भिलाई । असल बात न्यूज़।। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको ,भिलाई में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कला विभाग द्वार...
भिलाई ।
असल बात न्यूज़।।
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको ,भिलाई में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कला विभाग द्वारा 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक खादी महोत्सव के अंतर्गत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । जिसमें ताना- बाना प्रशिक्षण सत्र, चरखा चलाना, क्विज, निबंध , सेल्फी विद खादी, स्लोगन प्रतियोगिता शपथ एवं खादी जागरूकता रैली का आयोजन किया गया ।जिसमें महाविद्यालय के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षिक स्टाफ तथा विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते डालते हुए संयोजिका डॉ सावित्री शर्मा ने कहा कि 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक देश में खादी महोत्सव मनाया जा रहा है ।यह आयोजन वोकल फॉर लोकल एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करने के लिए समर्पित है। इसका मुख्य उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में योगदान देने के लिए नागरिकों को खादी उत्पाद खरीदने एवं पहनने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करना है तथा ग्रामोद्योग, हथकरघा ,हस्तशिल्प एवं स्थानीय स्तर पर उत्पादित विभिन्न पारंपरिक एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना है। क्योंकि इन सभी वस्तुओं ने भारत को एक राष्ट्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है और यह हमारे पूर्वजों और ग्रामीण संस्कृति का विरासत है, एवं यह प्रकृति के बेहद करीब है।
कार्यक्रम के सफल आयोजन की सराहना करते हुए महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा एवं डॉ मोनिशा शर्मा ने कहा कि महाविद्यालय में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि यह गांधी जी के कथन को चरितार्थ करता है । हमें गांधी जी के विचारों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए । चरखा इस बात की सबसे खरी कसौटी है ,कि हमने सभी धर्मावलंबियों को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। चरखा जहां एक और आपसी सोहाद्र कायम करने का रास्ता है तो दूसरी तरफ यह गांव और गरीब से जुड़ने का माध्यम भी है। जब हम खाद्दी उत्पाद खरीदते हैं तो हम उन लाखों बुनकरों के जीवन में रोशनी लाते हैं जो दिन रात कड़ी मेहनत करते हैं।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि महात्मा गांधी जी का चरखा एक वैकल्पिक आर्थिक व्यवस्था का प्रतीक था । विशेष रूप से महिलाओं की आर्थिक स्थिति के लिए भी और आजादी के लिए भी । चरखा ने गांधी जी की बुनियादी शिक्षा के स्वालंबन शब्द को चरितार्थ किया। खादी और ग्रामोद्योग नै न केवल स्वतंत्रता आंदोलन में अपितु आजादी के बाद 75 वर्षों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विविध आयोजित कार्यक्रमों का उद्देश्य वोकल फॉर लोकल एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था । प्रथम दिवस प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापिका एवं विद्यार्थियों को खादी के संवर्धन एवं विकास के लिए शपथ दिलाईं गई । इसके पश्चात ताना-बाना प्रशिक्षण और चरखा चलाने के सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया । जिसमें विद्यार्थियों ने अपने हाथों से सूत कताई की । विविध प्रतियोगिताओं के परिणामों से अवगत करवाते हुए निर्णायक टीम ने परिणामों की घोषणा की । क्विज प्रतियोगिता में स्वतंत्रता एवं आत्मनिर्भरता ,गांधी जी के चरखे का स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान, चरखा एवं स्वदेशी आंदोलन, बुनकर क्रांति का प्रतीक चरखा आदि विषयों से संबंधित अनेक प्रश्न शामिल थे । प्रतियोगिता में प्रथम स्थान ईशा गुप्ता एवं द्वितीय स्थान प्रिया परमार ने प्राप्त किया।
निबंध प्रतियोगिता में बड़े ही रोचक विषयों जैसे खादी वस्त्र नहीं विचार है, खादी स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक, मेरे सपनों की खादी, आजादी से फैशन तक खादी यात्रा पर प्रतिभागियों ने अपने विचार व्यक्त किया। विद्यार्थी वर्ग में निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अब्दुल हमीद ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान पर ईशा गुप्ता रही ।
शैक्षणिक स्टाफ में हिंदी निबंध में प्रथम स्थान डॉ सुनीता वर्मा विभागअध्यक्ष हिंदी ने प्राप्त किया । अंग्रेजी निबंध में प्रथम स्थान पर डॉ शमाअफरोज बेग,विभागअध्यक्ष,माइक्रोबायोलॉजी श्रीमती संयुक्ता पाढ़ी विभाग अध्यक्ष अंग्रेजी ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया।
सेल्फी विथ खादी प्रतियोगिता में विद्यार्थी वर्ग में प्रथम स्थान में बिदुप सर्वा ने प्राप्त किया। स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रिया परमार ,द्वितीय स्थान लैटिन साहू एवं तृतीय स्थान शुभम ने प्राप्त किया।
शैक्षणिक वर्ग मैं इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान डॉ शमाअफरोज बेग एवं द्वितीय स्थान श्रीमती संयुक्त पाड़ी ने प्राप्त किया ।
महोत्सव का समापन खादी जागरूकता रैली के साथ किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने नारों के माध्यम से समाज को जागरूक करने का कार्य किया । खादी का हम करें प्रचार -भारत की अब यही पहचान , खादी को अपनाना है- भारत को ऊंचाइयों पर ले जाना है, खादी पहनो और पहनावे -देश को आत्मनिर्भर बनाऐ, देश का गौरव देश का मान खादी का घर-घर हो गांन इन नारों से आकाश गूंज उठा।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी गण उपस्थित थे । कार्यक्रम को सफल बनाने में कला विभाग के विद्यार्थियों का विशेष योगदान रहा।