Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


फिर जप्त हुई 100 करोड रुपए से अधिक की नगदी,,ई डी की कार्रवाई से छत्तीसगढ़ में राजनीतिक समीकरण बिगड़ने के कयास,मार्कफेड के पूर्व एमडी,,राइस मिलर्स के ठिकानों से विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और बेहिसाब सौ करोड़ रुपए नकदी बरामद

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।।       विभिन्न मामलो में छत्तीसगढ़ में ई डी के छापो की कार्रवाई लगातार जारी है।यह कयास लगाया जा रहा है...

Also Read



नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।

असल बात न्यूज़।।      

विभिन्न मामलो में छत्तीसगढ़ में ई डी के छापो की कार्रवाई लगातार जारी है।यह कयास लगाया जा रहा है कि इन छापों से कई क्षेत्रों में राजनीतिक समीकरण भी गड़बड़ा सकते हैं। ई डी ने यहां एक दिन पहले मार्कफेड के पूर्व एमडी, छत्तीसगढ़ राइस मिलर संगठन के कोषाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों, जिला विपणन संघ के पदाधिकारियों, सहित कुछ मिलर्स के यहां बड़ा तलाशी अभियान चलाया है।इस तलाशी अभियान में लगभग 100 करोड रुपए से अधिक की नगदी बरामद किए जाने की जानकारी सामने आई है। यह नगदी जप्त कर ली गई है इसके साथ विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण भी बरामद किए गए हैं। इस मामले में या सनसनी के जानकारी सामने आई है की मार्कफेड के एमडी ने उक्त अवधि के दौरान केवल उन्हें राइस मिलर्स को  राज्य सरकार के द्वारा घोषित बोनस की राशि का भुगतान  किया गया जिन्होंने एसोसिएशन को रिश्वत के तौर पर नगद राशि दी थी। राज्य में करोड़ों रुपए का यह घोटाला भी अवैध परिवहन घोटाले के जैसा ही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ईडी Directorate of Enforcement (ED)  ने  20 और 21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व एमडी, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों, जिला विपणन संघ के अधिकारियों और कस्टम राइस मिलिंग स्पेशल में कुछ राइस मिलर्स के परिसरों के यहां तलाशी अभियान चलाया है। छापे की यह करवाई कस्टमाइज्ड मिलिंग से गड़बड़ी और इनकम टैक्स की शिकाकातों के आधार पर की गई है।

ईडी ने आईटी अधिनियम, 1961 और आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत आयकर विभाग द्वारा  सीजेएम, रायपुर के समक्ष दायर एक शिकायत के आधार पर जांच शुरू की है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ लिमिटेड (मार्कफेड) के अधिकारियों के साथ मिलीभगत की और विशेष प्रोत्साहन का दुरुपयोग करने और करोड़ों की रिश्वत कमाने की साजिश रची।

ED initiated investigation on the basis of a Complaint filed by Income Tax Department under various sections of IT Act, 1961 and IPC, 1860 before the Hon’ble of CJM, Raipur wherein it was alleged that that the officer bearers of Chhattisgarh State Rice Millers Association colluded with officers of Chhattisgarh State Marketing Federation Ltd (MARKFED) and hatched a conspiracy to misuse the special incentive and earn Crores of bribe kickbacks.

यह गड़बड़ी भी काफी षड्यंत्रपूर्वक किए जाने की जानकारी सामने आ रही है। । सरकार द्वारा खरीफ वर्ष 2021-22 तक धान का प्रति क्विंटल 40/- रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की कस्टम मिलिंग के लिए चावल मिलर्स को बोनस के रूप में  भुगतान किया गया।छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से और बाद में, इसे बाद में अत्यधिक बढ़ाकर ₹120 प्रति क्विंटल कर दिया गया।रुपये कर दिया गया। और इसका बाद  भुगतान दो किश्तों में 60/-प्रत्येक किस्त की दर से किया गया।

 Till Kharif year 2021-22, a special incentive of  Rs. 40/- per quintal of paddy was paid by the Govt. of Chhattisgarh to the rice millers for custom milling of paddy and subsequently, it was exorbitantly increased to Rs. 120/- per quintal of paddy later which was paid in two instalments of Rs. 60/-each.

जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर के नेतृत्व में एमडी मनोज सोनी के साथ संयुक्त रूप से बैठक की।
मार्कफेड ने चावल मिलर्स से प्रत्येक क्विंटल धान के लिए 20/- प्रति किस्त रिश्वत राशि के तौर पर एकत्र करना शुरू कर दिया। 

 The office bearers of Chhattisgarh State Rice Millers Association in the leadership of its Treasurer, Roshan Chandrakar in connivance with Manoj Soni, MD, MARKFED started collecting kickbacks amount of Rs. 20/- per instalment for each quintal of paddy milled from the rice millers. 

नकद राशि का भुगतान करने वाले चावल मिलर्स का विवरण जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा संबंधित जिला विपणन अधिकारी (डीएमओ) को भेज दिया गया था। 

The details of rice millers who have paid the cash amounts were sent by the district rice millers association to the concerned District Marketing Officer (DMO).

चावल मिलर्स के बिल प्राप्त होने पर डीएमओ ने संबंधित जिला राइस मिलर्स एसोसिएशन से प्राप्त विवरण के साथ उनकी जांच की; इसके बाद यह जानकारी मार्कफेड के मुख्य कार्यालय को दे दी गई। मार्कफेड एमडी द्वारा केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दी गई, जिन्होंने एसोसिएशन को नकद राशि का भुगतान किया है।

The DMOs, upon receiving the bills of rice millers, cross checked them with the details received from concerned district rice millers association; this information was then passed on to the head office of MARKFED. The bills of only those rice millers who have paid cash amount to the association were cleared by MD, MARKFED for payment.

ईडी की जांच से पता चला कि विशेष भत्ता 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये क्विंटल करने के बाद, 500 करोड़ रुपये के भुगतान जारी किए गए, जिससे मारपीट के अधिकारियों के द्वारा 175 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूल की गई, जिसे रोशन चंद्राकर ने एमडी मार्कफेड की 'उच्च शक्तियाँ'का प्रयोग करते हुए सक्रिय सहायता से लाभ के लिए एकत्र किया।  तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की गई। 1.06 करोड़ पाए गए और जब्त कर लिए गए। आगे की जांच जारी है.

ED investigation revealed that after the increase in the special allowance from Rs 40 to Rs 120 quintal, payments were released worth Rs 500 Crore, generating kickbacks of Rs 175 Crore which were collected by Roshan Chandrakar with active assistance of MD MARKFED, for the benefit of 'higher powers'. During the search operations various incriminating documents, digital devices and unaccounted cash of Rs. 1.06 Crore were found and seized. Further investigation is under progress.