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शरद पूर्णिमा के दिन 9 हजार रुपए किलो तक बिकती है यह मिठाई, साल भर रहता है लोगों को इसका इंतजार

  शरद पूर्णिमा के अगले दिन चंडी पड़वा आता है. सूरत के खाने वाले लोगों का इस दिन इंतजार रहता है. सूरत अपने भोजन और भोजन प्रेमी लोगों के लिए ज...

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 शरद पूर्णिमा के अगले दिन चंडी पड़वा आता है. सूरत के खाने वाले लोगों का इस दिन इंतजार रहता है. सूरत अपने भोजन और भोजन प्रेमी लोगों के लिए जाना जाता है. त्योहार में मिठाई खानी तो आम बात है, लेकिन मिठाई अगर 9 हजार रुपए प्रति किलो वाली खाई जाए तब बात खास हो जाती है. जी हां, आप भी सोच रहे होंगे कि एक किलोग्राम मिठाई की कीमत 9 हजार रुपए किलो. जी हां, यह सच्चाई है. दरअसल, गुजरात के सूरत (Surat) शहर में एक मिठाई दुकान में एक खास मिठाई है गोल्ड घारी, जो 9 हजार रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रही है.सूरत में यह एक परंपरा है कि रक्षाबंधन के लिए काजू कतली मनाई जाती है, ऐसी तरह सबसे महत्वपूर्ण चंडी पड़वा घारी के कारण अधिक प्रसिद्ध है. इस अवसर पर लोग घर और भूसू खाने के लिए रेस्तरां और बाहर घूमने की जगहें हैं. घर का स्वाद लेने के लिए हर कोई अपने आहार को अलग रखेगा. चंडी पड़वा के दिन सुरती हर साल 100 टन घारी खा जाते हैं 




कैसे बनाई जाती है यह रेसिपी

घारी या सुरती घारी भारत के सूरत, गुजरात का एक मीठा गुजराती व्यंजन है. घारी पूरी के घोल, दूध ‘मावा’, घी और चीनी से बनाई जाती है – इसे मीठा भरकर गोल आकार में बनाया जाता है, जिसे चांदनी पड़वा त्योहार पर खाया जाता है. यह कई किस्मों और स्वादों में भी उपलब्ध है जैसे पिस्ता, बादाम-इलायची और मावा आदि.गरी मावा, पिस्ता, बादाम, इलायची और केसर से बनाया जाता है. इन सभी के मिश्रण में प्याज डाला जाता है और फिर एक गेंद के आकार में रोल किया जाता है. इसके अलावा, इस मिश्रण को दांतों के एक हिस्से के साथ लेपित किया जाता है और अंत में इसमें घी की डीप फ्राई कर दी जाती है और बाद में इसमें फिर से घी की मोटी परत डाल दी जाती है. आज सूरत के लगभग सभी मिठाईयों की दुकानें में घारी बिकती है.