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साय सरकार की बदनीयती के चलते लाखों किसान धान बेचने से वंचित, 2 लाख 34 हजार किसान नहीं बेच पाए हैं अपना धान, पंजीकृत कुल रकबे में से लगभग 6 लाख़ हेक्टेयर के फ़सल की नहीं हुई खरीदी

रायपुर    विगत वर्ष की तुलना में भी 3 लाख 29 हजार हेक्टर कम रकबे के की हुई है खरीदी      रायपुर 07 फ़रवरी 2024। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष...

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रायपुर





 

 विगत वर्ष की तुलना में भी 3 लाख 29 हजार हेक्टर कम रकबे के की हुई है खरीदी

     रायपुर 07 फ़रवरी 2024। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने विष्णुदेव सरकार पर किसान विरोधी षड़यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जैसे ही प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आयी, धान खरीदी को बाधित करने प्रशासनिक दबाव बनाकर तरह-तरह के व्यवधान उत्पन्न किये गए। षडयंत्र पूर्वक टोकन जारी करने और तौलाई की गति को धीमी कर दिया गया, बरदानों के लिए किसान भटकते रहे, मौसम का बहाना कर अनेको धान संग्रहण केंद्रों में कई-कई दिनों तक तौलाई बंद रखा गया। तहसीलदार, पटवारी और समिति प्रबंधकों पर दबाव डालकर जबरिया रकबा समर्पण करवा कर किसानों को धान बेचने से वंचित किया गया।


      प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में खरीफ वर्ष 2023-24 के लिए समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कुल 26 लाख 63 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है, लेकिन खरीदी मात्र 23 लाख 29 हजार किसानों से की गई, अर्थात 2 लाख 34 हजार किसान अपना धान नहीं बेच पाए। कुल पंजीकृत रकबा 32 लाख 99 हजार हेक्टेयर में से लगभग 27 लाख 91 हजार हेक्टेयर रकबे का ही धान अंतिम तिथि तक खरीदा गया, अर्थात् लगभग 6 लाख हेक्टेयर का धान अब तक उपार्जन से वंचित है। विगत खरीफ सीजन में हुई खरीदी की तुलना करें तो पिछली बार 29.6 लाख हेक्टेयर रकबा का धान खरीदा गया था जो इस बार घटकर केवल 27 लाख 92 हजार हेक्टेयर रकबा का ही धान खरीदा गया, अर्थात् पिछली बार से 3 लाख 29 हजार हेक्टेयर भूमि का कम धान खरीदा गया है। विगत वर्ष 15 क्विटंल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी हुई थी, इस बार आनुपातिक रूप से यदि 21 क्विटंल प्रति एकड़ की दर से खरीदी हो तो पंजीकृत रकबा 32 लाख 99 हजार हेक्टेयर पर 171 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होना था लेकिन कुल धान खरीदी 145 लाख मिट्रिक टन के भीतर है, अर्थात् लगभग 26 हजार मिट्रिक टन कम। प्रदेश के सभी किसानों को अपना धान बेचने के लिए समुचित समय दिए जाने की मांग कांग्रेस समय-समय पर उठाती रही। विगत दिनों कांग्रेस ने मांग की थी कि 29 फरवरी 2024 तक धान खरीदी की तिथि बढ़ाई जाए, लेकिन भाजपा की विष्णुदेव सरकार में केवल चार दिन का समय बढ़ाया, उन चार दिनों की अवधि में भी एक भी किसानों को नया टोकन जारी नहीं किया गया।


            प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि वादाखिलाफी ही भाजपा का मूल चरित्र। 2 वर्ष के बकाया बोनस के नाम पर भी किसानों को ठगा गया, वादा था 2015 -16 और 2016-17 में हुई खरीदी के बोनस का, लेकिन दिए 2014-15 और 2015-16 का ताकि कम से कम किसानों को देना पड़े, उसमें भी दिवंगत हो चुके किसानों का और बटवारा/बिक्री से नामांतरित हो चुके रकबे का बोनस अब तक बकाया है, भाजपाईयों ने छत्तीसगढ़ के 2 लाख से ज्यादा किसानों का 2 साल का बोनस हड़प लिया। हर गांव में भुगतान केंद्र खोलने का वादा जुमला साबित हो गया। 3100 रुपए प्रति क्विंटल और समर्थन मूल्य के अंतर की राशि 917 रुपया प्रति क्विटंल प्रदेश के किसानों को अब तक नहीं मिल पाया है। भाजपा के कथनी और करनी में अंतर है।

 


मोबाइल 98262-74000



रायपुर/07 फरवरी 2024। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अल्का लांबा एवं महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम के निर्देशानुसार प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने नारी न्याय पर प्रेसवार्ता को संबोधित किया। हमारे नेता श्री राहुल गांधी जी इस समय ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर हैं, जहां वह सभी पृष्ठभूमि के सैकड़ों लोगों से मिल रहे हैं। हर्ष का विषय है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा कल छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर रही है। हम अखिल भारतीय महिला कांग्रेस में लगातार महिलाओं तक पहुंच कर उनके विचार सुन रहे हैं। हमें अलग-अलग सुझाव मिले हैं और हम ’नारी न्याय’ के रूप में अपनी मांगों को रेखांकित कर रहे हैं। ये हैं हमारी मुख्य मांगें-


1) आर्थिक सशक्तिकरण

महंगाई/ मूल्य वृद्धि - लगातार महंगाईऔर इसे नियंत्रित करने में मोदी सरकार की विफलता के कारण महिलाओं के लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है, जिसमें एलपीजी गैस, खाद्य तेल, खाद्यान्न, किराने का सामान जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में विफलता भी शामिल है। इसलिए इन सभी वस्तुओं की कीमत को आपातकालीन आधार पर विनियमित और नियंत्रित करने और उस पर पर्याप्त सब्सिडी प्रदान करने की आवश्यकता है।

समान काम के लिए समान वेतन - विश्व असमानता रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत में पुरुष श्रम आय का 82 प्रतिशत कमाते हैं, जबकि महिलाएं इसका 18 प्रतिशत कमाती हैं। इसके अलावा कृषि और वेतनभोगी वर्ग में लगी महिलाएं पुरुषों की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत कम कमाती हैं। इसलिए हम मांग करते हैं कि सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए नियम लाने की जरूरत है कि लिंग-अंतर समानता को जल्द से जल्द पाटा जाए।


2) सामाजिक सशक्तिकरण

स्वास्थ्य देखभाल/प्राथमिक प्रसव केंद्र - कांग्रेस शासन के दौरान, गांवों में खोले गए अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अब या तो बंद हो गए हैं या बिना किसी मेडिकल स्टाफ के संचालित हो रहे हैं। महिलाओं के लिए बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल ढांचे का पूरी तरह से अभाव है और भारत में 15 से 49 वर्ष की आयु की अधिकांश 57 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। इसके अलावा गांवों में प्रसव केंद्रों की कमी का मतलब है कि महिलाओं को प्रसव के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे जोखिम बढ़ जाता है और सबसे गंभीर चरण में महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा हो जाता है। सरकार को पूरे भारत में, खासकर ग्रामीण इलाकों में बुनियादी स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने के साथ-साथ एक व्यापक स्वास्थ्य पैकेज लाने की जरूरत है।

शिक्षा - कांग्रेस ने सभी के लिए मुफ्त प्राथमिक शिक्षा शुरू करने में मदद की और आईआईटी और आईआईएम सहित कई प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित किए। भारत में शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही है और भाजपा सरकार शिक्षा के लिए बजटीय आवंटन लगातार कम कर रही है। भारत में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है और सरकार इन पदों को जानबूझकर अतिथि शिक्षकों से नहीं भर रही है क्योंकि सेवा शर्तों को हटाने के साथ उन्हें कम पारिश्रमिक पर रखना आसान है। साथ ही स्कूल जाने वाली लड़कियाँ सुरक्षित महसूस नहीं करतीं और देशभर से स्कूल जाते समय लड़कियों को परेशान किए जाने की कई खबरें आती रहती हैं। युवा लड़कियों को शारीरिक, मानसिक और साइबर हिंसा से बचाने के लिए बुनियादी सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ शिक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

स्वच्छता/शौचालय - भारत में अधिकांश महिलाएं शौचालयों और स्वच्छता सुविधाओं की कमी के कारण सार्वजनिक स्थानों पर भाग लेने में असमर्थ हैं और गंभीर स्वच्छता संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। सरकार के ’स्वच्छ भारत अभियान’ के बावजूद, अधिकांश गांवों में बुनियादी शौचालयों और स्वच्छता सुविधाओं का अभाव है और निचली जातियों की बस्तियों में विशेष भेदभाव होता है। हमारी मांग है कि शहरों और गांवों में हर 5 किलोमीटर की दूरी पर महिलाओं के लिए मुफ्त सार्वजनिक शौचालय स्थापित किए जाएं।


3) राजनीतिक सशक्तिकरण

राजनीतिक प्रतिनिधित्व - कांग्रेस ने पंचायत स्तर पर महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान करने वाला पंचायती राज अधिनियम लाया, जिससे जमीनी स्तर पर लाखों महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिला। हम महिला आरक्षण अधिनियम को तत्काल लागू करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं और इसकीमांग करते हैं। हालाँकि, भाजपा महिला प्रतिनिधित्व अधिनियम में बाधा डालकर और इसके कार्यान्वयन को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करके भारत की महिलाओं के खिलाफ एक बड़ा धोखा कर रही है। यह वर्तमान सरकार के कई जुमलों में से एक है जो पर्याप्त प्रतिनिधित्व की पेशकश किए बिना भारतीय महिलाओं के वोटों को लुभाने की कोशिश कर रही है। हम महिला आरक्षण अधिनियम के तत्काल कार्यान्वयन और आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान इसके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का आह्वान करते हैं।

हिंसा के खिलाफ संरक्षण और न्याय की आवश्यकता - भाजपा सरकार ने महिलाओं के खिलाफ सबसे जघन्य अपराध करने वालों की रक्षा करके, बिलकिस बानो मामले में अपराधियों को रिहा करने, मणिपुर मामले में बहरा कर देने वाली चुप्पी के साथ, न्याय के लिए महिलाओं की लड़ाई पर एक शैतानी रुख दिखाया है। महिला पहलवान मामले में बीजेपी सांसद को बचाना ताजा मामला है। हम भाजपा की महिला नेताओं सहित सरकार से मांग करते हैं कि महिलाओं के खिलाफ लगातार हो रहे अन्याय के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाए, जिसमें महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली अपमानजनक भाषा और सड़कों और ऑनलाइन पर बेरोकटोक ट्रोल संस्कृति के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जाएं।

महिलाओं की गरिमा - भाजपा के शासनकाल के दौरान, हमने महिलाओं की गरिमा का लगातार उल्लंघन होते देखा है और भाजपा नेता अपने संवैधानिक अधिकारों के अनुरूप अपने मन की बात कहने वाली महिलाओं के खिलाफ सख्त गैरकानूनी कार्रवाई कर रहे हैं। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी नागरिकों की तरह महिलाओं को भी उनके निजी जीवन के सभी पहलुओं में संवैधानिक सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाए।

हम अखिल भारतीय महिला कांग्रेस में इस देश के संवैधानिक मूल्यों और उन महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो इस देश की आधी आबादी हैं लेकिन जिनके मुद्दे पूरे देश को प्रभावित करते हैं।

प्रेसवार्ता में चंद्रवती साहू, अनुषा श्रीवास्तव, पूनम यादव, संगीता दुबे, डॉ. करूणा कुर्रे, लोकेश्वरी साहू, सुधा सिन्हा, प्रगति वाजपेयी उपस्थित थे।



अडानी को फायदा पहुंचाने कोयला परिवहन नीति बदला - कांग्रेस


रायपुर/07 फरवरी 2024। भाजपा सरकार द्वारा कोल परिवहन की अनुमति फिर से ऑनलाइन किये जाने को कांग्रेस ने अडानी को फायदा देने वाली नीति बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार केंद्र के रिमोट से संचालित है, अब फिर से ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करके कोल परिवहन में छत्तीसगढ़ के हिस्से की राशि के लिए पूरी तरह से केंद्र के नियंत्रण पर आश्रित व्यवस्था लागू कर दी गई है। खनिज संसाधन छत्तीसगढ़ और नियंत्रण मोदी, शाह, अडानी का? यह है साय सरकार की नीति। दरअसल भाजपा का रवैया छत्तीसगढ़ के आर्थिक हितों के खिलाफ है। कोल की रायल्टी के पेनल्टी का छत्तीसगढ़ के हक का बकाया 4140 करोड़ वर्षों से केंद्र की मोदी सरकार के पास लंबित है।


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केवल कोल परमिट की व्यवस्था ऑनलाइन कर देना पारदर्शिता की गारंटी नहीं हो सकती है, पूर्ववर्ती भाजपा की सरकार ने तो ऑनलाइन टेंडरिंग में भी 6000 करोड़ का घोटाला किया था, जिस कंप्यूटर से निविदा निकाली गई थी उन्हीं कंप्यूटर से निवेदन जमा भी कर दी गई थी। कोल परिवहन में ऑनलाइन परमिट संग्रहित राशि सीधे केंद्र के पास जाता था, राज्य का हिस्सा मिलने में अनावश्यक विलंब होता था, केंद्र की मोदी सरकार दुर्भावना पूर्वक राज्य के हक की राशि रोके रखती थी, जिसके कारण से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने कोल परिवहन में मैन्युअल एनओसी जारी करने का प्रावधान किया था जिसमें कलेक्टर के माध्यम से एनओसी जारी की जाती थी जिससे राज्य के हक का पैसा तत्काल राज्य सरकार के कोष में जमा होने लगा था।


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कोल परिवहन में पुराने नियम में गड़बड़ी बताना भाजपा का षड़यंत्र है। कोल परिवहन के लिए एसईसीएल मापदंड तय करता है, 2018 से 2023 के बीच जो भी दरें तय हुए वह टेंडर के जरिए ही हुए, 2012 की तुलना में कम दरों पर परिवहन हुआ, ऑनलाइन टेंडर जारी किए गए, देशभर के पत्र पत्रिकाओं में टेंडर का प्रकाशन हुआ कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता केवल छत्तीसगढ़ को बदनाम करने अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।


प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा आदतन भ्रष्टाचारी है। विगत दिनों सीएजी ने केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत योजना में हो रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को उजागर, लगभग 10 लाख आयुष्मान कार्ड ऐसे मोबाइल नंबर से पंजीकृत किए गए हैं जो नंबर किसी को जारी ही नहीं किया गया, अर्थात फर्जी, मृत व्यक्तियों के इलाज के नाम पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ। अतः प्रमाणित है कि ऑनलाइन  व्यवस्था भ्रष्टाचार रोकने की गारंटी नहीं है। नान और धान के घोटाले, अगस्ता और पनामा, डीकेएस घोटाला, प्रियदर्शनी महिला सहकारी बैंक घोटाला, उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट में स्वीकारोक्ति जैसे भ्रष्टाचार के सैकड़ो प्रकरण भाजपाईयों की बदनीयती का प्रमाण है।




जय जवान आंदोलन : अन्याय के विरूद्ध, न्याय का युद्ध तीन चरण में होंगे प्रदेश में आंदोलन


प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर और जय जवान आंदोलन के प्रदेश संयोजक अभिषेक कसार ने कहा कि केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के बहाने 1.5 लाख से अधिक युवाओं के भविष्य को अंधेरे में धकेल दिया है। इन युवाओं को सेना में भर्ती के लिए पहले से चयनित किया गया था, लेकिन सरकार ने आज तक उन्हें ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया है।

भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी जी ने उन युवाओं से मुलाकात की जो अपनी भर्ती का इंतज़ार कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा लाखों युवाओं और हमारी सेना के साथ हुए अन्याय के खिलाफ़ राहुल जी 31 जनवरी को बिहार की धरती से “जय जवानः अन्याय के विरुद्ध न्याय का युद्ध” आंदोलन की शुरुआत की है।


1.5 लाख चयनित अभ्यर्थियों के साथ अन्यायः

सेना बलों में भर्ती के लिए 2019 से 2022 के बीच पहले से चयनित लगभग 1.5 लाख युवाओं को ज्वाइनिंग से वंचित कर दिया गया। इनमें एयरफोर्स के 7,000 युवा शामिल थे, जिन्होंने अपनी सारी प्रक्रिया पूरी कर ली थी और केवल ज्वाइनिंग लेटर की प्रतीक्षा में थे।इन भर्तियों को अग्निपथ योजना के तहत रद्द कर दिया गया, जिसमें नर्सिंग असिस्टेंस आर्मी (मेडिकल कोर) के लगभग 2,500 नर्सिंग असिस्टैंट्स भी शामिल थे, जिन्हें भर्ती के बाद ज्वाइनिंग लेटर का इंतजार था।2019 से 2021 के बीच आर्मी में की गई लगभग 97 भर्तियां भी रद्द की गईं, जिससे युवाओं से एकत्रित किया गया लगभग 100 करोड़ रुपए का शुल्क भी अनुत्तरित रह गया। देश के करोड़ों युवा, जो देश के लिए मर मिटने और भारतीय सेना में सेवा करने के लिए तैयार हैं, उनका भविष्य अग्निपथ योजना के कारण अंधेरे में पहुंच गया है। भाजपा की राजनीतिक चालबाजियों ने इन युवाओं की मेहनत और आशाओं को नष्ट कर दिया है।


अग्निपथ योजनाः

भाजपा सरकार द्वारा अग्निपथ योजना की शुरुआत ने सैन्य सेवा के पथ को बाधित करने के साथ ही हमारे युवाओं और रक्षा बलों के भविष्य पर गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है। भारतीय सेना, जो हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता की प्रतीक है, इस योजना से प्रभावित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत युवाओं को केवल चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और फिर उनमें से अधिकांश को सेवामुक्त कर दिया जाएगा, जिससे वे फिर से बेरोजगारी की स्थिति में आ जाएंगे।अग्निपथ योजना हमारे सुरक्षा बलों के शौर्य, पराक्रम और अटूट समर्पण के मूल सिद्धांतों पर हमला है। यह केवल सैन्य संरचना का परिवर्तन नहीं है, बल्कि हमारे राष्ट्र की अस्मिता और स्थायी विरासत को खतरे में डाल सकती है। हमारी ज़िम्मेदारी है कि इस तानाशाही फ़रमान के ख़लिफ़ सामूहिक रूप से अपनी असहमति व्यक्त करें और राष्ट्र की रक्षा प्रणाली की पवित्रता को संरक्षित करें।

अग्निपथ योजना के नुकसानः

1 कम वेतन और सम्मान का अभावः

a. अग्निपथ में चयनित युवाओं को रेगुलर सेना के जवानों से कम वेतन मिलता है (कुल मासिक तनख्वाह केवल 21 हजार रुपए के आस-पास है, जबकि रेगुलर सैनिकों को 45 हजार रुपए होते हैं)।

b. इन युवाओं को ’डियरनैस अलाउंस’ और ’मिलिट्री सर्विस पे’ की भी सुविधा नहीं मिलती।

c. शहीद होने के बाद भी उन्हें शहीद का दर्जा नहीं मिलता, जिसके परिणामस्वरूप उनके परिवार को वह सहयोग और सहारा राशि नहीं मिलती, जो एक रेगुलर सेना के जवान को मिलती है।

d.उदाहरण के तौर पर, एक रेगुलर सेना के जवान को 15 साल तक पूरे पे मिलते हैं और उनकी पेंशन उनकी ताउम्र तक मिलती है, जबकि अग्निपथ में चयनित युवा के परिवार को इसका लाभ तब मिलता है, जब तक पत्नी और माता-पिता जीवित रहते हैं।

e. अग्निपथ में चयनित युवा किसी भी प्रकार के चिकित्सा और अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते हैं, जो रेगुलर सेना के जवानों को मिलता है, जैसे कि :

1 15 साल तक फुल पे मिलती तथा रिटायरमेंट उम्र आने पर यह पे, उसकी फैमिली पेंशन में तब्दील हो जाती, जो कि ताउम्र उसके परिवार को मिलती रहती, जब तक पत्नी व माता-पिता जीवित रहते है।

2 आम सैनिक की शहादत पर दिए जाने वाले 75 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस मिलता है।

3 55 लाख रुपए एक्स-ग्रेशिया अमाउंट जितनी राशि मिलती है।

4 मेडिकल फैसिलिटी मिलती है।

5 CSD फैसिलिटी मिलती है।

6 सभी तरह के मिलिट्री बेनेफिट जो सरकार कभी भी अनाउंस करती, वह मिलता है।


2. चार साल बाद भी फिर से बेरोजगारी का सामनाः

a. अग्निपथ में चयनित युवाओं को स्थाई नौकरी की गारंटी नहीं होती, जिसके कारण उन्हें असुरक्षित महसूस करना पड़ता है।

b. पहले की नियुक्तियों को खारिज़ किया जानाःअग्निपथ के आने के बाद पूर्व की भर्ती प्रक्रिया से चयनित उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग देने से मना किया जाता है, जिनकी संख्या 1.5 लाख है।


3. अग्निवीर को ’रिटायरमेंट’ के बाद यह नहीं मिलेगाः

a. ग्रेच्युटी, मेडिकल फेसिलिटीज़, पेंशन, कैंटीन फैसिलिटी, पूर्व सैनिक का दर्जा, पूर्व सैनिकों और उनके बच्चों के लिए आरक्षित वैकेंसी, बच्चों को छात्रवृत्ति और कोई भी मिलिट्री बेनिफिट, जो सरकार कभी भी रेगुलर सैनिकों के लिए अनाउंस करेगी, वह सब नहीं मिलेगा।


4. करिअर के अवसर की कमीः

a.आरटीआई के अनुसार, 2022-23 में आवेदन करने वालों की संख्या 34 लाख थी, जो 2023-24 में 10 लाख के करीब हो गई है। इसका स्पष्ट संकेत है कि युवाओं का सेना की ओर रुझान अब घट रहा है।

b.हाल के दिनों में यूपी कांस्टेबल की भर्ती में 50 लाख से भी अधिक आवेदन किए गए हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 4 साल के अग्निवीर बनने की जगह, वे दूसरे क्षेत्रों में रोजगार की खोज कर रहे हैं।


जय जवान आंदोलनः अन्याय के विरूद्ध, न्याय का युद्ध

श्री राहुल गांधी जी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान युवाओं से मुलाकात की, जो आज अपनी भर्ती का इंतज़ार कर रहे हैं, और उनकी पीड़ा को सुनी। राहुल जी ने इन युवाओं के साथ बातचीत की और वादा किया कि हम सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे को उठाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा लाखों युवाओं और हमारी फ़ोर्सेज़ के ख़लिफ़ हुआ अन्याय के विरुद्ध, राहुल गांधी जी ने 31 जनवरी को बिहार की धरती से “जय जवान“ आंदोलन की शुरुआत की है।


जय जवान आंदोलन की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैंः

1 चयनित अभ्यर्थियों की तत्काल सेना में जॉइनिंग : हम मांग करते हैं कि 1.5 लाख युवाओं, जिन्हें आर्मी, एयरफोर्स, और नेवी में चयनित किया गया है, उन्हें बिना किसी विलंब के उनकी जॉइनिंग प्रदान की जाए। विशेष रूप से, जिन 7,000 युवाओं को एयरफोर्स में और 2,500 नर्सिंग असिस्टेंट को आर्मी में जॉइनिंग नहीं मिली, उन्हें तुरंत सेवा में शामिल किया जाए। इन युवाओं को उचित सम्मान और आयु सीमा में उचित छूट भी प्रदान की जानी चाहिए।


2 अग्निपथ योजना की तत्काल समाप्ति : हम सरकार से आग्रह करते हैं कि अग्निपथ योजना को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए। इस योजना ने युवाओं के बीच अनिश्चितता और निराशा का माहौल पैदा किया है। हमारी मांग है कि सरकार द्वारा पहले लागू की गई पुरानी और स्थायी भर्ती प्रक्रिया को पुनः लागू किया जाए, जिससे युवाओं को निश्चिंतता और सुरक्षित भविष्य प्राप्त हो सके।

यह संघर्ष मात्र 1.5 लाख से अधिक चयनित युवाओं का नहीं है, जिन्हें सरकार ने न्याय से वंचित किया है, बल्कि यह हर वो युवा के लिए है जो सेना में सेवा करने का सपना देखता है। यह उन सभी युवाओं के लिए न्याय की लड़ाई है।

हम सभी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य, इस अन्याय के खिलाफ़ खड़े हैं और युवाओं के सपनों और भारत की सैन्य विरासत की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस अन्याय के खिलाफ न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे। इस अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई में आपका समर्थन और भागीदारी इस तानाशाह सरकार को “न्याय“ दिलाने के लिए मजबूर करेगी।


इस अभियान को तीन चरणों में व्यापक रूप से आयोजित किया जा रहा है, जो 31 जनवरी से लेकर 20 मार्च तक चलेगा।

पहला चरणः संपर्क

लक्ष्यः देशभर में 30 लाख परिवारों तक यात्रा पहुँचाना

समयसीमाः 28 फरवरी तक

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा “न्याय पत्र“ (एक फॉर्म और लीफलेट के साथ) को रक्षा परिवारों (वर्तमान/पूर्व) और सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं से संपर्क करके उन्हें इस आंदोलन से जुड़ने और समर्थन देने के लिए मांग करना है।

नोटः “न्याय पत्र“ को परिवारों द्वारा उनके हस्ताक्षर के साथ भरा जाएगा, और यह जानकारी डिजिटल रूप में रिकॉर्ड की जाएगी, साथ ही घर के दरवाजे पर न्याय पत्र का स्टिकर लगाया जाएगा।

दूसरा चरणः सत्याग्रह

लक्ष्यः अधिक से अधिक युवाओं और उनके परिवारों तक पहुँचना, जानकारी इकट्ठा करना और चल रहे अभियान से अवगत कराते हुए उन्हें जोड़ना।

समय सीमाः 5 मार्च से 10 मार्च

सभी ब्लॉकों/शहरों में धरना आयोजित करना और Coordination Committee का गठन करना है। यह धरना शहीद चौक या गांधी चौक पर आयोजित किया जाएगा (सामान्यतः हर शहर के पास अपना शहीद चौक या गांधी चौक होता है)।

तीसरा चरणः पदयात्रा

लक्ष्यः पैदल यात्रा (न्याय यात्रा) सभी जिलों में 50 किलोमीटर तक करने का लक्ष्य।

समय सीमाः 17 मार्च से 20 मार्च

प्रत्येक जिले में जवानों के लिए “न्याय यात्रा“ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 50 किलोमीटर की पदयात्रा की जाएगी। इस यात्रा को Coordinators Committee और न्याय योद्धाओं के नेतृत्व में किया जाएगा।


पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, प्रदेश संयोजक जय जवान आंदोलन अभिषेक कसार, मीडिया संयोजक तुषार गुहा, जिला संयोजक राहुल तिवारी, जिला संयोजक राजिक खान उपस्थित थे।


8 फरवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा छत्तीसगढ़ सीमा में प्रवेश करेगी


*प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को उड़ीसा कांग्रेस के अध्यक्ष झंडा सौंपेंगे*



रायपुर/07 फरवरी 2024। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा 8 फरवरी को उड़ीसा से छत्तीसगढ़ सीमा में प्रवेश करेगा। छत्तीसगढ़ की सीमा में रेंगारपाली चेक पोस्ट में उड़ीसा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज को झंडा प्रदान किया जाएगा। भारत जोड़ो न्याय यात्रा 9 एवं 10 फरवरी को 2 दिन अवकाश के पश्चात 11 फरवरी को जिला रायगढ़ के दर्रामुंडा से महात्मा गांधी प्रतिमा स्थल के लिए रवाना होंगी। रात्रि विश्राम भैसमा के शासकीय प्यारेलाल महाविद्यालय के पास होगा। 12 फरवरी को जिला कोरबा के सीतामढ़ी चौक कोरबा से पदयात्रा शुरू होगी। रात्रि विश्राम शिवनगर थाना तारा के पास जिला सुरजपुर में होगा। 13 फरवरी को जिला सरगुजा के रायगढ़ बस स्टैंड चौक (उदयपुर) से पदयात्रा प्रारंभ होगी और रात्रि विश्राम झींगो जिला बलरामपुर में होगी। 14 फरवरी को जिला बलरामपुर के पुराना सर्किट हाउस से पदयात्रा प्रारंभ होगी जिसका समापन छत्तीसगढ़ की सीमा रामानुजगंज जिला बलरामपुर में होगा और सीमा पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को राष्ट्रीय ध्वज का आदान-प्रदान भी होगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक स्वागत होगा। छत्तीसगढ़ के लोग तथा छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी की यात्रा के स्वागत को लेकर उत्साहित है। हम सब प्रसन्न है कि राहुल गांधी जी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा छत्तीसगढ़  आ रही है। 14 जनवरी 2024 को मणीपुर से मुंबई तक शुरू हुई यह न्याय यात्रा 67 दिनों में 110 जिलों से गुजरते हुये 6700 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करेगी। छत्तीसगढ़ में यह यात्रा राज्य के 7 जिलों से होकर गुजरेगी तथा 536 किलोमीटर 5 दिनों तक राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में पैदल चलेंगे। भुखमरी, महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली, सांप्रदायिक विद्वेष के दौर में राहुल गांधी की न्याय पदयात्रा लोगों के जख्मों में मरहम साबित होगी।