बलौदाबाजार। जिला मुख्यालय में खाद्य विभाग ने कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर अवैध रूप से गैस सिलेंडर की बिक्री और रिफिलिंग पर छापेमारी ...
बलौदाबाजार। जिला मुख्यालय में खाद्य विभाग ने कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर अवैध रूप से गैस सिलेंडर की बिक्री और रिफिलिंग पर छापेमारी की कार्रवाई की है. इस दौरान शहर और बलौदाबाजार के ग्राम छुईहा में सड़क किनारे मकान से लगभग 100 घरेलू, व्यवसायिक उपयोग सिलेंडर और गैस रिफलिंग करने का सामान जब्त किया गया.
सारे नियम कानून कायदों को ताक में रखकर सड़क किनारे जनरल स्टोर और जूते चप्पल बिक्री करने वाले दुकान की आड़ में खुलेआम सड़क पर रखकर गैस सिलेंडर की अवैध बिक्री की जा रही थी. खाघ विभाग को सूचना मिलने पर आज कार्रवाई करते हुए दोनों दुकानों से लगभग 21 सिलेंडर भरे और खाली जब्त की गई. वहीं बलौदाबाजार भाटापारा रोड में स्थित एक मकान में अवैध सिलेंडर रखे होने की सूचना पर कार्रवाई की गई. जहां 76 सिलेंडर एचपी और इण्डेन कंपनी के भरे व खाली मिले हैं. साथ ही नये छोटे गैस सिलेंडर और गैस रिफलिंग करने की मशीन भी मिली है. यहां स्थिति देखकर लग रहा था कि काफी वर्षों से रिफलिंग का कार्य किया जा रहा था और रिफलिंग कर सिलेंडर बेचा जा रहा था.बलौदाबाजार भाटापारा रोड के ग्राम छुईहा मे स्थित मकान में दबिश पर खाद्य विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी. वहीं जब शटर खोला गया तो अधिकारियों की आंखे फटी रह गई. यहां बडे़ पैमाने पर नियम कानूनों को ताक में रखकर बडे गैस सिलेंडर से छोटे गैस सिलेंडर में गैस भरने की सामग्री, मशीन और खाली गैस सिलेंडर मिले हैं. जिसके बाद जिला खाली अधिकारी सहित खाली विभाग अमला कार्रवाई में जुट गया है.जिला खाद्य अधिकारी विमल दुबे ने बताया कि अवैध रूप से गैस सिलेंडर मिलने की सूचना मिलने पर कलेक्टर के निर्देश पर आज खाली विभाग की टीम द्वारा बलौदाबाजार नगर के दो दुकानों में 21 खाली और भरे सिलेंडर मिले हैं. साथ ही बलौदाबाजार भाटापारा रोड में ग्राम छुईहा के पास गोदाम नुमा मकान में 76 खाली और भरे सिलेंडर प्राप्त हुए तथा रिफलिंग करने की मशीन भी मिली है. जिसपर कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल खाद्य विभाग के अधिकारी यह नहीं बता पा रहे हैं कि उक्त मकान किसका है और गैस सिलेंडर रिफलिंग करने का काम कबसे किया जा रहा है. इसकी जांच की जा रही है और दोषी के विरुद्ध खाद्य विभाग के नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.गौरतलब यह है कि एक तरफ एजेंसियों में सिलेंडर की कमी बताई जाती है. वहीं दूसरी तरफ दुकानों के माध्यम से खुले आम गैस सिलेंडर की बिक्री और अवैध रूप से सिलेंडर रिफलिंग कर बेचे जा रहे हैं. इस तरह की अवैध रिफलिंग करना एक बड़ी घटना को भी जन्म दे सकता है. सवाल यह उठता है कि इन अवैध सिलेंडर बिक्री करने वालों को यह सिलेंडर कहा से मिलता है. अब देखने वाली बात होगी कि खाद्य विभाग कितनी पारदर्शिता और सच्चाई से कार्रवाई करती है. फिलहाल खाघ विभाग ने जिला मुख्यालय में होने वाली घटना को टालने में कामयाबी पाई है.