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संसद में संविधान (जम्मू -कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक 2024 पारित

  संसद ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 और संविधान (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 भी ...

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संसद ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 और संविधान (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 भी पारित किया

7 पीवीटीजी सहित 50 से अधिक समुदाय; कई ध्वन्यात्मक विभाजन/पर्यायवाची; और कुछ नए समुदायों को जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की एसटी की सूची में शामिल किए जाने की तैयारी

सरकार जनजातीय समुदायों की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है: श्री अर्जुन मुंडा

ये विधेयक कमजोर जनजातीय समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित करेंगे: डॉ. भारती प्रविण पवार

प्रविष्टि तिथि: 11 FEB 2024 9:43AM by PIB Delhi

सरकार जनजातीय समुदायों की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखते हुए उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात केंद्रीय जनजातीय कार्य; कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने संसद द्वारा जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के जनजातीय समुदायों की काफी अर्से से लंबित मांग को पूरा करने के लिए तीन विधेयकों को पारित किए जाने के संबंध में कही।

 

संसद द्वारा संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024, 'पहाड़ी जातीय समूह, पद्दारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मण' समुदायों के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की एसटी की  सूची में समावेशन के लिए पारित किया गया। राज्यसभा ने 9 फरवरी 2024 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संबंध में संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश, 1989 में संशोधन संबंधी विधेयक पारित किया था। इससे पहले यह विधेयक 6 फरवरी 2024 को लोकसभा में पारित हो चुका था।

 (Link: https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=2003288).

इससे पहले, 8 फरवरी 2024 को लोकसभा द्वारा आंध्र प्रदेश के संबंध में संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 और ओडिशा के संबंध में संविधान (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024, उनकी संबंधित सूची में अनुसूचित जनजातियों के समावेशन  को प्रभावी बनाने के लिए पारित किए गए थे। लोकसभा में संशोधन विधेयक केंद्रीय जनजातीय कार्य; स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने पेश किया। यह विधेयक पहले 6 फरवरी 2024 को राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था।

उन्होंने कहा कि सरकार देश के जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को न्याय मिलेगा।