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नाबालिग बालिका की जघन्य हत्या करने वाले आरोपी नाबालिग को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा, नेवई थाना क्षेत्र का बहुचर्चित प्रकरण

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00 अवयस्कों के द्वारा लैंगिक हमला कारित  करने के अपराध बढ़े

00  थोड़े से विवाद पर जानलेवा हमले पर उतारू हो जा रहे हैं अवयस्क

दुर्ग.

असल बात न्यूज़.. 

 एक नाबालिग लड़के के द्वारा नाबालिग लड़की की दिल दहला देने वाले तरीके से हत्या कर देने तथा साक्षय छुपाने की कोशिश करने के मामले में दोषसिद्ध होने पर न्यायालय ने 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी बालक न्यायालय दुर्ग ने यह सजा सुनाई है. न्यायालय ने बालिका की जिस तरह से हत्या की गई और आरोपी ने साक्षय छुपाने के लिए जिस तरह से प्रयास किया उससे उसे दंड देने में नरमी बरतना उचित नहीं माना. घटना के समय आरोपी की उम्र 17 वर्ष और कुछ महीने थी और अब वह 21 वर्ष का हो गया है. न्यायालय ने मृत अव्यस्क बालिका के परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि देने की भी अनुशंसा की है.

 यह घटना दुर्ग जिले के नेवई थाना क्षेत्र के अंतर्गत की है. घटना 13 जून  2019 की है और एक दिन बाद इसमें f i rदर्ज किया गया. आरोपी ने बालिका को उसके सिर पर कुदाली से हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया और उसके बाद उसके शरीर को काफी दूर तक घसीटते हुए साक्षय को छुपाने की कोशिश की.इसके बावजूद बालिका की वहां मृत्यु नहीं हुई थी उसे उपचार के लिए सेक्टर 9 अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां बाद में उसकी मौत हो गई.

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 अभियोजन के अनुसार पीड़िता की पहचान श्रृंखला यादव के रूप में हुई है. उसकी उम्र लगभग 17 वर्ष थी तब उसे यह भीषण अत्याचार लैंगिक हमला झेलना पड़ा. आरोपी उसे बार-बार प्रताड़ित करता था. आरोपी लैंगिक आशय से उसका बार-बार पीछा कर लैंगिक उत्पीड़न करता था. आरोपी ने घटना के दिन साआशय जानकारी रखते हुए पीड़ित को रोक लिया और उसके सर पर कुदाली से हमला किया. कुदाली से गंभीर हमले से पेड़ का बुरी तरह से घायल हो गई थी तब आरोपी ने उसे काफी दूर तक घसीटते हुए एक घर के पीछे ले जाकर फेंक दिया.इस तरह से अपराध के साक्षी को छिपाने की कोशिश की. आसपास के बच्चों ने उसे जख्मी अत्यंत लहूलुहान  हालत में देख लिया तब पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया जा सका.

 न्यायालय ने  आरोपी के खिलाफ अपराध  सिद्ध पाया. न्यायालय ने दोस्त सिद्ध होने पर भारतीय दंड संहिता की  धारा 302 के अपराध में 20 वर्ष के सश्रम कारावास तथा ₹2000 अर्थ दंड की सजा सुनाई है. प्रकरण में अपर लोक अभियोजक श्रीमती पूजा मोंगरी ने अवयस्क बालिका पर खूनी संघातिक हमला करने और निर्ममतापूर्वक उसे खींच कर ले जाने के तरीके से हत्या कारित करने के अपराध में आरोपी को कठोर दंड देने का तर्क किया