दुर्ग. असल बात न्यूज़. शादी का प्रलोभन देकर नाबालिग से बार-बार ब्लात्सम्भोग करने और फिर शादी से इनकार कर देने के आरोपी को दोष सिद्ध पाए ...
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असल बात न्यूज़.
शादी का प्रलोभन देकर नाबालिग से बार-बार ब्लात्सम्भोग करने और फिर शादी से इनकार कर देने के आरोपी को दोष सिद्ध पाए जाने पर न्यायालय ने 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.आरोपी को इसके साथ तीन हजार ₹ अर्थ दंड भी चुकाना होगा. अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम फास्ट ट्रैक कोर्ट विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट दुर्ग श्रीमती सरिता दास के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है. इसमें यह भी खास बात है कि न्यायालय ने प्रकरण में तेजी से विचारण और सुनवाई करते हुए सिर्फ 6 महीने में फैसला सुना दिया है. आरोपी गिरफ्तारी के बाद से लगातार जेल में है.
यह अपराध यहां के कुम्हारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत का है. आरोपी की उम्र सिर्फ 21 साल कुछ महीने है. अभियोजन के अनुसार मामले के तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रकरण में पीड़िता द्वारा. थाने में लिखित में शिकायत दर्ज कराई गई थी.पीड़िता और आरोपी दोनों पिछले चार वर्षो से एक दूसरे को जानते थे. आरोपी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के अंतर्गत परीक्षण में स्वयं को निर्दोष होना तथा झूठा फंसाए जाने का कथन किया एवं प्रतिरक्षा में बचाव साक्षी प्रस्तुत करने का कथन किया गया लेकिन उसकी ओर से परीक्षण में बचाव साक्षी का कोई साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया.
न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 2 Nऔर पोक्सो एक्ट की धारा 5 ठ का अपराध सिद्ध होने पर वह सजा सुनाई है. न्यायालय ने अव्यस्क बालिकाओं के प्रति लगातार बढ़ते अपराध को देखते हुए अभियुक्त को दंड देने में नरमी बरतना और परीविक्षा का लाभ देना न्याय उचित नहीं माना.
प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की.