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सायना नेहवाल ने महिला शटलरों के प्रदर्शन में गिरावट को किया स्वीकार, संन्यास को लेकर भी दे डाला ये बयान

  स्पोर्ट्स डेस्क.  भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों (Indian’s women huttlers) ने हाल के कुछ वर्षों में अपने प्रदर्शन से प्रशंसकों को निराश...

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 स्पोर्ट्स डेस्क. भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों (Indian’s women huttlers) ने हाल के कुछ वर्षों में अपने प्रदर्शन से प्रशंसकों को निराश किया है. ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता सायना नेहवाल (Olympic bronze medalist Saina Nehwal) ने स्वीकार किया कि, पिछले एक वर्षों में महिला शटलरों के प्रदर्शन में थोड़ी गिरावट आई है. लेकिन उन्हें उम्मीद है कि ऐतिहासिक प्रदर्शन करने वाले पुरुष बैडमिंटन (Men’s badminton) सफलता के सिलसिले को जारी रखेंगे. सायना ने कहा कि उन्होंने अभी संन्यास (Retirement) लेने के बारे में नहीं सोचा है और खिलाड़ियों को कोचिंग देने की संभावना पर भी विचार नहीं किया है क्योंकि यह काफी मुश्किल काम है. बता दें कि, सायना अब 33 वर्ष की हो चुकी है और पिछले कुछ समय से चोट के कारण परेशान भी रही हैं. उन्होंने कहा कि नतीजे काफी अच्छे आ रहे हैं, पिछले 10 वर्षों में बैडमिंटन ने काफी प्रगति की है. लोगों में विश्वास है, खिलाड़ियों में विश्वास आ रहा है कि हम शीर्ष स्तर पर अच्छे नतीजे हासिल कर सकते हैं. अब तो हम बैडमिंटन में स्वर्ण पदक (थॉमस कप और एशियन गेम्स में मेन्स डबल्स) भी जीते हैं. बैडमिंटन काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. हमारे मौजूदा खिलाड़ी काफी अच्छा खेल रहे हैं और कई उदीयमान खिलाड़ी भी आ रहे हैं जिससे मुझे यकीन है कि बैडमिंटन का भविष्य काफी अच्छा है.


भारत के पुरुष खिलाड़ी पिछले कुछ समय से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. महिला वर्ग में हालांकि दो बार की ओलम्पिक पदक विजेता पीवी सिंधु (PV Sindhu), अश्मिता चालिहा (Ashmita Chaliha) और आकर्षी कश्यप (Akarshi Kashyap) जैसी एकल खिलाड़ी पिछले एक वर्ष में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाईं. भारतीय महिला टीम एशियन गेम्स (Asian Games 2023) में क्वार्टर फाइनल में हार गई जबकि व्यक्तिगत वर्ग में भी कोई पदक नहीं मिला. महिला खिलाड़ियों के उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने पर सायना ने कहा कि कभी-कभी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. खेल में काफी चीजें मायने रखती हैं. कभी-कभी फिटनेस समस्या होती है, कभी मानसिक रूप से समस्या हो जाती है, प्रत्येक वर्ष एक जैसा नहीं रहता.