रायपुर. असल बात न्यूज़. छ.ग. संस्कृत शिक्षासेवा संस्थान के प्रतिनिधि मण्डल संस्कृत विद्वानों द्वारा अपनी विभिन्न समस्याओं मांगों के सम्बन्...
रायपुर.
असल बात न्यूज़.
छ.ग. संस्कृत शिक्षासेवा संस्थान के प्रतिनिधि मण्डल संस्कृत विद्वानों द्वारा अपनी विभिन्न समस्याओं मांगों के सम्बन्ध में उच्चशिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मुलाकात की गई और उनका अभिनंदन कर राज्य में संस्कृत शिक्षा स्थिति परिवर्तन विषयक प्रस्ताव भी सौंपा गया ।
उच्चशिक्षा मंत्री जी का अभिनंदन पत्र संस्थान के विद्वानों द्वारा किया गया जिसमें उनके व्यक्तित्व और कार्य कुशलता का संस्कृत में वर्णन है। और संस्थान द्वारा राज्य में संस्कृत शिक्षा कि स्थिति परिवर्तन विषयक 14 बिंदुओं का प्रस्ताव भी सौंपा गया जिसमें राज्य में संस्कृत विश्वविद्यालय की आवश्यकता का पुरजोर तरीके से समर्थन किया गया है।राज्य में संस्कृत अकादमी का गठन किया जाना प्रस्तावित है।
प्रतिनिधि मंडल के द्वारा उच्च शिक्षा मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि राज्य में 11 वीं 12 वीं में संस्कृत विषय अनिवार्य होना प्रस्तावित है।राज्य में सभी विश्वविद्यालयों में कला संकाय के अंतर्गत संस्कृत विभाग की आवश्यकता है। वर्तमान में किसी विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग नही है।संस्कृत में विभिन्न विषयों का शोध तथा रोजगार की संभावना है उसे बढ़ाना और सृजन करने की आवश्यकता है।
राज्य में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के परिसर की आवश्यकता है यह परिसर संस्कृत शिक्षा के द्वारा विभिन्न विषयों में शोध तथा अध्यापन को बढ़ाता है यह केंद्रीय भारत सरकार द्वारा संचालित होता है जो पूरे भारत में विभिन्न राज्यों में स्थित है।
राज्य में नई शिक्षा नीति के आधार पर अध्ययन अध्यापन हेतु पाठ्यक्रम सामग्री निर्माण होना चाहिये और नई शिक्षा नीति के बोध के लिये विश्वविद्यालयों में सेमिनार कार्यशाला आयोजित होनी चाहिये अध्यापकों को नई शिक्षा नीति के आधार पर प्रशिक्षण भी होना चाहिये जिससे राज्य में नई शिक्षा नीति क्रियान्वयन अच्छे से हो सकें ।
राज्य में संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ती PGT TGT पदों पर होना चाहिये जो पिछले 10 साल से भी ज्यादा समय तक नही हो पाया है। इन सारे विषयों का ज्ञापन में उल्लेख किया गया है.
इस अवसर पर संस्थान सचिव डा मनीष शर्मा, तथा प्रो. तोयनिधि वैष्णव श्री हेमन्त शर्मा डा संतोष तिवारी डा दिनेश साहू डा भगवती तिवारी जी उपस्थित थे।