Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


स्वरूपानंद महाविद्यालय में “योग द्वारा तनाव प्रबंधन विषय” प्रशिक्षण का आयोजन

  भिलाई. असल बात न्यूज़. योग व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है जिसके माध्यम से न केवल शरीर के अंगो बल्कि मन एवं मस्तिष्क में संतुलन बनाया ज...

Also Read

 भिलाई.

असल बात न्यूज़.

योग व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है जिसके माध्यम से न केवल शरीर के अंगो बल्कि मन एवं मस्तिष्क में संतुलन बनाया जाता है यही कारण है कि योग से शारीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक समस्याओं एवं तनाव से भी मुक्ति पाई जा सकती है इस तारम्य में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांति कुंज, हरिद्वार के सौजन्य से स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको, भिलाई में आईक्यूएसी सेल द्वारा समस्त शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टाफ के लिए “योग द्वारा तनाव प्रबंधन” विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें योग प्रशिक्षिका आयुषी, रिया नेगी एवं निधि राणा ने योग द्वारा तनाव प्रबंधन पर अपने अनुभवों को बांटा व योग के सरल तरीके बनाये।

डॉ. शिवानी शर्मा आईक्यूएसी संयोजक ने बताया आज के व्यस्तता भर जीवन शैली में मनुष्य तनावग्रस्त होने जा रहा है। नियमित योगाभ्यास से हम बेहतर स्वास्थ्य के साथ तनाव में कमी एकाग्रता और आंतरिक रूप से शांति महसूस कर सकते है।

श्री धीरजलाल टॉक संयोजक गायत्री शक्तिपीठ से जीवन को जीने की कला बनाये हुये उपासना, साधना व आराधना को समझाया। उपासना- परब्रम्हा के समीप आना, समय व मन की स्थिति को साथ लेना साधना है। समाज के विकास के लिये कार्य करना आराधना। बाहर निकलकर ज्ञानार्जन करना व प्राप्त ज्ञान को लोगो तक बांटना यह हमारी सांस्कृतिक व संत परंपरा है।

स्वरूपानंद महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा व डॉ. मोनिशा शर्मा ने कार्यक्रम आयोजन के लिये बधाई देते हुए कहा योग भगाये रोग यह प्राचीन कहावत है योग से मनुष्य के शरीर व मस्तिष्क में सकारात्मक बदलाव आता है। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कार्यक्रम आयोजन के लिये बधाई दी व कहा जब तक सिखाये गये आसनों का आपने अभ्यास नहीं किया, अपने जीवन में अमल नहीं किया तो सिर्फ सिद्धांत जानने से कोई फायदा नहीं होगा योग के लिये शरीर व मन दोनों तैयार रहना चाहिए।

योग प्रशिक्षिका निधि राणा ने तनाव प्रबंधन पर अपने विचार प्रगट करते हुए कहा इंजाएटी तनाव सकारात्मक व नकारात्मक दोनों हो सकता है मैं पढूंगा तो तनाव है, दूसरे के तनाव को सून तनाव में आना, छोटी-छोटी बातों को दिल में लेकर तनाव करना सकारात्क है। तनाव अधिक होने से इंजाएटी महसूस करना, छोटी-छोटी बातों पर बूरा मानना घबराना पसीना निकलना प्रमुख है उन्होंने तनाव कम करने के लिये तत्वबोध और आत्मबोध करने की सलाह दी व बताया प्रातः उठकर सबसे पहले ईश्वर की प्रार्थना करें व आज दिन भर क्या करना है उसकी रूपरेखा बनालें व संकल्पना लें रात को दिन भर क्या किया उसका चिंतन अवश्य करें। कोई बच्चा तनाव लेकर नहीं जन्म लेता उसके लिये मनुष्य स्वयं जिम्मेदार हैं उन्होनें संतुलित खाना समय पर खाना पर्याप्त नींद को तनाव दूर करने का महत्वपूर्ण कारण बनाया। योग प्रशिक्षिका आयुषी ने बताया हम ईश्वर के प्रिय संतान है ईश्वर की बनाई प्रकृति की रक्षा के लिये हम क्या कर रहे है इस पर भी हमें ईमानदारी पूर्वक विचार करना है। योग प्रशिक्षिका रिया नेगी ने ताड़ासन, पादहस्तासन आदि योग करने की विधि बताई व साँसों को लेने व छोड़ने, साँसों के आरोह अवरोह का बहुत महत्व है। 

कार्यक्रम में मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक, डॉ. शैलजा पवार, शिक्षा विभाग ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक स्टाफ उपस्थित हुये।