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"नशा, मुक्त जीवन ही व्यक्ति के जीवन की समृद्धि और खुशहाली का रास्ता" श्री हिरेन्द्र सिंह टेकाम, विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज / एस.टी. एस.सी.

 " रायपुर। असल बात न्यूज़।।    यहां जिला जेल रायपुर में बंदियों को नशा मुक्ति जीवन जीने के लिए प्रेरित करने मार्गदर्शन शिविर आयोजित किय...

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रायपुर।

असल बात न्यूज़।।   

यहां जिला जेल रायपुर में बंदियों को नशा मुक्ति जीवन जीने के लिए प्रेरित करने मार्गदर्शन शिविर आयोजित किया गया। यह शिविर जेल में महिला एवं पुरुष प्रकोष्ठ में अलग-अलग लगाया गया।इस अवसर पर प्रबोधन देते हुए विशेष न्यायाधीश एट्रोसिटीज / एस.टी. एस.सी. रायपुर  श्री हिरेन्द्र सिंह टेकाम ने कहा कि नशा व्यक्ति के शरीर, मन, आत्मा  का नाश तो करता ही है,आनेवाली पीढ़ी के भविष्य को भी अंधकार में ढकेल देता है। नशा मुक्त जीवन जीना ही मानवता को अमर करने का रास्ता है"।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा चलाये जा रहे अंडर ट्रायल रिव्यु कमेटी के विशेष अभियान आयोजन किये जाने के निर्देश के पालन में बंदियों को उक्त योजना का लाभ दिये जाने के साथ साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जेलों में निरूद्ध बंदियों के समग्र विकास पर भी जेल प्रशासन तथा जिला प्रशासन के सहयोग से विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजन किया जा रहा है, 

इसी के तारतम्य में  26 अक्टूबर को केन्द्रीय जेल रायपुर के महिला तथा पुरुष प्रकोष्ठ में समाज कल्याण विभाग एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के संयुक्त समन्वय से बंदियों को नशा मुक्त जीवन जीने की ओर अग्रसर करने  अध्यक्ष जिला न्यायाधीश श्री अब्दुल जाहिद कुरैशी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में शिविर आयोजित किया गया। पुरूष प्रकोष्ठ में उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता  श्री हिरेन्द्र सिंह टेकाम, विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटीज / एस.सी.एस.टी.) रायपुर सह अध्यक्षता  श्री धीरेन्द्र प्रताप सिंह दांगी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी तथा महिला प्रकोष्ठ में आयोजित उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री विभा पाण्डे, चतुर्दश अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रायपुर तथा सह अध्यक्षता सुश्री काम्या अय्यर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा की गई।   विशेष न्यायाधीश श्री हिरेन्द्र सिंह टेकाम, द्वारा बंदियों को बताया गया कि नशे में मनुष्य का विवेक नष्ट हो जाता है और वह विवेकहीन होकर अपराध कर बैठता है, जिसका परिणाम वह तो जेल में निरूद्ध रहकर अपनी सजा काटता है। इसके बाद उस पर आश्रित उसका परिवार उसके माँ-बाप, बीबी बच्चे निराश्रित हो जाते है और वह अपने परिवार को एक अच्छा दर्जा नहीं दिला पाते है। नशे में उठाया गया एक कदम उसके पूरे परिवार के लिये एक श्राप बन जाता है। इसलिये हम सभी लोगों को नशे से दूर रहना चाहिये हम आज किये गये अपराध के एवज में जेल में है इससे आगे और कोई जगह सजा काटने के लिये नहीं है. इसलिये हमारा प्रयास समाज की धारा में वापस लौटने का होना चाहिये, ताकि हम वापस अपने घर समाज में जाकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके और अपने परिवार को एक अच्छा भविष्य प्रदान कर सके। 

उक्त कार्यक्रम को  श्री धीरेन्द्र प्रताप सिंह दांगी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा तथा श्रीमती ममता शर्मा तथा डॉ. अपूर्वा खतवार साईकाट्रिक्स द्वारा भी संबोधित करते हुये नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक कर नशे से दूर रहने हेतु संकल्पित किया गया। कार्यक्रम के दौरान जेलर श्री मोखनाथ प्रधान, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी पैरालीगल वालेंटियर्स श्री सचिन पांडे, श्री सहदेव नेताम, श्रीमती लोमिन साहू, श्रीमती मंजू टिकरिया एवं केन्द्रीय जेल रायपुर के कर्मचारी उपस्थित रहे।