रायपुर. असल बात news. यहां अव्यस्क बालिका का व्यपहरण और बार-बार बलात्संग करने के आरोपी को आजीवन कारावास तथा अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. ...
रायपुर.
असल बात news.
यहां अव्यस्क बालिका का व्यपहरण और बार-बार बलात्संग करने के आरोपी को आजीवन कारावास तथा अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय pocso एक्ट फ़ास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय राकेश कुमार सोम के न्यायालय ने यह सजा सुनाई है. ने आरोपी के अपराध को गंभीरतम प्रवृत्ति का माना तथा उसे दंड देने में कोई छूट देना उचित नहीं माना. न्यायालय ने पीड़िता को शारीरिक मानसिक हानि और पुनर्वास हेतु प्रतिकर क्षतिपूर्ति राशि दिलाने की भी अनुशंसा की है.
यह प्रकरण उर्ला आरक्षी केंद्र के अंतर्गत जुलाई 2019 का है. प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद से आरोपी न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध है. अभियोजन पक्ष के अनुसार मामले का तथ्य इस प्रकार है कि प्रकरण में पीड़िता के पिता के द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि उसकी पुत्री पीड़िता घर से बिना बताए कहीं चली गई है और घर वापस नहीं आई. आसपास तथा रिश्तेदारों के यहां पूछताछ करने जानकारी लेने पर भी उसका कहीं पता नहीं चला. मामले में पुलिस के द्वारा अपराध कायम कर विवेचना शुरू की गई.
न्यायालय ने माना कि प्रकरण में यह तथ्य स्पष्ट प्रमाणित हुआ कि अभियुक्त पीड़िता को संरक्षक की सहमति के बिना,अपने साथ लेकर गया. इसके पश्चात 18 जुलाई 2019 से 21 जुलाई 2019 तक की अवधि में पीड़िता के साथ एक से अधिक बार शारीरिक संबंध बनाया.अभियुक्त ने पीड़िता को व्यपहरण यह जानते हुए किया था कि वह युक्त संभोग के लिए विवश की जाएगी. न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त का यह कृत्य अपराध पीड़िता के प्रति ही ना होकर संपूर्ण सामाजिक व्यवस्था को प्रभावित करने वाला गंभीर अपराध होकर अत्यंत गंभीर प्रकृति का अपराध है.
न्यायालय के द्वारा अभियुक्त के खिलाफ 18 वर्ष से कम आयु की पीड़िता को उसके विधि पूर्ण संरक्षक के सहमति के बिना ले जाकर व्यपहरण कारित करने और एक से अधिक बार शारीरिक संभोग कर बलात्कार करते हुए गुरुत्तर प्रवेशन लैंगिक हमला कारित करने के अपराध में भारतीय दंड क्षेत्र की धारा 363 मैं 2 वर्ष, धारा 366 के अपराध में 5 वर्ष, और धारा 376 (2) के अपराध में अजवाइन कारावास की सजा सुनाई गई है. यह सभी सजाएं एक साथ चलेगी.