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राजधानी में गुंडों-बदमाशों के हौसले बुलंद, किसी के भी मकान-जमीन पर चल रहा कब्जा का खेल

रायपुर। गत दिनों खम्हारडीह में एक व्यापारी के घर घुसकर मारपीट करने वाले एक आरोपी शकील अहमद ने फिर फाफाडीह के एक मकान में कब्जा कर लिया है।...

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रायपुर। गत दिनों खम्हारडीह में एक व्यापारी के घर घुसकर मारपीट करने वाले एक आरोपी शकील अहमद ने फिर फाफाडीह के एक मकान में कब्जा कर लिया है। मकान खाली करने कहने पर गाली-गलौच और मारपीट पर उतारू हो जाता है। जिसकी शिकायत सिटी सीएसपी, मौदहापारा थाना, गंज थाना में पीड़ित पक्ष की ओर से शिकायत की गई है। जिस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि नए एसएसपी ने चार्ज लेते ही फरमान जारी कर दिया है कि गुंडे सुधर जाए नहीं तो हम सुधार देंगे। इस वार्निंग का शहर के गुंडे-बदमाशों पर कोई असर नहीं हुआ है। वो तो पुराने ढर्रे पर अपनी दबंगई करने से बाज नहीं आ रहे है और जनता अपने संपत्ति के अवैध कब्जे के डर से भयभीत है।


सरकार बदले या न बदले गुंडे-बदमाशों का चाल चरित्र कभी भी नहीं बदलता है। वो तो ताल ठोंककर किसी के भी घर में घुसकर मारपीट, मकान में कब्जा, जमीन में कब्जा, या मकान खाली कराने और मकान किराए से देने के काम को अंजाम दे रहे है। बड़े-बड़े बिल्डर इन बदमाशों को मार्केटिंग का काम सौंप दिया है। सड़क से लगी कोई सी भी जमीन या मकान दिखा तो वो उसे हर हाल में कब्जा करके ही रहते है। गुंडे-बदमाश पुलिस के जुलूस और थाने में होने वाले रिमांड का खौफ नहीं है। अधिकतर गुंडा-बदमाश तो रोज सुबह थाने जाकर साहब को गुडमार्निंग करने जाते है और पुलिस वालों के साथ चाय पीकर दिन की शुरुआत करते है। इस तरह का संबंध तो जनता और पुलिस में होना चाहिए , लेकिन पुलिस वाले जनता के बजाय गुंडों को पूरे सम्मान के साथ हौसला अफजाई करते है। इसलिए पुलिस का खौफ गुंडों में है ही नहीं, पुलिस निरंकुश है,वो तो गुंड़ों की भाषा ही समझती है, पीड़ित आमजनता यदि गुहार लगा दे तो उसे ही हवालात की हवा खानी पड़ती है। जबकि गुंडे थाने में जाकर हवालात में रहने की बुकिंग करते है। ताकि पूरे एशोआराम से रिमांड के दिन कट जाए।

ज्ञात हो कि भूमि संपत्ति के मालिक मंगला विनोद कुमार शुक्ला, पूर्णिमा राजेश तिवारी, गीता राजेश शुक्ला, सुनीता परेश तिवारी एवं ऋतु अमित द्विवेदी के आम मुख्त्यार आसिफ मेमन आयु 47 वर्ष पिता हाजी अब्दुल रसीद निवासी रमण मंदिर फाफाडीह रायपुर तहसील व जिला रायपुर (छ.ग.)ने रिपोर्ट दर्ज कराया है कि मूल भूमि स्वामी के हक आधिपत्य की भूमि खसरा नं. 228/1, 471/1 रकबा क्रमश: 0.307 एवं 0.262 हे. कुल खसरा 2 कुल रकबा 0.569 है. स्थित ग्राम रायपुर खास पटवारी हल्का नं. 62 राजस्व निरीक्षक मण्डल रायपुर तहसील व जिला रायपुर जो कि दीक्षित बाड़ा रायपुर मौदहापारा रायपुर में स्थित है जिसे उक्त व्यक्ति शकील अहमद व्दारा जबरन कब्जा कर लिया गया है। एवं अवैध कब्जाधारी शकील पिता अहमद व अन्य लोग अनाधिकृत कब्जा कर उक्त भूमि पर काबिज हैं जिन्हें उक्त भूमि खाली किए जाने हेतु कहे जाने पर उनके द्वारा अनावश्यक गाली-गलौच कर जान से मारने की धमकी दिया जाता है।



शकील अहमद के द्वारा अपने साथ कुछ अन्य लोग जो कि मौदहा उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं को भी अपने अनाधिकृत कब्जा में बसा लिया गया है और जिनको उक्त भूमि खाली किए जाने कहने पर मरने मारने की बातें कर डराया धमकाया जाता है।
शकील अहमद आदतन अपराधी प्रवृत्ति का है जिसके विरुद्ध अनेक थानों में अपराध पंजीबद्ध हुआ है जिसे शकील अहमद के द्वारा अपने डर दबाव अनुचित प्रभाव में राजीनामा आदि के माध्यम से निपटा लिया गया है तथापि था मौदहापारा के अपराधिक पंजी में शकील अहमद का नाम का उल्लेख अनेक बार हुआ है।

शकील अहमद के द्वारा उक्तानुसार भूमि पर कब्जा कर लिए जाने के कारण भूमि स्वामी को अपने भूमि का उपयोग उपभोग करने में असुविधा हो रही है तथा शकील अहमद एवं उनके साथियों के द्वारा मरने मारने की बातें करने से आस पड़ोस का शांतिमय वातावरण में भय व्याप्त हो गया है, तथा उक्त स्थिति में किसी भी दिन अप्रिय एवं गंभीर अपराधिक घटना घटित हो सकता है।

अत: निवेदन है कि शकील अहमद के द्वारा अनाधिकृत कब्जा कर गाली गलौच एवं जान से मारने की धमकी दिए जाने के विरुद्ध उचित कार्यवाही कर उक्तानुसार अनाधिकृत कब्जा किए गए भूमि का कब्जा मुक्त कराए जाने की मांग एसएसपी औपर अन्य अधिकारियों से की है।