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Breakig,देखिए, जिला शिक्षा अधिकारियों का कच्चा चिट्ठा, पिछले 2 साल में राज्य में जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किया गया है 20 प्रकरण

छत्तीसगढ़. असल बात न्यूज़.   राज्य में पिछले दो वर्ष के दौरान अनिमित भ्रष्टाचार गबन से संबंधित शिकायत के बीस मामलों में जिला शिक्षा अधिकारिय...

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छत्तीसगढ़.

असल बात न्यूज़. 

 राज्य में पिछले दो वर्ष के दौरान अनिमित भ्रष्टाचार गबन से संबंधित शिकायत के बीस मामलों में जिला शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.इन मामलों में 16 जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है, वहीं विभागीय जांच की जा रही है.इन शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ निशुल्क शिक्षा के अधिकार में अनियमितता, अनुकंपा नियुक्ति मे लेनदेन, अपात्र अभ्यर्थियों की नियुक्ति तथा पदोन्नति प्रक्रिया  का पालन नहीं करने के जैसी शिकायतें  हैं. इसमें तीन शिक्षा अधिकारी सेवानिवृत हो गए हैं. वही दो शिक्षा अधिकारियों को  माननीय न्यायालय से राहत मिली है. विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी सामने आई है.

 सदस्य सुशांत शुक्ला ने सदन में इस सम्बन्ध मे जानकारी पूछी थी. उन्होंने सवाल किया क्या वर्ष 2020 से 10 जनवरी 2024 तक जिला शिक्षा अधिकारियों पर अनिवार्यता भ्रष्टाचार गबन के संबंध में शिकायत के आधार पर विभाग द्वारा जांच की गई और किन-किन के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. इसका जवाब देते हुए विभागीय मंत्री स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने लिखित उत्तर में बताया है कि जांजगीर-चंपा, बेमेतरा, बिलासपुर, बालोद, राजनांदगांव, रायपुर, गरियाबंद, बस्तर, जशपुर, कोंडागांव, कोरबा, बलौदा बाजार, भाटापारा, सूरजपुर, कांकेर इत्यादि जिलों में इन मामलों में उक्त अवधि के दौरान कार्रवाई की गई है. यह अनियमितताये ऐसी बढ़ रही थी कि इन मामलों  में सिर्फ उक्त 2 वर्ष की अवधि के दौरान ही जांजगीर-चांपा जिले में एक जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ तीन बार सीखने प्राप्त हुई और कार्रवाई की गई.गरियाबंद, बलौदा बाजार भाटापारा और कोंडागांव जिले में दो-दो शिक्षा अधिकारियों पर कार्यवाही की गई.

 सदन में लिखित में दी गई जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा में उक्त अवधि में उपसंचालक के एस तोमर सदस्य थे. उनके खिलाफ अनुकंपा नियुक्ति में अनियमितता,अनुदान प्राप्त संस्था में भर्ती में अनियमितता,तथा निशुल्क शिक्षा के अधिकार में अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई थी. श्री तोमर को पहले शिकायत पर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया था और अनुदान प्राप्त संस्था में  भरती में अनियमितता के मामले में उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है. इसके बाद निशुल्क शिक्षा के अधिकार में अनियमितता के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी श्री तोमर जोकि पूर्व में निलंबित हो चुके थे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया. उप संचालक श्री तोमर अभी सेवानिवृत हो चुके हैं. बेमेतरा की तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी प्राचार्य श्रीमती मधुलिका तिवारी के खिलाफ भी ऐसी ही शिकायतें थी.उनके खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई  जा रही है. उक्त जिलों का यह मामला वर्ष 2020 के दौरान का है. बिलासपुर जिले में वर्ष 2021 के दौरान तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी प्राचार्य पी दासरथी के खिलाफ अपात्र अभ्यर्थियों की अनुकंपा नियुक्ति की शिकायत के मामले में कार्रवाई की गई और उन्हें निलंबित किया गया है.

 राजनांदगांव जिले के जिला शिक्षा अधिकारी उपसंचालक हेतराम सोम के खिलाफ वर्ष 2021 में नियम विरुद्ध अनुकंपा नियुक्ति की शिकायत प्राप्त हुई,जिसमे संभागीय स्तर पर जांच कराई गई. यह प्रकरण अभी शासन स्तर पर लंबित है.

 कोंडागांव जिले में वर्ष 2022 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी व्याख्याता राजेश मिश्रा के खिलाफ शिक्षकों का नियम विरोध युक्तियुक्तकरण, कलेक्टर दर पर  भृतयों की नियुक्ति,, बिना टेंडर के निजी संस्था को सीधे सामग्री आपूर्ति हेतु क्रय आदेश देने, शासन के दिशा निर्देशों को विपरीत अतिथि शिक्षकों विद्या मितानियों एवं सहायक ग्रंथपाल की नियुक्ति, शासन निर्देश तथा भंडार क्रय नियम के विपरीत शाला अनुदान की राशि से बाजार मूल्य से अधिक दर पर महापुरुषों के छायाचित्र का क्रय, समग्र शिक्षा हेतु जिले की शाला में फर्नीचर क्रय में नियम के विपरीत खरीदी व भुगतान की शिकायत पाई गई जिसमें उन्हें निलंबित कर दिया गया. इसके बाद इसी जिले में वर्ष 2023 में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल के खिलाफ सहायक शिक्षक एवं तीमार्ग के प्राथमिक शाला प्रधान पाठक की पदोन्नति पदस्थापना में अनियमितता की शिकायत पाई गई, जिसमें उन्हें भी निलंबित कर दिया गया है.





 बलौदा बाजार भाटापारा जिले में भी वर्ष 2023 के दौरान दो जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर पदोन्नति पदस्थापना में पुनः संशोधन करते हुए नियम विरुद्ध मनमाने तरीके से आदेश जारी करने की कार्रवाई में सन्नलिप्तता  पाए जाने पर कार्रवाई की गई. जिला शिक्षा अधिकारी उपसंचालक सी एल ध्रुव को माननीय उच्च न्यायालय में पारित आदेश के बाद निलंबन आदेश निरस्त करते हुए तत्काल सेवा में बाल करने के निर्देश के अनुरूप तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी बलौदा बाजार  भाटापारा में उपस्थित दी गई. वहीं इसी जिले के इस मामले में तत्कालीन प्राचार्य जिला शिक्षा अधिकारी आरके शर्मा के खिलाफ जांच की कार्रवाई प्रक्रिया अधीन है.बालोद जिले में वर्ष 2021 के दौरान तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी आर एल ठाकुर उपसंचालक के खिलाफ अनुकंपा नियुक्ति में लेनदेन की शिकायत प्राप्त हुई जिसमें उन्हें राज्य स्तर की जांच के बाद निलंबित कर दिया गया. बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया है और अभी शासन स्तर पर प्रकरण लंबित है.

 जयपुर जिले और  सूरजपुर जिले में वर्ष 2023 के दौरान तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारियों क्रमशः उपसंचालक जे के प्रसाद और प्राचार्य विनोद राय के खिलाफ जांच की कार्रवाई प्रक्रिया अधीन है..