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डी एम एफ की राशि के निविदाओ के आवंटन में भारी वित्तीय अनियमितताये और एफसीआई में कस्टम मीलिंग का चावल जमा करने में अवैध राशि की वसूली के मामले में आगे हो सकती है बड़ी कार्रवाई

छत्तीसगढ़.  असल बात न्यूज़.  डी एम एफ की राशि से निविदाओ के आवंटन में कोरबा में भारी पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं के मामले और राइस मिलर्स क...

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छत्तीसगढ़.

 असल बात न्यूज़. 

डी एम एफ की राशि से निविदाओ के आवंटन में कोरबा में भारी पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं के मामले और राइस मिलर्स के नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई में कस्टम मीलिंग का चावल जमा करने में अवैध राशि की वसूली के मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने अपनी जांच में शिकायतों को सही पाया है. डी एम एफ की राशि से निविदाओ के आवंटन के प्रकरण में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी 420 एवं भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की धारा साथ तथा धारा 12 औऱ कस्टम मिलिंग का चावल जमा करने में भारी भ्रष्टाचार के मामले में की धारा 120 बी,409 एवं धारा 13(1) (क) के तहत अपराध पंजीबद्ध  किया गया है. इन प्रकरणों में  राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने अपराध  कायम कर विवेचना शुरू कर दी है और ब्यूरो ने प्रथम दृष्टिया शिकायतें  सही पाई है तथा या बात सामने आ रहे हैं कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में डीएमएफ मद में काफी अधिक मात्रा में वित्तीय अनियमिताये की गई है तथा शासन को हानि कारित की गई है. इस मामले में नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है तथा आगे चलकर कई गिरफ्तारी हो सकती हैं.

 उल्लेखनीय है कि इन दोनों मामले में  प्रवर्तन निदेशालय क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के द्वारा कार्रवाई शुरू की गई है और उसके रिपोर्ट के आधार पर ही राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने अपराध कायम किया है. प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट में यह बात सामने आई हैं कि डीएमएफ के फंड से विभिन्न निविदाओ के आवंटन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताये की गई है तथा गलत ढंग से निविदाओ का निर्धारण कर निविदाकर्ताओं को अवैध लाभ पहुंचाया गया है जिसके कारण शासन को आर्थिक हानिकारक हुई है. ब्यूरो ने ई डी की रिपोर्ट में यह भी पाया है कि कॉलोनी बाजार आशिक लगभग 40% राशि लोक सेवक अधिकारी गणों को इस आवाज में प्रदान किया गया तथा निजी कंपनी से निविदा पर 15 से 20% तक अवैध रूप से कमीशन प्राप्त किया गया है. वही यह बात भी सामने आ रही हैं कि ऐसी वित्तीय गड़बड़ियां सिर्फ एक जिले में नहीं हुई है के कई जिले में डीएमएफ  की राशि से निविदा देने में भारी वित्तीय अनियमितताये की गई है.

 कोरबा में डीएमएफ की राशि के कार्यों की निविदा देने में गड़बड़ी करने के मामले में विभिन्न अधिकारियों का नाम भी सामने आ रहा है. इसमें से एक आई ए एस स्तर की अधिकारी तो अभी जेल में ही है. इन प्रकरणों में निविदाओ के आवंटन, बिल को पास करने तथा वस्तु का वास्तविक मूल्य से काफी अधिक बल प्राप्त करने की शिकायतें  हैं. इसमें ठेकेदारों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्रकर शासन को हानि कारित करने की शिकायत हैं. रिपोर्ट में संबंधित ठेकेदारों के नाम का भी स्पष्ट उल्लेख किया गया है.



 कस्टम मिलिंग के प्रकरण में भी प्रवर्तन निदेशालय क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के प्रतिवेदन रिपोर्ट के आधार पर  राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा अपराध कायम किया गया है. प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा अपनी जांच में इस मामले में पाया गया है कि विभिन्न राइस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम एवं एफसीआई में कस्टम मिलिंग का जो चावल जमा किया जाता है उसको जमा करने की प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की भारी वसूली की गई है एवं लोक सेवकों के द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए मिली भगत कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक स्थिति पहुंचाई गई है. प्रतिवेदन में नाम को उल्लेख करते हुए कहा गया है कि प्रबंध संचालक मार्कफेड मनोज सोनी के मार्फत श्री रोशन चंद्राकर के द्वारा कुमारी प्रीतिका पूजा को निर्देश दिया गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है जिनके वसूली की राशि श्री रोशन चंद्राकर को प्राप्त हो गई है. प्रकरण में आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी की कार्रवाई से लगभग 1.006 करोड रुपए की कैश राशि प्राप्त हुई है जिसका कोई काजू का नहीं है और बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाइस प्राप्त हुए हैं. प्रकरण में अभी तक 140 करोड रुपए की अवैध वसूली  किए जाने की जानकारी सामने आई है.