छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।। छत्तीसगढ़ में दोनों मुख्य राजनीतिक दलों में टिकट के लिए कितनी और कैसी मारामारी चल रही है इसे मस्तूरी विधानस...
छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज़।।
छत्तीसगढ़ में दोनों मुख्य राजनीतिक दलों में टिकट के लिए कितनी और कैसी मारामारी चल रही है इसे मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के उदाहरण से काफी कुछ समझा जा सकता है, जहां से, सिर्फ कांग्रेस पार्टी से 57 लोगों ने टिकट की मांग की है। हालांकि टिकट तो सिर्फ एक उम्मीदवार को मिलने वाली है लेकिन इतने अधिक लोगों के टिकट के लिए दावेदारी करने से पता चलता है कि लोगों में राजनीतिक सक्रियता कितनी बढ़ गई है और बढ़ रही है। कांग्रेस, इस बार मस्तूरी विधानसभा सीट जरूर जीतना चाहेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी का भी भारी प्रभाव दिखा था और उस चुनाव में यहां से बसपा के प्रत्याशी ने 54000 से अधिक वोट हासिल कर यहां बसपा को दूसरे स्थान पर खड़े रखा था। हम यह कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है लेकिन बिलासपुर संभाग की कई सीटों पर बसपा का भी काफी कुछ असर दिख सकता है।
छत्तीसगढ़ में अभी बहुजन समाज पार्टी ही, तीसरी पार्टी है जिसके लिए कहा जा सकता नया राज्य बनने के बाद यहां से उसके कुछ विधायक किसी न किसी सीट पर जरूर निर्वाचित होते रहे हैं। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस के भी कई सदस्य चुनाव जीत कर आए, और वह तब बसपा से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी रही है लेकिन जोगी कांग्रेस ने यह पहली बार चुनाव लड़ा था। नया छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से बसपा यहां सभी दो-तीन सीट जरूर जीतती रही है। अभी उसके दो विधायक हैं। और इससे कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि इस बार भी कुछ सीटों पर उसका बड़ा प्रभाव दिख सकता है और इस चुनाव में भी वह वहां टक्कर देने की स्थिति में है। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक तौर पर लगातार उलट पलट की स्थिति बनी रही है। यहां से भाजपा के प्रत्याशी को भी जीत मिली है तो कांग्रेस ने भी जीत हासिल की है और अभी पिछले विधानसभा चुनाव में वहां के मतदाताओं ने भाजपा को वहां से जीत दिलाई है और भाजपा के विधायक डा कृष्णमूर्ति बांधी सिटिंग एमएलए हैं।
कांग्रेस इस बार कई नई सीटों पर जीत हासिल करना चाहेगी इसमें उसकी लिस्ट में मस्तूरी सीट भी शामिल हो सकती है। और कांग्रेस के लिए यह भी खुशी की बात हो सकती है कि वहां से टिकट मांगने के लिए बड़ी संख्या में दावेदार सामने आए हैं। राजनीतिक पार्टियां, जिन विधानसभा क्षेत्र में उसके टिकट के दावेदार की संख्या बढ़ती है, उसे हुए वहां अपना जन आधार बढ़ाने के रूप में देखते हैं। कांग्रेस से यहां टिकट के दाग दारू के रूप में 57 लोगों के नाम सामने आए हैं लेकिन बताया जाता है कि ब्लॉक स्तर के बाद जिला स्तर तक पहुंचते पहुंचते इसमें से अधिकांश नाम की छटनी हो गई है। कांग्रेस को इस विधानसभा क्षेत्र में पिछले बार तीसरे स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा था।
अभी तक जो जानकारी है मस्तूरी विधानसभा सीट से राजनीतिक गलियारे में पूर्व विधायक दिलीप लहरिया, जिला पंचायत के सभापति राजेश्वर भार्गव और प्रेमचंद जायसी का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। राजेश्वर भार्गव अभी जिला पंचायत के सभापति हैं और इसके पहले भी वे इस पद पर रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी यहां दूसरे स्थान पर थी। अभी कांग्रेसी खेमे में टिकट के लिए मंथन चल रहा है और दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है कि टिकट के नाम की घोषणा शीघ्र हो जाएगी। मस्तूरी जैसे विधानसभा क्षेत्र में तो टिकट फाइनल करने में भारी माथापच्ची करनी पड़ रही है।
फिलहाल बहुजन समाज पार्टी ने यहां से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है और अपनी संभावना को जिंदा रखा है।