भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली भारत की होगी पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान "गगनयान" अगले वर्ष अंतरिक्ष ...
भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली भारत की होगी पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान
"गगनयान" अगले वर्ष अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया जाएगा
देश की पहली महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री "व्योममित्र" अगले 3 महीने के भीतर अंतरिक्ष में उड़ान भरने जा रही है.इसरो के महत्वाकांक्षी "गगनयान" मिशन से यह सफलता मिलने जा रही है. महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजना इसरो की एक बड़ी सफलता होगी. इसरो इसके बाद "गगनयान" मिशन शुरू करेगा मानव युक्त अंतरिक्ष यान होगा."व्योममित्र" भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने वाली भारत की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान होगी।
मानवरहित "व्योममित्र" मिशन इस वर्ष की तीसरी तिमाही मैं प्रक्षेपित किये जाने की संभावना है, जबकि मानवयुक्त मिशन "गगनयान" अगले वर्ष अर्थात 2025. में प्रक्षेपित किया जाना है।
"व्योममित्र" नाम संस्कृत के दो शब्दों "व्योम" (जिसका अर्थ है अंतरिक्ष) और "मित्र" (जिसका अर्थ है मित्र) से मिलकर बना है। मंत्री महोदय ने कहा कि यह महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री मॉड्यूल के मानकों (पैरामीटर्स) की निगरानी करने, चेतावनी जारी करने और जीवन रक्षक कार्यों (लाइफ सपोर्ट ऑपरेशन्स) निष्पादित करने की क्षमता से युक्त है। उन्होंने बताया कि यह छह पैनलों को संचालित करने और प्रश्नों का उत्तर देने जैसे कार्य कर सकता है।
गगनयान परियोजना में अंतरिक्ष यात्रियों के एक दल को 400 किलोमीटर की कक्षा में भेज कर और फिर इन मानव अंतरिक्ष यात्रियों को भारत के समुद्री जल में उतारकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष क्षमताओं के प्रदर्शन की परिकल्पना की गई है।
इसी बीच, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया है कि चंद्रयान 3, जो कि पिछले वर्ष 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था, अपनी सामान्य अपेक्षित प्रक्रिया का पालन कर रहा है और इसके द्वारा भेजी गई महत्वपूर्ण जानकारी समय के साथ आगे साझा की जाएंगी।