयोग करने के लिए तैयार नही हुए और कुल्हाड़ी लेकर नारेबाजी किए। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया। उनके द्वारा भोरमदेव अभ्यारण्य क्षेत्र के वन क्षेत्र के वृहत भू-भाग लगभग 35 हेक्टेयर की सफाई कर चुके थे जिसमे असंख्य लताओं बेलाओ, झाड़ियों, औषधीय पौधों, वृक्षों को काटा गया है। ऐसा करते हुए उनके द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अभ्यारण्य क्षेत्र में बिना अनुमति प्रवेश, विनिर्दिष्ट वृक्षों पौधों की साफ सफाई कराई, हथियार के साथ अभ्यारण्य में प्रवेश, वन्य प्राणियों के प्राकृतिक रहवास को नष्ट करना, अपराध के लिए उकसाना आदि प्रकार के अपराध किए गए हैं।

  अपराधियों के द्वारा वन एवं वन्य प्राणियों के रहवास को क्षति पहुंचाने के साथ–साथ वनों द्वारा जो शुद्ध हवा, पानी, पर्यावरण संतुलन हेतु जो योगदान रहता है उसे भी नष्ट किया है, क्षति पहुचाई गई है। अपराधियों द्वारा मानव सहित सम्पूर्ण जीव जगत को नुकसान पहुंचाया गया है। प्रभावित क्षेत्र में बाघों का विचरण होते रहता है। एक प्रकार से देखा जाए तो अपराधियों द्वारा वन वन्य प्राणी एवं पर्यावरण को अपूर्णनीय क्षति पहुंचाई गई है।

  अपराधियों के विरुद्ध वन अपराध प्रकरण क्रमांक 9472/24 दिनांक 26 अगस्त 2023 जारी किया गया और प्रकरण की विवेचना प्रारंभ की गई। प्रारंभिक रूप से 07 अपराधियों जिसमें 1. श्री समारू व. कुंवरसिंह जाति बैगा, ग्राम कुमार उम्र 29 वर्ष, 2. श्री सुकलाल व. ईतवारी जाति तेली ग्राम कुमान उम्र 36 वर्ष, 3. श्री मुनेश व. हगरू, जाति यादव, ग्राम कुमान, उम्र 36 वर्ष,  4. श्री गंगाराम व. हिरदु जाति गोंड़, ग्राम नंदनीटोला, उम्र 48 वर्ष, 5. श्री कार्तिक व. मोहन जाति गोंड़, ग्राम नंदनीटोला, उम्र 51 वर्ष, श्री बिरझु व. पंचु जाति गोंड़, ग्राम नंदनीटोला, उम्र 65 वर्ष, 7. श्री अमरलाल व. डोंगरू जाति गोंड़, ग्राम नंदनीटोला उम्र 47 वर्ष को चिन्हित कर दिनांक 05 सितंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया और न्यायालय कवर्धा के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपियों के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आरोप अधिरोपित किए गए हैं। विवेचना जारी रहेगी और भी आरोपियों के पकड़े जाने की आशंका है