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वनों की अग्नि से सुरक्षा तथा तेन्दूपत्ता बूटा कटाई पर कार्यशाला

 कवर्धा कवर्धा,जिला स्तरीय तेन्दूपत्ता शाखकर्तन प्रशिक्षण एवं वनों को अग्नि से बचाव पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर जिल...

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 कवर्धा


कवर्धा,जिला स्तरीय तेन्दूपत्ता शाखकर्तन प्रशिक्षण एवं वनों को अग्नि से बचाव पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन के संचालक मण्डल के अध्यक्ष श्री दुखीराम धुर्वे, संघ प्रतिनिधि श्री टुमनसिंह, सदस्य श्री सियाराम पाली, श्री टीकाराम बारले, श्री सुदर्षन साहू,  उप वन मंडलाधिकारी कवर्धा, स.लोहारा, पण्डरिया एवं परिक्षेत्राधिकारी पंडरिया पूर्व, पंडरिया पष्चिम, रेंगाखार, कवर्धा के अतिरिक्त प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के फड़मुंशी, फड़ अभिरक्षक व पोषक अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए वन मंडलाधिकारी श्री चूड़ामणि सिंह ने कहा कि जिला यूनियन कवर्धा अंतर्गत 40 हजार 100 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण लक्ष्य निर्धारित है। तेन्दूपत्ता संग्रहण से कबीरधाम जिले में 22 करोड़ रूपये का पारिश्रमिक वनवासियों को प्राप्त होता है, जिससे उनकी आवष्यकताओं की पूर्ति सहज ढ़ंग से हो जाती है। पारिश्रमिक राशि में वृद्धि हेतु आवष्यक है कि शाखकर्तन कार्य सही ढंग से हो। शाखकर्तन के फलस्वरूप निकलने वाले पत्ते न केवल अधिक मात्रा में आते है बल्कि उनके आकार में वृद्धि तथा रंग रूप में भी गुणात्मक सुधार होता है।


शाखकर्तन सही ढंग से करने पर मिलेगा बोनस का लाभ


वनमंडलाधिकारी श्री चुनामाणि सिंह ने बताया की उच्च गुणवत्ता वाले तेन्दूपत्तों का विक्रय अधिक दर पर होने के फलस्वरूप ग्रामीणों को पारिश्रमिक के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि (बोनस) अधिक प्राप्त होता है। शाखकर्तन सही ढंग से करने पर लगभग 6 करोड तक बोनस का लाभ ग्रामीणों को दिलाया जा सकता है। उन्होंने बताया की अच्छी गुणवत्ता वाले तेन्दूपत्ते का संग्रहण करने एवं तेन्दूपत्ता संग्रहण दर, लघु वनोपज दरो का ग्राम स्तर पर दीवाल लेखन, बैनर, पोस्टर, के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के लिए निर्देशित किया गया है ताकि संग्राहको को तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक के अतिरिक्त तेन्दूपत्ता बोनस भी प्राप्त हो सके। वर्ष 2024 का शाखकर्तन कार्य 15 फरवरी से प्रारंभ कर 15 मार्च की अवधि में मौसम की अनुकुलता को देखते हुवे संपन्न करने के लिए समस्त उपस्थित पोषक अधिकारी, फड़ अभिरक्षक, फड़मुंशी को निर्देश दिए गए है.


 शासन के योजनाओ से किया गया लाभांवित


वनमंडलाधिकारी श्री चुनामाणि सिंह ने बताया की वर्ष 2023 में कवर्धा वन मण्डल में 32347.170 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित किया गया। जिसके फलस्वरूप 12 करोड़ 93 लाख 88 हजार की राशि 28589 संग्राहको को प्रदाय की गई। वर्ष 2022 सीजन के प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि 05 करोड 89 लाख 57 हजार रुपए का 29397 संग्राहको को वितरण की जानकारी भी दी गई। समस्तो को निर्देषित किया गया कि प्रत्येक संग्राहक कम से कम 500 गड्डी अवस्य संग्रहण करें। इससे जन कल्याणकारी योजना का भी ग्रामीणो का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया की जन कल्याणकारी योजना मे शहीद महेन्द्र कर्मा योजना, छात्रवृत्ति योजना मे  228 ग्रामीणों का 1 करोड़ 27 लाख 87 हजार रुपए तथा 193 छात्र, छात्राओं को 31 लाख 50 हजार रुपए इसके अतिरिक्त प्रतीभाशाली 157 छात्र, छात्राओं को 29 लाख 45 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई ।


प्रशिक्षण मे वनो को अग्नि से बचाने और आग लगने पर उसे कैसे बुझाएं इस संबंध मे विस्तृत जानकारी दी


वनमंडलाधिकारी ने लघु वनोपज सहकारी समितियों के संचालक मंडल के सदस्यों तथा फड़ मुंशीयो, फड़ अभिरक्षकों, परिक्षेत्र अधिकारियों तथा उप वन मंडलाधिकारियों को वनो को अग्नि से बचाने और आग लगने पर उसे कैसे बुझाएं इस संबंध मे विस्तृत जानकारी प्रशिक्षण में दी गई तथा प्रायोगिक रूप से फायर ब्लोवर, अग्नि सुरक्षा की जंगल में अग्नि पट्टी काटकर आग को बुझाने का जीवंत प्रदर्शन करके दिखाया गया। जिससे आगामी ग्रीष्म ऋतु में कवर्धा वनमण्डल के जंगलो को आग लगाने से बचाया जा सके।


दीवाल लेखन, बैनर, पोस्टर, नुक्कड़ नाटक के माध्यम जंगलो को अग्नि से बचाव करने के दिए निर्देश


वनमण्डलाधिकारी कवर्धा द्वारा प्रशिक्षण में दीवाल लेखन, बैनर, पोस्टर, नुक्कड़ नाटक के माध्यम जंगलो को अग्नि से बचाव करने के निर्देश दिए। जनप्रतिनिधियों को शाखकर्तन कार्य का निरीक्षण करने तथा अग्नि घटनाओं की सूचना देने की अपील की। कार्यशाला में यह तथ्य सामने आया कि वनो में अग्नि लगाने में महुआ संग्राहकों की लापरवाही का अधिक योगदान है। उन्होंने निर्देशित करते हुवे कहा कि इस वर्ष वन परिक्षेत्र पष्चिम पंडरिया, स.लोहारा तथा तरेगांव के 10 ग्रामों में फूड ग्रेड महुआ संग्रहण किया जाए, जिससे अग्नि घटनाओं में कमी आयेगी तथा ग्रामीणों को अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा। अंत में वनो को अग्नि से बचाने के लिए जनप्रतिनिधियों, पंच-सरपंचों, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के अध्यक्ष, सदस्यों तथा वन प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ ग्रामीणों में जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया