गुणवत्ताहीन मदिरा आपूर्ति के पांच प्रकरणों में दो डिस्टलरीयों के खिलाफ रूपये दो लाख पचास हजार की शास्ती अधिरोपित कचरा एवं कीड़ा युक्त ...
गुणवत्ताहीन मदिरा आपूर्ति के पांच प्रकरणों में दो डिस्टलरीयों के खिलाफ रूपये दो लाख पचास हजार की शास्ती अधिरोपित
कचरा एवं कीड़ा युक्त देशी मदिरा मिलने पर दो डिस्टलरीयों की कुल 7189 पेटियों को नष्ट की गई, दो करोड़ छिहत्तर लाख का जुर्माना अधिरोपित
छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज़।।
देशी और विदेशी दारू पीने वाले सावधान हो जाए। डिस्टलरीज के लोग घटिया,गुणवत्ताहीन मदिरा की आपूर्ति कर रहे हैं जिसमें कचरा एवं कीड़ा पाए जाने की जानकारी सामने आ रही है जिससे बीमार भी हो सकते हैं। लोग लम्बी लाइन लगाकर धक्का मुक्की के बीच दारू खरीदते हैं तो ऐसे में कचरा और कीड़ा युक्त दारू भी खप जा रही है। लेकिन ऐसी दारु, पीने वालों के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक है। अब राज्य के आबकारी विभाग ने ऐसी बीमार, गुणवत्ताहीन दारू खपाने वाले डिस्टलरीयों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। महादेव कावरे के विभाग का नया आयुक्त बनने के बाद ऐसी कार्रवाई तेज हुई है और दारु पीने वाले लोगों को शुद्ध दारू पिलाने की महिम शुरू की गई है। अभी दो डिस्टलरीयों को बीमार और गुणवत्ताहीन दारू खपाने के मामले में पकड़ा गया है और उनसे चेतावनी देने के साथ लाखों रुपए का जुर्माना वसूल करने की कार्रवाई की गई है।
छत्तीसगढ़ में दारू पीने वाले संकट में फंसे दिख रहे हैं। अवैध सस्ती दारू बेचने वाले कभी जहरीली दारू बेच जाते हैं। तो बिना एक्साइज ड्यूटी के दारू बेचने का घोटाला अभी चर्चा में तो है ही।अभी यहां दारू बेचने का काम राज्य सरकार के आबकारी विभाग के द्वारा स्वयं किया जा रहा है। ऐसे में दारु पीने वालों को शुद्ध और गुणवत्ता युक्त दारू मिल सके इसके लिए भी विभाग के द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ दारू खरीदने के लिए जिस तरह से मारा-मारी मची रहती है धक्का- मुक्की होती रहती है उसका फायदा दारू की आपूर्ति करने वाले डिस्टलरीयों के लोग उठाने में लगे हुए हैं। गुणवत्ताहीन, गंदा कचरायुक्त मदिरा की आपूर्ति करने की शिकायतें बढ़ती जा रही थी तो आबकारी विभाग को ऐसे में कई मोर्चों पर जुझना पड़ रहा है, विभाग ने इसमें कार्रवाई शुरू की। अब दो डिस्टलरीयों को इस मामले में पकड़ा गया है। तो कहीं चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। इससे पता चल रहा है कि राज्य में सिर्फ अवैध दारू की बिक्री से ही अवैध कमाई नहीं की जा रही है डिस्टलरीज के लोग भी अवैध कमाई कर रहे हैं गंदा और कचरायुक्त दारू की आपूर्ति कर। विभाग की कार्रवाई में लगातार नई जानकारियां सामने आ रही है और कचरा एवं कीड़ा युक्त देसी मधुर की आपूर्ति की शिकायतों को लगातार सही पाया गया। इस मामले में कचरा एवं कीड़ा युक्त देशी मदिरा की आपूर्ति पर दो डिस्टलरीयों की कुल 7189 पेटियों को नष्ट की गई है और दो करोड़ छिहत्तर लाख का जुर्माना अधिरोपित किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मेसर्स वेलकम डिस्टलरीज प्राईवेट लिमिटेड, ग्राम-छेरकाबांधा, जिला- बिलासपुर के द्वारा जिला जांजगीर-चांपा में प्रदाय की गई देशी मदिरा प्लेन के पाव में कचरा एवं कीड़ा पाये जाने की शिकायत की जांच पर बैच नंबर 141, 145 एवं 156 के अंतर्गत भरी गई मदिरा में घोंघेधे व शैल का कचरा एवं कीड़ा युक्त होना पाया गया जिस पर जिला-जांजगीर-चांपा की कुल बैच नंबर 141 की 11 देशी मदिरा दुकानों में, बैच नंबर 145 की 16 देशी मदिरा दुकानों में एवं बैच नंबर 156 की 14 देशी मदिरा दुकानों एवं मद्यभण्डागार जांजगीर में संग्रहित कुल 5,970 पेटी एवं 33 नग मदिरा को जप्त किया जाकर विधिवत कार्यवाही की गई। आसवक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् मदिरा में पाई गई कीड़े एवं कचरे को आसवक की लापरवाही मानते हुए तीनों बैच नंबर की मदिरा को 03 प्रकरण मानते हुए 50-50 हजार रूपये का शारित अधिरोपित की गई। इसी प्रकार उक्त मदिरा को मानव सेवन के लिए हानिकारक संभावित मानते हुए समस्त मदिरा को नष्ट करने का आदेश दिया गया साथ ही उक्त समस्त मदिरा का वर्तमान विक्रय दर के आधार पर रूपये 2,29,27,440/- (अक्षरी दो करोड़ उन्तीस लाख सताईस हजार चार सौ चालीस रूपये मात्र) का भुगतान छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड को किये जाने का आदेश आसवक को दिया गया।
इसी प्रकार मेसर्स छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज लिमिटेड, ग्राम-खपरी, कुम्हारी, जिला-दुर्ग के द्वारा जिला दुर्ग एवं बालोद में प्रदाय की गई देशी मदिरा प्लेन के पाव में कचरा एवं कीड़ा पाये जाने की शिकायत की जांच पर बैच नंबर 165 एवं 167 के अंतर्गत भरी गई मदिरा में कचरा एवं कीड़ा युक्त होना पाया गया जिस पर जिला-दुर्ग की कुल 908 पेटी 24 नग एवं जिला-बालोद की 310 पेटी मदिरा को जप्त किया जाकर विधिवत कार्यवाही की गई। आसवक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् मदिरा में पाई गई कीड़े एवं कचरे को आसवक की लापरवाही मानते हुए दोनों बैच नंबर की मदिरा को 02 प्रकरण मानते हुए 50-50 हजार रूपये का शास्ति अधिरोपित की गई। इसी प्रकार उक्त मदिरा को मानव सेवन के लिए हानिकारक संभावित मानते हुए समस्त मदिरा को नष्ट करने का आदेश दिया गया साथ ही उक्त समस्त मदिरा का वर्तमान विक्रय दर के आधार पर रूपये 46,79,040/- (अक्षरी छियालीस लाख उन्यासी हजार चालीस रूपये मात्र) का भुगतान छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड को किये जाने का आदेश आसवक को दिया गया।
इस प्रकार त्रुटिपूर्ण देशी मदिरा की आपूर्ति करने की आसवक की प्रवृत्ति को घोर लापरवाही मानते हुए वर्तमान विक्रय दर के आधार पर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड को भुगतान दिये जाने का आदेश आसवक को दिया गया है एवं ऐसी समस्त मदिरा को नष्ट किये जाने का आदेश भी दिया गया है, साथ ही भविष्य में इस प्रकार की त्रुटि की पुनरावृत्ति न करने की चेतावनी दी गई है।