भिलाई. असल बात न्यूज़. स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में अंतरिम बजट के तहत वाणिज्य विभाग में “ओपन फोरम” का आयोजन कराया गया। एक...
भिलाई.
असल बात न्यूज़.
स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में अंतरिम बजट के तहत वाणिज्य विभाग में “ओपन फोरम” का आयोजन कराया गया। एक फरवरी 2024 को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश किया गया। बजट में सरकार अपने साल भर की आमदनी एवं खर्च का ब्योरा संसद के जरिए देश के सामने रखती है जबकि अंतरिम बजट की खास बात ये होती है की ये बजट पूरे साल के लिए न होकर कुछ महिनों के लिए होता है।
इसी के तहत कॉलेज में प्राध्यापकों और छात्रों ने अपने विचार रखे इस आयोजन का उद्देश्य विधार्थियो को बजट के द्वारा विकास की नीतियां कैसे बनाई जाती है तथा वित्त का क्रियान्वन कैसे होता है इससे अवगत कराना था।
कार्यक्रम कि शुरूवात में डॉ. शर्मिला सामल ने बताया कि अंतरिम बजट ने ज्ञान शब्द का उल्लेख किया जिसमें (GYAN) –“ग” से गरीब “य” से युवा “अ” से अन्नदाता और ”न“ नारी शक्ति इस बजट कि मुख्य बिंदु है।
महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा एवं डॉ. मोनिशा शर्मा ने वाणिज्य विभाग के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस परिचर्चा से छात्रों को बजट में रूचि विकसित होगी और इसके व्यावहारिक महत्व को समझ सकेंगे।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वाणिज्य के छात्रों को बजट की बारीकियों से अवगत होना चाहिए जिससे वो अपने कार्यक्षेत्र में इसका सही उपयोग कर सकते है।
स.प्रा. वाणिज्य विभाग दीपाली किंगरानी ने बताया कि इस साल भी टैक्स स्लैब की जानकारी दी और कहा की इसमें कोई परिवर्तन नहीं रहा।
अपना विशेष योगदान देते हुए स.प्रा. अंग्रेजी हितेश सोनवानी ने बच्चों को बजट की बारीकियों को रेखांकित करते हुए बजट की नई शब्दावली के बारे में बताया जैसे जीडीपी का नया अर्थ- विकास, प्रदर्शन, ग्रोथ, डेवलपमेंट व परफॉरमेंस। एफडीआई- फर्स्ट डेवलप इंडिया। स.प्रा. वाणिज्य विभाग अमरजीत ने चर्चा में बताया की राजकोषीय घाटे 5.1 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है।
कार्यक्रम में विधार्थियो को विचार व्यक्त करने का मौका दिया गया जिससे विधार्थी बजट के बारीकियों को समझ सके जिसमें नेहा रॉय, यामिनी ध्रुव और चंचल झानवर ने बताया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार हेतु राशि आबंटन करना अनुक्रमनीय प्रयास है। नेहा रॉय ने बताया कि बजट में सभी क्षेत्रों के ऊपर ध्यान दिया गया है। स्किल इंडिया के तहत युवाओं को ट्रेनिंग देने का कार्य किया जाएगा। नए मेडिकल कॉलेज और आईआईटी की स्थापना से उच्च शिक्षा को नए आयाम मिलेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में रिसर्च और डेवेलपमेंट अवसर प्राप्त होंगे
कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में स.प्रा. वाणिज्य विभाग फिजा परवीन ने बताया कि इस अंतरिम बजट का प्रभाव कैसा रहेगा। वित्तीय वर्ष 2024.25 के लिए कुल व्यय रू 47.66 लाख करोड़ और कुल प्राप्तियां रू 30.80 लाख करोड़ है। सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के नारे को मजबूती से निभाया और प्रस्तावों से नीतिगत सुधारों की निरंतरता बनी हुई है और अंत में समापन में कहा कि लोकतंत्र के स्तंभों की पूर्ति के साथ धन के वितरण की समानता को बढा़एगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमति खुशबू पाठक, विभागाध्यक्ष प्रबंधन ने भी विशेष योगदान दिया।