तेल अवीव। हमास ने बंधकों को रिहा करने से पहले नशीला पदार्थ दिया था. ऐसा इसलिए किया गया ताकि वे रिहाई के वक्त वे तनाव मुक्त और खुश दिखें. ...
तेल अवीव। हमास ने बंधकों को रिहा करने से पहले नशीला पदार्थ दिया था. ऐसा इसलिए किया गया ताकि वे रिहाई के वक्त वे तनाव मुक्त और खुश दिखें. बंदियों को क्लोनाजेपम जैसा नशीला पदार्थ दिया गया.स्वास्थ्य मंत्रालय के चिकित्सा प्रभाग के प्रमुख हागर मिजराही ने इजराइली संसद स्वास्थ्य समिति को बताया कि रेड क्रॉस की हिरासत में सौंपे जाने से कुछ समय पहले बंदियों को ट्रैंक्विलाइजर दिया गया था, जिसे उन्होंने क्लोनाजेपम के रूप में पहचाना था.बता दें कि क्लोनाजेपम का उपयोग आमतौर पर दौरे और घबराहट संबंधी विकारों के इलाज के लिए किया जाता है. आमतौर पर यह दवा मौखिक रूप से दी जाती है, जो तंत्रिका तंत्र को शांत करती है. हालांकि इसके बाद लोगों को साइड इफेक्ट भी सामने आते हैं जैसे, चक्कर आना, थकान और उल्टी आना शामिल हैं.
हमास के कैद में अभी भी सैकड़ों लोग
अस्थायी युद्धविराम के दौरान कैदियों की अदला-बदली में 23 थाई और एक फिलिपिनो के साथ 81 इजरायलियों को मुक्त कर दिया गया. हमास ने वर्तमान में गाजा में 137 पुरुषों, महिलाओं, बच्चों, सैनिकों और विदेशियों को बंदी बना रखा है.सात अक्टूबर को गाजा सीमा के पास इजरायली समुदायों पर हमास के हमलों में कम से कम 1,200 लोग मारे गए थे. कुछ लोगों का पता नहीं चला है क्योंकि इजरायली अधिकारी शवों की पहचान करना और मानव अवशेषों की तलाश करना जारी रखते हैं.
30,000 थाई मजदूर करते थे काम
युद्ध से पहले, लगभग 30,000 थाई मजदूर इजरायल के कृषि क्षेत्र में काम करते थे. इनमें ज्यादातर देश के ग्रामीण इलाकों के है. जिससे वे देश के सबसे बड़े प्रवासी श्रमिक समूहों में से एक बन गए.