रायपुर। असल बात न्यूज़।। आचार संहिता लगने के बाद निर्वाचन आयोग की सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत पूरे प्रदे...
रायपुर।
असल बात न्यूज़।।
आचार संहिता लगने के बाद निर्वाचन आयोग की सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत पूरे प्रदेश भर में लगातार कार्रवाई की जा रही है तो वहीं आज भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों को हटा दिया गया है। इसमें बिलासपुर और रायगढ़ के कलेक्टर भी शामिल हैं। इन कलेक्टरों को मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर सदस्य कर दिया गया
उल्लेखनीय है कि राज्य में आचार संहिता लगने के सिर्फ एक दिन बाद ही यह बड़ी कार्रवाई हुई है और भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया गया है।
बिलासपुर के कलेक्टर संजीव कुमार झा और रायगढ़ के कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा को मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
इसके साथ मार्केफेड के प्रबंध संचालक मनोज सोनी को भी वहां से हटा दिया गया है और उन्हें मंत्रालय में विशेष सचिव बनाया गया है। श्री सोनी के पास खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग के विशेष सचिव का पद भी था।
इधर राज्य में आदर्श आचार संहिता के प्रभावी होते ही संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्यवाही शुरू की गई है। अभी तक कुल 1.47 लाख से अधिक बैनर, पोस्टर और वॉल राइटिंग हटाए गए हैं। इनमें 1.14 लाख से अधिक सार्वजनिक संपत्ति और 33 हजार 127 निजी संपत्ति शामिल हैं।
राज्य में विधानसभा आम निर्वाचन-2023 के लिए आदर्श आचार संहिता प्रभावी होते ही संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत सार्वजनिक और निजी संपत्तियों से वॉल राइटिंग, पोस्टर और बैनर हटाने की कार्यवाही शुरू हो गई हैं। राज्य में इन दोनों तरह की संपत्तियों से 10 अक्टूबर तक कुल एक लाख 47 हजार 447 प्रचार सामग्रियां हटाई गई हैं। सार्वजनिक संपत्तियों से संबंधित एक लाख 14 हजार 320 और निजी संपत्तियों से संबंधित 33 हजार 127 प्रकरणों पर कार्यवाही की गई है।
राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि सभी कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कुल एक लाख 91 हजार 700 प्रकरण चिन्हांकित किए गए हैं। इनमें सार्वजनिक संपत्ति से संबंधित एक लाख 39 हजार 740 और निजी संपत्ति से संबंधित 51 हजार 960 प्रकरण शामिल हैं। सभी जिला प्रशासन द्वारा इन्हें हटाने की कार्यवाही द्रुत गति से जारी है। अधिनियम के अंतर्गत दुर्ग जिले में सरकारी और निजी संपत्तियों से बैनर, पोस्टर, वॉल राइटिंग इत्यादि हटाने की 11 हजार 039, सुकमा में 1478, गरियाबंद में 5200, बेमेतरा में 2913, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई में 1223, बालोद में 13 हजार 578, जशपुर में 2461, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 373 और सरगुजा में 9881 कार्यवाही की गई हैं।
संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में कुल 7977, रायगढ़ में 6052, सूरजपुर में 2172, कांकेर में 2016, बिलासपुर में 4305, दंतेवाड़ा में 491, महासमुंद में 6336, जांजगीर-चांपा में 4634, बस्तर में 488, कोरबा में 9106, कोण्डागांव में 9262, कबीरधाम में 1468, बीजापुर में 642, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 1401, राजनांदगांव में 1350, बलरामपुर-रामानुजगंज में 7432, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 2384, कोरिया में 615, नारायणपुर में 634, मुंगेली में 7789, सक्ती में 5245, धमतरी में 5464 और रायपुर में 12 हजार 038 संपत्तियों से वॉल राइटिंग, पोस्टर और बैनर हटाने की कार्यवाही 10 अक्टूबर तक की गई है।