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पिछले 5 साल में छत्तीसगढ़ में आदिवासी वर्ग के लोगों को आत्महत्या करने के लिए कर दिया गया मजबूर - लता उसेंडी

  रायपुर, कोंडागांव।  असल बात न्यूज़।।     भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने राज्य सरकार पर आज गंभीर ...

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 रायपुर, कोंडागांव।

 असल बात न्यूज़।।    

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने राज्य सरकार पर आज गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस सरकार के 5 साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में आदिवासी वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रताड़ित किए गए हैं।इस वर्ग के लोगों की कहीं सुनवाई नहीं हुई है और छत्तीसगढ़ में आदिवासी लोग आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने दुर्ग जिले के जामुल में एक आदिवासी परिवार के पति-पत्नी के आत्महत्या कर लेने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा आदिवासी समाज ऐसी घटना के कारणों को समझ रहा है कि हमारे आदिवासी भाई बहन क्यों आत्महत्या करने पर मजबूर है। 

भाजपा नेत्री सुश्री उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा,आदिवासी परिवारों के जीवकोंपार्जन के साधनों को छीनने का काम किया है जिससे आदिवासी परिवारों में गृह क्लेश बढ़ा है। आजादी मिलने के बाद कांग्रेस के शासनकाल में हमारे आदिवासियों की जमीन पर दूसरे लोगों को बसा दिया गया। यहां की कीमती जमीनों को दूसरे लोगों को दे दिया गया। कांग्रेस सरकार के संरक्षण में यहां के जंगल, जमीन पर आदिवासियों को खदेड़कर दूसरे लोगों को कब्जा कर लेने दिया गया। इसकी वजह से आज आदिवासी वर्ग के लोगों को अपना, जंगल अपनी जमीन छोड़कर पलायन करना पड़ा है। यहां के युवाओं को रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ आदिवासियों का है लेकिन यहां सबसे ज्यादा शोषण आदिवासी लोग वर्ग के लोगों का किया गया है। पिछले 5 साल में आदिवासी वर्ग के मजबूर लोगों की कहीं सुनवाई नहीं हुई। अनुसूचित जाति वर्ग के लोग भी ऐसे व्यथा को सहने के लिए मजबूर हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे भाई-बहन छत्तीसगढ़ में जगह-जगह आत्महत्या कर रहे हैं। क्योंकि उनके जीवकोपार्जन के साधन को छीन लिया गया है। उनके आय के साधनों को खत्म करने की कोशिश की गई है।इन साधनों को दूसरे लोगों को दे दिया गया है। आदिवासियों के जंगल,खेतों तथा सड़क के किनारो की कीमती जमीनों  पर दूसरे लोगों को कब्जा दे देने से आदिवासी वर्ग के लोगों का रोजगार का साधन छिन गया, सीमित हो गया है। 

सुश्री उसेंडी ने कहा कि आदिवासी वर्ग के लोग कई कई एकड़ की भूमि के स्वामी नहीं है, बल्कि अल्प कृषि भूमि वाले हैं। उन्हें ना कर्ज माफी का कोई लाभ मिला है ना ही बोनस का। इसका फायदा सिर्फ बड़े किसानों ने उठाया है। आदिवासी समाज इसे देख रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्जमाफी, बोनस के नाम पर झूठी वाहवाही लूट रही है। वास्तविकता यह है कि यहां आदिवासी वर्ग के लोग आत्महत्या करने को मजबूर हैं। रोज कहीं ना कहीं 'आदिवासी' आत्महत्या कर रहे हैं। इस चुनाव में इसका सबक सिखाया जाएगा। उन्होंने जामुल में आत्महत्या कर लेने वाले आदिवासी दंपति को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है। सुश्री उसेंडी ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति वर्ग के लोग भी गंभीर रूप से प्रताड़ित हैं और इस वर्ग के लोग भी प्रदेश सरकार से पूरी तरह से नाराज हैं। सभी चुनाव का इंतजार कर रहे हैं और इस चुनाव में इस वर्ग के लोग सरकार को उसका परिणाम दिखा देंगे।